यात्री मोबाइल पर जानेंगे स्टेशन की अच्छाई और खामियां, एक क्लिक में मिल जाएगी पूरी जानकारी
यात्रियों की सुविधा के लिए उत्तर मध्य रेलवे अपने सभी स्टेशनों को जीआइएस मैपिंग करेगा। इससे यात्रियों को एक क्लिक में स्टेशन में अच्छाई बुराई का पता चल जाएगा। एनसीआर के प्रयागराज झांसी व आगरा मंडल के 405 रेलवे स्टेशन वर्ष 2031 तक इससे जुड़ेंगे। इसमें रास्ता टिकट काउंटर टायलेट या फूड स्टाल की लोकेशन दिखेगी। जिससे यात्रियों को भटकना नहीं पड़ेगा।

अमरीश मनीष शुक्ल, प्रयागराज। उत्तर मध्य रेलवे अपने सभी रेलवे स्टेशनों की जीआइएस (भौगोलिक सूचना प्रणाली) मैपिंग करेगा। प्रयागराज के नौ रेलवे स्टेशन समेत एनसीआर के प्रयागराज, झांसी व आगरा मंडल के 405 रेलवे स्टेशन वर्ष 2031 तक इससे जुड़ेंगे।
जीआइएस मैपिंग रेलवे का सिर्फ नक्शा नहीं देगा, बल्कि हर स्टेशन की पूरी कहानी बताएगा कि कहां क्या है? क्या कमी है? क्या करना चाहिए? ये एक तरह का "स्मार्ट मैनेजर" है, जो मोबाइल पर यात्रियों को समस्त जानकारी देगा।
जीआइएस मैपिंग एक डिजिटल नक्शा बनाने की तकनीक है, जिसमें हर स्टेशन की पूरी जानकारी को नक्शे पर लेयर (परतों) में जोड़ा जाता है। रेलवे सबसे पहले रेलवे स्टेशनों की सटीक लोकेशन, आसपास की सड़कें, भीड़-भाड़, और जमीन की बनावट जानने के लिए सैटेलाइट तस्वीरें और ड्रोन का इस्तेमाल करेगा। फिर प्लेटफार्म, टिकट काउंटर, टायलेट, पार्किंग, और अन्य सुविधाओं का ब्यौरा जोड़ेगा।
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स्टेशन की सटीक जियोग्राफिक कोआर्डिनेट्स (लैटिट्यूड-लान्गिट्यूड) रिकार्ड होंगी। एक खास जीआइएस साफ्टवेयर का इस्तेमाल होगा। इसमें हर स्टेशन का डेटा डिजिटल नक्शे पर डाला जाएगा। इसमें प्लेटफार्म, ट्रैक, और इमारतें, भीड़ का पैटर्न, टिकट बिक्री, सीसीटीवी, जीआरपी-आरपीएफ चौकी, और आपातकालीन निकास, टायलेट, प्रतीक्षालय, वाई-फाई जोन आदि शामिल होंगे।
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भारतीय रेल। जागरण
स्टेशनों पर सेंसर और आइओटी डिवाइस लगाए जाएंगे, जो भीड़, ट्रेन की स्थिति, या खराबी की जानकारी तुरंत जीआइएस सिस्टम को भेजेंगे। एआई और जीआइएस साफ्टवेयर मिलकर डेटा का विश्लेषण करेंगे और रेलवे कंट्रोल रूम में बड़े स्क्रीन, मोबाइल एप आदि पर सभी स्टेशनों का लाइव जीआएस मैप दिखेगा। सीपीआरओ शशिकांत त्रिपाठी ने बताया कि प्रयागराज जंक्शन समेत एनसीआर के सभी स्टेशन जीआएस मैपिंग से जुड़ेंगे। चरणबद्ध तरीके से यह प्रक्रिया पूरी होगी।
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जीआइएस मैपिंग से मिलेगा यह लाभ
- स्टेशन का डिजिटल नक्शा मोबाइल पर मिलेगा, जिसमें रास्ता, टिकट काउंटर, टायलेट, या फूड स्टाल की लोकेशन दिखेगी।
- यह रीयल-टाइम में वैकल्पिक रास्ते सुझाएगा, जैसे "प्लेटफार्म तीन पर भीड़ है, चार से जाओ।"
- स्टेशनों के आसपास हरियाली, कचरा प्रबंधन, पानी की स्थिति का पता चलेगा। इससे सोलर पैनल, रेनवाटर हार्वेस्टिंग जैसी योजनाएं बनाना आसान होगा।
- सीसीटीवी, पुलिस चौकी, और आपातकालीन निकास की सटीक जानकारी होगी। अगर कोई हादसा हो, तो तुरंत मदद भेजी जा सकेगी। जैसे अगर किसी स्टेशन पर आग लगे, जीआइएस तुरंत बता देगा कि निकटतम फायर ब्रिगेड कहां है।
- ट्रेनों की रीयल-टाइम लोकेशन और स्टेशन की स्थिति को जोड़कर देरी कम हो सकेगी। अगर कोई प्लेटफार्म व्यस्त है, तो ट्रेन को दूसरी जगह भेजा जा सकेगा।

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