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    Maha Kumbh 2025 में विदेशी श्रद्धालुओं का सैलाब, सनातन धर्म की आध्यात्मिकता ने बनाया आकर्षित

    Updated: Sun, 26 Jan 2025 09:16 PM (IST)

    Maha Kumbh 2025 में विदेशी श्रद्धालुओं की संख्या में भारी वृद्धि देखी जा रही है। ये श्रद्धालु सनातन धर्म की आध्यात्मिकता को जानने और समझने के लिए यहां आ रहे हैं। कई विदेशी श्रद्धालु हरे राम हरे कृष्ण का जाप करते हैं और मंत्रोच्चार का आनंद लेते हैं। भारत को वैश्विक स्तर पर उच्च आध्यात्मिकता वाले देश के रूप में जाना जाता है।

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    महाकुंभनगर के त्रिवेणी मार्ग पर संत शिविर में आशीर्वाद देते नागा संन्यासी। मुकेश कनौजिया

     महाकुंभ नगर (उप्र), पीटीआई। महाकुंभ मेले में इस बार विदेशी श्रद्धालुओं की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। ये श्रद्धालु सनातन धर्म की आध्यात्मिकता को जानने और समझने के लिए यहां आए हैं। स्वीडन से आए टॉमू पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी में संतों के बीच हो रही गहन चर्चा में गहराई से शामिल हुए। यह अखाड़ा स्वस्तिक द्वार के पास स्थित है।

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    उन्होंने पीटीआई को बताया कि हिंदू धर्म के मुख्य देवताओं राम, कृष्ण और शिव के बारे में तो लोग जानते हैं, लेकिन हिंदू धर्म के गहरे अर्थ और दर्शन को जानने के लिए यहां आना जरूरी है।

    उन्होंने आगे कहा कि भारत को विश्वभर में एक आध्यात्मिक देश के रूप में जाना जाता है। यही कारण है कि विदेशी नागरिक महाकुंभ में आ रहे हैं। महाकुंभ मेले में विदेशी श्रद्धालुओं की संख्या में इजाफा देखा जा रहा है। ये श्रद्धालु सनातन धर्म की आध्यात्मिकता को जानने और समझने के लिए यहां आए हैं। उदाहरण के लिए, कई लोग 'हरे राम, हरे कृष्ण' का जाप करते हैं और मंत्रोच्चार का आनंद लेते हैं। कई ऐसे लोग हैं जो महसूस करते हैं कि उन्हें और अधिक जानने की आवश्यकता है और यही कारण है कि महाकुंभ में ऐसे विदेशी नागरिकों की संख्या बढ़ रही है।

    Maha Kumbh 2025: संगम स्नान के लिए महाकुंभ पहुंचा कई देशों से आए विदेशी श्रद्धालुओं का दल। सौ. शक्तिधाम


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    टॉमू ने आगे कहा कि भारत को वैश्विक स्तर पर उच्च आध्यात्मिकता वाले देश के रूप में जाना जाता है। ऐसे में वह दोबारा भारत की यात्रा करने की उम्मीद कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब तक वे देश का केवल एक छोटा सा हिस्सा ही देख पाए हैं और अभी बहुत कुछ देखना बाकी है।

    टॉम की तरह

    टॉमू की तरह ही, अमेरिका के टेक्सास से लेस्ली और जॉन चैथम भी पहली बार महाकुंभ में आए हैं। यह उनकी भारत की पहली यात्रा है। उनके समूह में नौ लोग हैं, जिनमें यूके और कनाडा के लोग भी शामिल हैं। लेस्ली और जॉन ने कहा कि महाकुंभ में आध्यात्मिक ऊर्जा बहुत अधिक है और यहां लोग अद्भुत हैं।

    महाकुंभ मेला में भ्रमण करते विदेशी।-गिरीश श्रीवास्तव


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    चैथम्स का मानना ​​है कि वैश्विक स्तर पर भारत के बारे में लोगों की धारणा बहुत अच्छी है। वहीं रियल एस्टेट सेक्टर में काम करने वाली लेस्ली ने कहा, कि मेरे कई क्लाइंट भारत से हैं और उनके साथ काम करना एक संतोषजनक अनुभव है। कुछ विदेशियों ने न केवल हिंदू धर्म अपनाया है, बल्कि हिंदू नाम भी अपनाया है और कुछ ने आध्यात्मिक परीक्षण भी पास कर लिए हैं और महामंडलेश्वर बन गए हैं।

    पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के महंत रवींद्र पुरी ने बताया कि विदेशी नागरिकों को हिंदू धर्म की गहराई को समझने के लिए यहां आना चाहिए।  महाकुंभ मेले में विदेशी श्रद्धालुओं की संख्या में इजाफा देखा जा रहा है। ये श्रद्धालु सनातन धर्म की आध्यात्मिकता को जानने और समझने के लिए यहां आए हैं। महाकुंभ मेला 45 दिनों तक चलेगा और इसमें करोड़ों श्रद्धालु पवित्र त्रिवेणी संगम में स्नान करेंगे।