प्रयागराज माघ मेला क्षेत्र में वेल्डिंग की चिंगारी से लगी आग, कुछ ही देर में बुझा दी गई, मच गई खलबली
प्रयागराज माघ मेला क्षेत्र में काली सड़क पर वेल्डिंग के दौरान चिंगारी से आग लग गई, जिसे तुरंत बुझा दिया गया। वहीं, प्रयाग धर्म संघ ने खाक चौक व्यवस्था ...और पढ़ें

प्रयागराज माघ मेला क्षेत्र के काली मार्ग पर गेट लगाने के दौरान वेल्डिंग की चिंगारी से आग लग गई, फायरकर्मियों ने कुछ ही देर में बुझा दी। प्रतीकात्मक फोटो
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। माघ मेला 2026 का आरंभ तीन जनवरी से होगा। तैयारियां अंतिम चरण में हैं। ऐसे में काली सड़क स्थित गेट के बगल मंगलवार सुबह आग लगने से खलबली मच गई। मौके पर मौजूद फायरकर्मियों ने पलभर में आग पर काबू पा लिया।
काली सड़क पर गेट निर्माण के दौरान आग लगी
हुआ यूं कि इन दिनों काली सड़क पर गेट का निर्माण कार्य चल रहा है। इसमें वेल्डिंग से जुड़ाई का काम किया जा रहा है। मंगलवार को अचानक वेल्डिंग के दौरान निकली चिंगारी से गेट के बगल रखे कपड़े में आग लग गई। यह देखकर वहां मौजूद श्रमिक घबरा गए। वहीं बगल में फायरकर्मी भी मौजूद थे, जिन्होंने तत्काल पानी की बौछार कर आग पर काबू पा लिया।
तीर्थपुरोहितों की उपेक्षा का आरोप
माघ मेले में खाक चौक व्यवस्था समिति को भूमि का ज्यादा से ज्यादा लाभ देते हुए आसपास बसने वाली तीर्थ पुरोहितों की लगभग 50 संस्थाओं को हटाया गया है। मेला प्राधिकरण का यह कदम सर्वथा गलत है। यह आरोप लगाते हुए प्रयाग धर्म संघ ने प्रधानमंत्री के पास एक पत्र भेजकर शिकायत की है।
प्रयाग धर्म संघ के अध्यक्ष ने जताई नाराजगी
प्रयाग धर्म संघ के अध्यक्ष राजेंद्र पालीवाल ने इस पत्र में कहा है कि खाक चौक समिति को हर साल अक्षय वट मार्ग, महावीर मार्ग, त्रिवेणी मार्ग के बीच जमीन मिलती है जिसमें समिति अपने मुकामधारी संतों को बसाती है। आसपास कोई अन्य तीर्थ पुरोहित या धार्मिक संस्थाएं न बसने पाएं, खाक चौक समिति की यह सोच अनुचित है। इस बार भी माघ मेले में यही हुआ।
प्रधानमंत्री से की गई मांग
उन्होंने कहा कि आसपास बसने वाली धार्मिक संस्थाएं और तीर्थ पुरोहितों को वंचित कर दिया गया। इसी कारण दो सप्ताह से संत महात्मा, तीर्थ पुरोहित विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रधानमंत्री से मांग की गई है कि खाक चौक व्यवस्था समिति पर नियंत्रण करें ताकि मेले की बसावट मिल जुल कर की जा सके।

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