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    'कोर्ट की गरिमा को ठेस पहुंचाने का किसी को नहीं होना चाहिए भ्रम', इलाहाबाद HC ने फतेहपुर डीएम को लगाई फटकार

    Allahabad High Court इलाहाबाद हाई कोर्ट ने फतेहपुर के जिलाधिकारी को कोर्ट की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाले शपथपत्र के लिए फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा कि किसी को भी यह भ्रम नहीं होना चाहिए कि वह न्यायपालिका की गरिमा को कम कर सकता है। कोर्ट ने जिलाधिकारी से स्पष्टीकरण मांगा है कि उनके खिलाफ उचित कार्रवाई क्यों न की जाए।

    By Jagran News Edited By: Abhishek Pandey Updated: Mon, 28 Apr 2025 11:03 PM (IST)
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    'कोर्ट की गरिमा को ठेस पहुंचाने का किसी को नहीं होना चाहिए भ्रम', इलाहाबाद HC

    विधि संवाददाता, प्रयागराज। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कड़े आदेश में फतेहपुर के जिलाधिकारी को फटकार लगाई। जिलाधिकारी द्वारा दाखिल शपथपत्र में यह सूक्ष्म संकेत था कि वह न्यायपालिका की गरिमा बनाए रखने, कमजोर करने या अपमानित करने की शक्ति रखते हैं।

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    न्यायमूर्ति जेजे मुनीर की पीठ ने जिलाधिकारी के शपथपत्र में दर्ज इस आश्वासन पर आपत्ति जताई कि कोर्ट की गरिमा हमेशा बनाए रखी जाएगी। कोर्ट ने इसे एक छिपा हुआ विचार बताया। कहा कि इससे ऐसा प्रतीत होता है कि डीएम खुद को कोर्ट की गरिमा को कम करने या अपमानित करने में सक्षम मानते हैं।

    कोर्ट ने टिप्पणी की-

    यह न्यायालय कलेक्टर जैसे अधिकारियों से निपटने और अपनी गरिमा की रक्षा करने में समर्थ है। हमें उनके आश्वासन की आवश्यकता नहीं है। जो शब्द उन्होंने प्रयोग किए हैं, उनसे यह छुपा हुआ विचार झलकता है कि वह हमारी गरिमा को क्षति पहुंचाने में सक्षम हैं। किसी को भी, जिसमें कलेक्टर फतेहपुर भी शामिल हैं, इस प्रकार का कोई भ्रम नहीं पालना चाहिए।

    कोर्ट ने जिलाधिकारी से मांगा स्पष्टीकरण

    कोर्ट ने जिलाधिकारी को निर्देश दिया कि वह यह बताते हुए एक स्पष्टीकरण शपथपत्र दाखिल करें कि उनके खिलाफ उचित कार्रवाई क्यों न की जाए, क्योंकि उन्होंने ऐसा शपथपत्र प्रस्तुत किया है। यह तीखी टिप्पणी जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान की गई।

    इसमें याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया था कि कुछ भूखंड जो रिकार्ड में खेल का मैदान तालाब और खलिहान के रूप में दर्ज हैं, पर ग्राम प्रधान द्वारा अतिक्रमण किया जा रहा है। प्रमुख सचिव और संबंधित जिलाधिकारी ने कोर्ट को सूचित किया कि अतिक्रमण के मामले में लेखपाल के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू कर दी गई लेकिन याचिकाकर्ता ने यह भी बताया कि राजस्व अधिकारी और पुलिसकर्मी उसे याचिका वापस लेने के लिए धमका रहे हैं।

    कोर्ट ने इस गंभीर आरोप का संज्ञान लेते हुए डीएम और एसपी से शपथपत्र दाखिल करने को कहा था। इसके अनुपालन में डीएम ने शपथपत्र दाखिल किया, जिसके एक पैराग्राफ में कहा गया- 'शपथकर्ता अत्यंत सम्मान के साथ इस माननीय न्यायालय से बिना शर्त माफी मांगता है, यदि जिला प्रशासन की कार्रवाई से किसी भी असुविधा या गलतफहमी की स्थिति उत्पन्न हुई हो।'

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