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    स्लीपर कोच में बैठा व्‍यक्‍ति बोला- TTE हूं मैं, अधि‍कारी ने तुरंत रुकवा दी ट्रेन; फ‍िर जो हुआ उसपर क‍िसी को नहीं हुआ यकीन

    Updated: Wed, 01 Oct 2025 07:41 PM (IST)

    प्रयागराज में आनंद विहार-पटना स्पेशल ट्रेन में यात्रियों से वसूली करते एक फर्जी टीटीई को गिरफ्तार किया गया। डिप्टी सीटीआई प्रयागराज अभिनव पांडेय की सूचना पर जीआरपी ने उसे पकड़ा। पूछताछ के बाद उसे जीआरपी टुंडला को सौंप दिया गया। उसने अपना नाम विजय कुमार आजाद बताया और फर्जी परिचय पत्र दिखा रहा था। जीआरपी टुंडला ने उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया।

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    आनंद विहार-पटना स्पेशल ट्रेन में यात्रियों से वसूली करते हुए फर्जी टीटीई गिरफ्तार।- सांकेत‍िक तस्‍वीर

    जागरण संवाददाता, प्रयागराज। आनंद विहार-पटना स्पेशल ट्रेन में फर्जी टीटीई को गिरफ्तार किया गया है। उसके पास से रेलवे भर्ती बोर्ड चेयरमैन का जाली आईकार्ड बरामद हुआ है, जिसे वह मार्केटिंग में प्रयोग करता था।

    दरअसल, वह एक मार्केटिंग कंपनी में एजेंट है और कंपनी के प्रोडक्ट को बेचने में वह खुद को चेयरमैन बताता था जिससे उसके प्रोडक्ट रेलवे के कर्मचारी खरीद लेते थे। यह ट्रेन दिल्ली के आनंद विहार रेलवे स्टेशन से सोमवार की रात पटना के लिए रवाना हुई थी। स्लीपर कोच में टीटीई के यूनिफार्म में बैठे व्यक्ति पर डिप्टी सीटीआई अभिनव पांडेय को संदेह हुआ।

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    अभिनव ने उससे पूछताछ की तो उसने खुद को टीटीई बताया। उसके पास स्लीपर कोच का टिकट भी था। पहले तो उसने डिप्टी सीटीआई पर रौब गांठने की कोशिश की मगर जब जीआरपी व आरपीएफ कंट्रोल को उन्होंने फोन किया तो संदिग्ध व्यक्ति ने सब कुछ उगल दिया।

    डिप्टी सीटीआई ने नॉन स्टाप ट्रेन को टुंडला स्टेशन पर रुकवा कर संदिग्ध को जीआरपी व आरपीएफ को सौंप दिया। रेलवे की पुलिस की कड़ी पूछताछ में उसने अपना नाम विजय कुमार आजाद, निवासी सोनपुर, सारण (बिहार) बताया। डिप्टी सीटीआई की लिखित शिकायत पर उसके खिलाफ जीआरपी टुंडला ने मुकदमा दर्ज किया।

    आजाद ने बताया कि वह 2018 से 2020 तक सोनपुर, बिहार के तत्कालीन डीआरएम मनोज कुमार अग्रवाल के आवास पर सफाई के लिए नौकर के रूप में काम किया था। उनके स्थानांतरण के बाद एक वर्ष तक प्राइमरी स्कूल के बच्चों को होम ट्यूशन दिया। फिर 2021 में एक मार्केटिंग कंपनी में एजेंट हो गया। वह अपनी बात लोगों के बीच रखता था मगर कोई उससे जुड़ता नहीं था, जिससे उसकी कंपनी के प्रोडक्ट नहीं बिक पा रहे थे। बताया कि वह डीआरएम के यहां नौकर रह चुका था, ऐसे में उसने रेलवे भर्ती बोर्ड के चेयरमैन का फर्जी आईकार्ड साइबर कैफे से बनवा लिया और टीटीई की वेशभूषा में रहने लगा। वह मार्केटिंग कंपनी के फूड सप्लीमेंट उत्पाद को धड़ाधड़ बेचने लगा। टुंडला के जीआरपी थाना प्रभारी मंधीर सिंह ने बताया कि उसे जेल भेज दिया गया।

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