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    Mahakumbh 2025 में आकर्षण का केंद्र बनी बनारसी साड़ी, हस्तशिल्पियों की प्रदर्शनी में बहुत कुछ है खास

    Updated: Fri, 17 Jan 2025 10:31 AM (IST)

    प्रयागराज में संगम की रेती पर छह हजार वर्ग मीटर क्षेत्र में ‘एक जिला एक उत्पाद’ (ओडीओपी) की शानदार प्रदर्शनी लगाई गई है। इस प्रदर्शनी में कालीन जरी-जरदोजी फीरोजाबाद के कांच के खिलौने बनारस के लकड़ी के खिलौने और अन्य हस्तशिल्प उत्पाद श्रद्धालुओं के बीच आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। स्टॉल पर खरीदारी करने वालों और देखने वालों की भारी भीड़ देखी जा रही है।

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    Mahakumbh 2025 में लगाई गई हस्तशिल्पियों की प्रदर्शनी।

    जागरण संवाददाता, महाकुंभ नगर। उत्तर प्रदेश के हस्तशिल्पियों के लिए यह महाकुंभ एक सुनहरा अवसर साबित हो रहा है। प्रयागराज में संगम की रेती पर आयोजित इस महायोगिक उत्सव में छह हजार वर्ग मीटर क्षेत्र में ‘एक जिला एक उत्पाद’ (ओडीओपी) की शानदार प्रदर्शनी लगाई गई है।

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    इस प्रदर्शनी में कालीन, जरी-जरदोजी, फीरोजाबाद के कांच के खिलौने, बनारस के लकड़ी के खिलौने और अन्य हस्तशिल्प उत्पाद श्रद्धालुओं के बीच आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। प्रयागराज मंडल के संयुक्त आयुक्त उद्योग, शरद टंडन ने बताया कि 2019 में कुंभ से 4.30 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ था, जबकि इस बार 35 करोड़ रुपये तक के कारोबार का अनुमान है।

    खरीदारी करने वालों की उमड़ी भीड़

    फ्लिपकार्ट के स्टॉल पर खरीदारी करने वालों और देखने वालों की भारी भीड़ देखी जा रही है। काशी के शिल्पकारों ने लकड़ी के खिलौने, बनारसी ब्रोकेड, मेटल रिपोज, मेटल कास्टिंग जैसे 75 उत्पाद प्रदर्शनी में पेश किए हैं। जीआइ (जियोग्राफिकल इंडिकेशन) विशेषज्ञ डॉ. रजनीकांत ने बताया कि उत्तर प्रदेश के 75 जीआइ उत्पादों को ओडीओपी योजना के तहत प्रदर्शित किया जा रहा है।

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    ये हैं प्रदर्शनी में आकर्षण का केंद्र

    उन्‍होंने बताया क‍ि इनमें वाराणसी की लाल मिर्च, बनारसी साड़ी, सुर्खा अमरूद, प्रतापगढ़ का आंवला, मीरजापुर के पीतल बर्तन और गोरखपुर का टेराकोटा शामिल हैं। कुशीनगर के कालीन और फीरोजाबाद के कांच के खिलौने और बर्तन भी प्रदर्शनी का आकर्षण बने हुए हैं।

    75 जीआइ उत्पादों में से 34 काशी क्षेत्र से

    इसके अलावा उन्‍होंने बताया कि 75 जीआइ उत्पादों में से 34 काशी क्षेत्र से हैं। उन्होंने इन उत्पादों को पहचान और सुरक्षा देने के लिए जीआइ टैग दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसके साथ ही, बनारस की ठंढाई, लाल पेड़ा, बनारसी तबला और भित्ति चित्र जैसी विशिष्ट कृतियों को भी दुनिया के सामने लाने की कोशिश हो रही है।

    महाकुंभ में रोजगार और नवाचार को मिला बढ़ावा

    उत्तर प्रदेश एमएसएमई विभाग और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में ओडीओपी योजना का यह आयोजन राज्य के हस्तशिल्प और कुटीर उद्योग को बढ़ावा देने का एक अभूतपूर्व प्रयास है। महाकुंभ न केवल आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पहचान को मजबूत कर रहा है, बल्कि उद्यमियों के लिए व्यापार का एक विशाल मंच भी बन गया है। जहां देश-विदेश के लोग आकर हस्तशिल्पियों के उत्पादों पसंद कर रहे हैं और खरीद कर रहे हैं।

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