दिल्ली में भगदड़ के बाद प्रयागराज के सभी स्टेशनों पर बदला प्लान, घर लौटने के लिए कहां से मिलेगी ट्रेन? यहां पढ़ें
प्रयागराज के सभी रेलवे स्टेशनों पर मौनी अमावस्या जैसा आपात प्लान लागू कर दिया गया है। अब अगले कई दिनों तक आवागमन में कोई ढील नहीं दी जाएगी। रेलवे ने प ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, महाकुंभनगर। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ में यात्रियों की मौत के बाद प्रयागराज के आठों रेलवे स्टेशन पर आपात प्लान आगे भी लागू रहेगा। अब अगले कई दिनों तक आवागमन में कोई ढील नहीं दी जाएगी। रेलवे ने प्रयागराज में वीआइपी प्रोटोकॉल पर प्रतिबंध लगा दिया है।
साथ ही रेस्ट हाउस की एडवांस बुकिंग भी अगले आदेश तक रोक दी है। वीआइपी मूवमेंट भी अगले कुछ दिनों तक नहीं होगा, ताकि रेलकर्मियों की पूरी शक्ति का इस्तेमाल भीड़ प्रबंधन में किया जा सके। मौनी अमावस्या पर जिस कड़ाई के साथ भीड़ प्रबंधन लागू किया था, उसे दोबारा लागू कर दिया गया है।
अब स्टेशन जाने वाले यात्रियों का प्रवेश और निकास अलग-अलग होगा। यात्रियों को सीधे प्लेटफॉर्म पर एंट्री नहीं मिलेगी। उन्हें डायवर्ट रूट से पहले यात्री आश्रय स्थल के नजदीक ले जाया जाएगा। इसके बाद संबंधित रूट की ट्रेन आएगी और यात्रियों को रस्सी के सहारे रेलकर्मी, वाणिज्य विभाग के कर्मचारी व सहायता में जुटे अन्य लोग प्लेटफार्म तक लाएंगे। यहां यात्रियों को ट्रेन में बैठाने के बाद ट्रेन आगे भेजी जाएगी।

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यह प्रक्रिया हर ट्रेन के साथ दोहराई जाएगी। यात्री अपनी मनमर्जी से और सीधे प्लेटफॉर्म पर नहीं जा सकेंगे, जब उन्हें प्रबंधन में लगे कर्मचारी आगे लेकर जाएंगे, तभी वह अंदर प्रवेश करेंगे। नई दिल्ली स्टेशन पर यात्रियों को प्लेटफॉर्म तक पहुंचने की छूट से भीड़ बढ़ती चली गई और भीड़ दबाव दुर्घटना में बदला। प्रयागराज में इसी भीड़ के दबाव को न सिर्फ प्लेटफॉर्म बल्कि स्टेशन से दूर ही रखा जाएगा। प्लेटफॉर्म पर यात्री स्वछंद होकर नहीं, बल्कि निर्देशों के अनुक्रम में जाएंगे।
इसमें सबसे महत्वपूर्ण स्टेशन प्रयागराज जंक्शन को विशेष रूप से चिह्नित किया गया है। वैसे यहां शनिवार की शाम से ही कड़े प्रतिबंध लागू कर दिए गए थे और अब उसी क्रम में सूबेदारगंज, रामबाग, प्रयाग, फाफामऊ, नैनी, छिवकी व झूंसी में भी भीड़ प्रबंधित की जा रही है। जिन यात्रियों के पास आरक्षित टिकट होगा उन्हें जंक्शन पर गेट नंबर पांच से प्रवेश दिया जाएगा।

रूट पर भीड़ के हिसाब से यात्रियों को भेजा जाएगा
रविवार को स्टेशन पर फिर से भारी भीड़ उमड़ी और उसके बढ़ते रहने का क्रम जारी रहा। जितने लोग आए, उससे कहीं अधिक लोग वापस जाने के लिए स्टेशन पहुंच रहे हैं। रेलवे लगभग हर चार मिनट पर एक ट्रेन का संचालन कर रहा है। महाकुंभ में लगातार आ रही भीड़ को देखते हुए रेलवे दिशावार ऑन डिमांड ट्रेनों का संचालन करेगा। यानी जिस रूट पर भीड़ ज्यादा होगी, उस रूट पर सबसे पहले ट्रेन भेजी जाएगी।
जिस रूट पर श्रद्धालुओं की संख्या कम होगी, वहां यात्रियों को आश्रय स्थल में रोका जाएगा और संख्या बढ़ने पर प्लेटफॉर्म पर ले जाया जाएगा। सभी विशेष ट्रेन आठ रेलवे स्टेशन यथा प्रयागराज जंक्शन, सूबेदारगंज, छिवकी, नैनी, रामबाग, झूंसी, प्रयाग व फाफामऊ से चलेंगी। इसमें प्रयाग, फाफामऊ स्टेशन से रायबरेली, लखनऊ, जौनपुर, प्रतापगढ़, अयोध्या की ओर ट्रेन का संचालन किया जाएगा।
इस रूट पर रिंग रेल भी होगी, जो यात्रियों की राह और अधिक आसान करेगी। जबकि रामबाग व झूंसी स्टेशन से पूर्वोत्तर को केंद्रित करते हुए ट्रेनों का संचालन किया जाएगा। यहां से आन डिमांड वाराणसी, मऊ, गोरखपुर, बलिया, छपरा की ओर ट्रेन चलाई जाएगी। वाराणसी मंडल ने अपनी कई ट्रेनों की समय सारिणी भी जारी की है, इनका संचालन झूंसी और रामबाग से होगा।

सुगम और सुरक्षित आवागमन के लिए व्यवस्था लागू
वहीं, प्रयागराज जंक्शन व सूबेदारगंज रेलवे स्टेशन से कानपुर, आगरा, अलीगढ़, दिल्ली की ओर ट्रेनें भेजी जाएगी। नैनी, छिवकी, प्रयागराज जंक्शन से विंध्याचल, पंडित दीन दयाल उपाध्याय, बक्सर, पटना की ओर ट्रेनें दौड़ेंगी। प्रयागराज जंक्शन, छिवकी, नैनी रेलवे स्टेशन से मानिकपुर, चित्रकूट, महोबा, झांसी, सतना, जबलपुर की ओर विशेष ट्रेनों का संचालन किया जाएगा। 28 फरवरी तक के लिए यह व्यवस्था की जा रही है। मंडल पीआरओ अमित कुमार सिंह ने बताया कि यात्रियों के सुगम और सुरक्षित आवागमन के लिए यह बदलाव लागू किए गए हैं।
कलर कोडिंग से यात्री आश्रय स्थल में प्रवेश
रेलवे ने भीड़ प्रबंधन के लिए अपने सबसे कारगर प्लान कलर काेडिंग को पुन: लागू कर दिया है। इससे यात्री का टिकट जिस रंग का है, उसी रंग के यात्री आश्रय स्थल में उन्हें जाना होगा। लाल, नीला, पीला व हरे रंग का यात्री आश्रय बनाया गया है।

उत्तर मध्य रेलवे के प्रयागराज जंक्शन, प्रयागराज छिवकी व नैनी स्टेशन पर अलग-अलग दिशाओं में जाने वाले यात्रियों के लिए कलर कोडिंग की व्यवस्था की गई है। इसमें यात्री आश्रय स्थल भी रूट के अनुसार रंगों में बांटे गए हैं। जिस रंग का यात्री आश्रय स्थल है उसी रंग की टिकट भी यात्रियों को दिया जा रहा है।
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जनरल टिकट पर भी रंगों की पट्टी है और प्लेटफार्म तक जाने के लिए उसी रंग के संकेतक भी हैं। यात्री संकेतक के माध्यम से और रेलकर्मियों के माध्यम से सीधे प्लेटफार्म पर पहुंच रहे हैं। यहीं उन्हें ट्रेन मिल जाएगी। स्टेशन पर संबंधित दिशा की ट्रेन उपलब्ध हो रही है। यह प्रक्रिया लगातार दोहरायी जाएगी।

दरवाजे तक लटके, बाथरूम में घुसकर प्रयागराज पहुंच रहे हैं यात्री
महाकुंभ का हिस्सा बनने के लिए यात्रियों की भीड़ तीज-त्योहारों से भी आगे बढ़ गई है। दरवाजे तक लटक कर, बाथरूम में घुस कर यात्री प्रयागराज पहुंच रहे हैं। अप्रत्याशित और अनियंत्रित होती भीड़ देख रेलवे ने प्रयागराज जंक्शन पर जानसेनगंज से प्रवेश बंद कर दिया है।
कोतवाली से शाहगंज, खुल्दाबाद तक डायवर्जन लागू किया गया है। डायवर्ट रूट पर श्रद्धालुओं का रेला बढ़ा तो चौक की पहले से मौजूद भीड़ के बीच हालात और कठिन हो गए है। कोतवाली, शाहगंज, खुल्दाबाद होकर यात्रियों को खुसरोबाग ले जाया जा रहा है लेकिन हर स्थान पर जाम की स्थिति बन गई।
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ई-रिक्शा आदि भी फंस गए और आगे पीछे नहीं हो पा रहे है। एनसीआर के सीपीआरओ शशिकांत त्रिपाठी ने बताया कि खुसरोबाग खोल दिया गया। यात्रियों को डायवर्ट कर ले आया गया।लगातार विशेष ट्रेनों का संचालन प्रयागराज जंक्शन के साथ छिवकी, नैनी, सूबेदारगंज, प्रयाग, फाफामऊ, रामबाग व झूंसी से हो रहा है।

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