एक्ट्रेस ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाने पर संतों में नाराजगी, मुकदमा दर्ज करने की मांग
Mahakumbh 2025 फिल्म अभिनेत्री ममता कुलकर्णी के महामंडलेश्वर बनने से सनातन धर्मगुरुओं में नाराजगी है। उन पर अंडरवर्ल्ड से संबंध होने और धर्म-परंपरा की अनदेखी करने का आरोप लग रहा है। किन्नर अखाड़ा का कहना है कि ममता ने सारी प्रक्रिया का पालन करके महामंडलेश्वर का पद प्राप्त किया है। इस विवाद पर अलग-अलग धर्मगुरुओं की प्रतिक्रियाएं भी सामने आई हैं।

जागरण संवाददाता, महाकुंभ नगर। फिल्म अभिनेत्री ममता कुलकर्णी के अध्यात्म की राह पकड़ने पर सनातन धर्मगुरुओं में नाराजगी व्याप्त है। वह धर्म-परंपरा की अनदेखी करके उन्हें महामंडलेश्वर बनाने का आरोप लगा रहे हैं।
वहीं, किन्नर अखाड़ा का कहना है कि सारी प्रक्रिया का पालन करने के बाद ममता महामंडलेश्वर बनी हैं। ममता ने शुक्रवार को किन्नर अखाड़ा में संन्यास लिया। अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर डॉ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने उनका पट्टाभिषेक करके महामंडलेश्वर बनाकर नया नाम श्रीयामाई ममतानंद गिरि दिया। इसके बाद विवाद शुरू हो गया।
ममता पर अंडरवर्ल्ड से संबंध होने का आरोप
शांभवी पीठाधीश्वर स्वामी आनंद स्वरूप ने कहा- ममता कुलकर्णी पर अंडरवर्ल्ड से संबंध होने का आरोप है। वह उससे बरी हुईं या नहीं? मैं नहीं जानता, लेकिन उनका महामंडलेश्वर बनना अनुचित है। किन्नर अखाड़ा फर्जी विश्वविद्यालय है जो अवैध डिग्रियां बांट रहा है। लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को संन्यास देने का अधिकार नहीं है। इससे हमारी भावनाएं आहत हैं।
किन्नर अखाड़ा के खिलाफ धार्मिक भावना आहत करने का केस होना चाहिए। अगर आगे इन्हें किसी धार्मिक आयोजन में बुलाया गया तो हम उसमें शामिल नहीं होंगे।
प्रथम किन्नर कथावाचक जगदगुरु हिमांगी सखी ने कहा कि किन्नर अखाड़ा तो किन्नर समाज के लिए बना था। अब उसमें महिला को स्थान दे दिया। अगर आपको किन्नरों के अलावा महिलाओं को महामंडलेश्वर बनाना है तो उसका नाम बदलकर दूसरा रख लीजिए। बिना शिक्षा दिए, दीक्षा दे दी। मुंडन नहीं कराया, चोटी काटकर महामंडलेश्वर बना दिया जो अनुचित है।
जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरि ने कहा कि ममता कुलकर्णी के निर्णय का स्वागत करना चाहिए। संन्यास लेकर उन्होंने अच्छा कार्य किया है।
आचार्य महामंडलेश्वर किन्नर अखाड़ा, डा. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने कहा
ममता कुलकर्णी मुझसे 2022 से संपर्क में हैं। वह भक्तिमार्ग पर चल रही थीं। उनका जीवन और कर्म संयमित था, इसलिए अखाड़े ने उन्हें पूरी परंपरा का पालन करके महामंडलेश्वर बनाया है। अभिनेत्री सना खान पूरी तरह से इस्लाम से जुड़कर अपना जीवन व्यतीत कर रही हैं तो उनके लिए किसी ने कुछ नहीं बोला। ममता ने जीवन अपने धर्म के लिए समर्पित किया तो हंगामा किया जा रहा है। जो लोग उनके महामंडलेश्वर बनने पर अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं, हमारे पास उनके खिलाफ बोलने को बहुत कुछ है, लेकिन हम किसी का नाम लेकर कुछ नहीं कहेंगे। ऐसे लोग सनातन धर्म के पतन का कारण हैं।
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