Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    'अयोध्या की तरह मथुरा में भी श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर भी बने भव्य मंदिर', धर्म संसद में प्रस्ताव पारित; इन मुद्दों की भी उठी मांग

    Updated: Tue, 28 Jan 2025 02:16 PM (IST)

    अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण के बाद अब मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर भी भव्य मंदिर बनाने की मांग उठी है। धर्म संसद में विभिन्न संप्रदायों के संतों ने एक प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार से मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण की मांग की है। इसी के साथ सनातन बोर्ड को मान्यता देने और इसके अधिनियम के 12 प्रस्तावों को भी पारित किया गया है।

    Hero Image
    महाकुंभ मेला में क्षेत्र स्थित अपने शिविर में आयोजित आयोजित धर्म संसद में बोलते देवकीनंदन ठाकुर। जागरण

    जागरण संवाददाता, महाकुंभ नगर। कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर के शिविर में आयोजित धर्म संसद में सोमवार को जुटे विभिन्न संप्रदाय के संतों ने एक सुर से प्रस्ताव पारित किया कि अयोध्या में श्रीराम मंदिर की तरह ही मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर भव्य मंदिर का निर्माण किया जाए।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    धर्म संसद में सनातन बोर्ड को मान्यता देने की मांग उठाने के साथ इसके अधिनियम के 12 प्रस्तावों को भी पारित किया गया। इसमें मठ-मंदिरों की सुरक्षा, उन्हें सरकारी अधिग्रहण से मुक्त करने, वैदिक परंपरा का पालन कराने, संस्कृत विद्यालयों की दशा सुधारने, गाय की रक्षा आदि प्रस्ताव हैं जिन्हें केंद्र सरकार को भेजा जाएगा।

    धर्म संसद का प्रारंभ जगदगुरु श्रीजी महाराज व जगदगुरु श्रीराघवाचार्य ने किया। राघवाचार्य ने कहा कि सनातन धर्म की परंपरा को संरक्षित करने के लिए सनातन बोर्ड बनाना जरूरी है। जगदगुरु विद्याभास्कर ने कहा कि सनातन धर्म और संस्कृति पर सदियों से कुठाराघात किया जा रहा है। उसे बचाने के लिए सनातनियों को एकजुट होना होगा।

    महाकुंभ मेला क्षेत्र स्थित कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर के शिविर में आयोजित धर्म संसद में शामिल श्रद्धालु। जागरण

    जगद्गुरु बल्लभ दास ने सनातन धर्म के सामने व्याप्त चुनौती पर प्रकाश डाला। साध्वी सरस्वती व साध्वी प्राची देवी ने कहा कि सनातन धर्मावलंबियों को बांटने का षड्यंत्र निरंतर रचा जा रहा है। इससे सतर्क रहने की जरूरत है। सनातन बोर्ड सबको एकजुट करने के साथ हमारी संस्कृति बचाएगा।

    संयोजन कर रहे देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि हिंदू संस्कृति और परंपराओं को नष्ट करने के लिए विभिन्न षड्यंत्र किए गए, जिसमें सबसे बड़ा षड्यंत्र लॉर्ड मैकाले का था। उन्होंने गुरुकुल प्रणाली को समाप्त कर संस्कृत भाषा को हटाकर अंग्रेजी भाषा थोप दी, जिससे हमारी संस्कृति और शिक्षा प्रणाली को गहरी चोट पहुंची।

    देवकी नंदन ने कहा कि वक्फ बोर्ड ने यह दावा किया है कि जहां कुंभ आयोजित हो रहा है, वह भूमि उनकी है। इस पर उन्होंने चिंता जताई कि अगर वक्फ बोर्ड इस तरह से पूरे भारत पर दावा कर दे, तो हिंदू समाज कहां जाएगा?

    कार्यक्रम में सांसद हेमामालिनी भी शामिल हुईं, उन्होंने संतों की मांग का समर्थन किया। इस दौरान महामंडलेश्वर अरुण चैतन्यपुरी, महंत श्री राजू दास, मेवाड़ पीठाधीश्वर सुदर्शनाचार्य, महामंडलेश्वर स्वामी वेदमूर्ति, विकास जी महाराज, स्वामी रामदास ने विचार व्यक्त किए।

    धर्म संसद में इन मुद्दों की उठी मांग

    • समस्त मंदिर में वैदिक प्रबंधन के अनुसार पूजा और प्रसाद की व्यवस्था की जाए
    • मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त किया जाए
    • हर बड़े मंदिर में गुरुकुल, गौशाला और औषधालय की व्यवस्था की जाए
    • असहाय परिवारों को धर्म परिवर्तन रोकने के लिए आर्थिक सहायता मिले
    • 'लवजिहाद' से हिंदू बहन-बेटियों को बचाने के लिए कदम उठाए जाएं
    • मथुरा में भगवान श्रीकृष्ण का भव्य मंदिर बनवाया जाए

    शंकराचार्य, अखाड़ा परिषद अध्यक्ष नहीं हुए शामिल

    सनातन धर्म संसद के लिए समस्त शंकराचार्य और 13 अखाड़ों को आमंत्रित किया गया था। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रवींद्र पुरी ने इसको लेकर पत्रकारवार्ता की थी, जिसमें आनंद अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर बालकानंद गिरि सहित प्रमुख संत उपस्थित थे, लेकिन धर्म संसद में इनमें से कोई उपस्थित नहीं हुआ। बताया गया कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ संतों को स्नान भोजन करना था। इसी कारण कई संत धर्म संसद में शामिल नहीं हुए।

    यह भी पढ़ें: महाकुंभ में महास्नान से पहले दिखने लगी 'महाभीड़', मौनी अमावस्या से पहले 15 करोड़ का आंकड़ा पार; तैयारियां पूरी

    यह भी पढ़ें: मौनी अमावस्या के लिए रात 8 बजे से शुरू होगा महास्नान, 10 जिलों के DM-SP ने संभाली कमान; अखाड़ा मार्ग सील