फर्जीवाड़े के मामले में गिरफ्तारी का डर दिखाकर दो दिन तक बुजुर्ग को साइबर अपराधियों ने किया 'डिजिटल अरेस्ट', ठगे 10.29 लाख
प्रयागराज में एक बुजुर्ग को साइबर अपराधियों ने फर्जीवाड़े के मामले में गिरफ्तारी का डर दिखाकर दो दिनों तक 'डिजिटल अरेस्ट' में रखा और उनसे 10.29 लाख रु ...और पढ़ें
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प्रतीकात्मक तस्वीर
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। झूंसी के एक बुजुर्ग को दो दिन तक डिजिटल अरेस्ट कर 10.29 लाख रुपये ठगने का मामला प्रकाश में आया है। साइबर अपराधियों ने व्हाट्सअप पर वीडियो कॉल कर उनके आधारकार्ड पर फर्जी बैंक खाते से 20 करोड़ रुपये का अवैध तरीके से लेन-देन होने और गिरफ्तारी का डर दिखाकर ऑनलाइन तरीके से रुपये लिए। साइबर क्राइम थाने की पुलिस ने तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज किया है।
झूंसी के आवास विकास कॉलोनी निवासी 60 वर्षीय डॉ. चंद्रमा प्रसाद शर्मा ने साइबर क्राइम थाने में तहरीर दी। बताया कि 28 सितंबर को उनके मोबाइल पर अनजान नंबर से व्हाट्सअप कॉल आया। फोन करने वाले ने खुद का नाम गोपीश कुमार बताया।
उसने खुद को पुलिस अधिकारी भी बताया। बोला कि आधारकार्ड का दुरुपयोग कर एक बैंक में फर्जी खाता खोला गया है। जिसके माध्यम से लगभग 20 करोड़ का अवैध लेन-देन हुआ है। मामले में बैंक मैनेजर व एक पुलिस इंस्पेक्टर आदि शामिल हैं।
साइबर अपराधी ने बुजुर्ग को गिरफ्तारी का डर दिखाया। घर से बाहर न निकलने की बात कही। इसके बाद डरा धमकाकर उसी दिन यूपीआई के माध्यम से 19,209 और 59,209 रुपए ऑनलाइन अपने खाते में ट्रांसफर करा लिए।
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दूसरे दिन साढ़े नौ लाख रुपये भेजे गए बैंक खाते में आरटीजीएस कराया गया। साइबर अपराधी ने किसी को भी इसकी जानकारी न देने की बात कही। धमकाया कि अगर किसी को बताया तो सीधे गिरफ्तारी होगी।
कई दिनों तक बुजुर्ग डर की वजह से शांत बैठे रहे। इसके बाद 14 दिसंबर को साइबर क्राइम थाने में पहुंचकर तहरीर दी और रिपोर्ट दर्ज कराई।

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