चिट्स फंड के लेखाकार ने दो स्कूल के लिए मांगी थी दो लाख रिश्वत, वाट्सएप काल कर रुपये जल्द पहुंचाने को कहा
प्रयागराज में, चिट्स फंड के एक लेखाकार को दो स्कूलों के नवीनीकरण के लिए रिश्वत मांगने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। लेखाकार ने शुरू में दो लाख रुपये की मांग की, लेकिन बाद में डेढ़ लाख रुपये पर सहमत हो गया। एंटी करप्शन टीम ने उसे 75 हजार रुपये घूस लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा था। आरोपी को भ्रष्टाचार निरोधक अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया।

प्रयागराज में रिश्वतखोरी में पकड़े गए चिट्स फंड के लेखाकार और संविदाकर्मी को जेल भेज दिया गया है।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। दो स्कूलों का नवीनीकरण करने के लिए सहायक रजिस्ट्रार फर्म्स सोसाइटीज एवं चिट्स के लेखाकार रागविराग ने दो लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी। कमेटी के अध्यक्ष के अनुरोध करने पर वह डेढ़ लाख रुपये में नवीनीकरण करने के लिए तैयार हो गया था। वाट्सएप पर काल करके लेखाकार ने कहा कि जल्द पैसा पहुंचा दे।
घूस लेने पहुंच गया था फतेहपुर
घूस लेने के लिए लेखाकार फतेहपुर भी पहुंच गया था, लेकिन शिकायतकर्ता ने यह कहते हुए टाल दिया था कि अभी पैसे का इंतजाम नहीं हो पाया है। एक स्कूल प्रबंधक की शिकायत पर गुरुवार को एंटी करप्शन की टीम ने तेलियरगंज स्थित कार्यालय पहुंचकर लेखाकार रागविराग और संविदाकर्मी विजय राज सिंह को 75 हजार रुपये घूस लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया था।
एंटी करप्शन कोर्ट वाराणसी से दोनों को जेल
ट्रैप प्रभारी अलाउद्दीन अंसारी की तहरीर पर शिवकुटी थाने में लेखाकार रागविराग और संविदाकर्मी विजय राज सिंह के खिलाफ मुकदमा लिखा गया। शुक्रवार को दोनों आरोपितों को एंटी करप्शन कोर्ट वाराणसी में पेश किया गया, जहां से न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया।
बिंदगी स्थित स्कूल प्रबंधक हैं रतीपाल
बताया गया है कि फतेहपुर के बिंदकी स्थित ज्ञान भारती मूलादेवी एमएस जूनियर हाईस्कूल के प्रबंधक रतीपाल सिंह हैं। इस विद्यालय का संचालन श्रीओमर वैश्य विद्यालय कमेटी का गठन करके किया जाता है। इसी कमेटी के तहत श्रीभैरव नाथ जूनियर हाईस्कूल नरैनी फतेहपुर भी संचालित होता है।
पैसा नहीं मिला तो फाइल निरस्त कर दी जाएगी...
रतीपाल ने स्कूल के अध्यक्ष जितेंद्र सिंह के साथ सहायक रजिस्ट्रार फर्म्स सोसाइटीज एवं चिट्स कार्यालय जाकर सभी प्रपत्र जमा किया। लेखाकार ने मोबाइल नंबर लेकर कहा कि वह बताएगा कि नवीनीकरण कैसे होगा। इसके बाद जितेंद्र के वाट्सएप पर काल किया और कहा कि दोनों स्कूलों के नवीनीकरण करने के लिए दो लाख रुपये लगेगा। अगर पैसा नहीं मिला तो फाइल निरस्त कर दी जाएगी।
गिरफ्तारी का कोई मलाल नहीं था
बार-बार अनुरोध करने पर उसने दोनों विद्यालय के लिए डेढ़ लाख रुपये मांगे और जल्द पैसा पहुंचाने के लिए कहा था। एंटी करप्शन इंस्पेक्टर ने बताया कि लेखाकार पैसा लेने के लिए फतेहपुर भी पहुंच गया था। इसके बाद जब रंगेहाथ पकड़ा गया तो उसे गिरफ्तारी का कोई मलाल नहीं था।

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