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    यूपी की इन दो सीटों पर भाजपा कर सकती है बड़ा उलटफेर, बड़े लड़ैया तलाश रहे चुनावी मैदान में उतरने का रास्ता

    लोकसभा चुनाव का बिगुल बजने के साथ राजनीतिक उठापटक तेज हो गई है। कुछ लोग भाजपा के साथ आ रहे हैं तो कुछ दूसरे दलों का दामन थाम रहे हैं। प्रयागराज में अब तक भाजपा ने फूलपुर और इलाहाबाद संसदीय सीट से उम्मीदवार का नाम नहीं घोषित किया है। जिले की दोनों सीटों पर भाजपा किसे उतार रही है? क्या यहां भी बड़े राजनीतिक लड़ैया पाला बदल सकते हैं?

    By Amlendu Tripathi Edited By: Abhishek Pandey Updated: Wed, 13 Mar 2024 10:36 AM (IST)
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    यूपी की इन दो सीटों पर भाजपा कर सकती है बड़ा उलटफेर

    अमलेन्दु त्रिपाठी, प्रयागराज। लोकसभा चुनाव का बिगुल बजने के साथ राजनीतिक उठापटक तेज हो गई है। कुछ लोग भाजपा के साथ आ रहे हैं तो कुछ दूसरे दलों का दामन थाम रहे हैं। प्रयागराज में अब तक भाजपा ने फूलपुर और इलाहाबाद संसदीय सीट से उम्मीदवार का नाम नहीं घोषित किया है।

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    इसी बीच लखनऊ में आयोजित एक समारोह में प्रदेश सरकार के वित्त एवं संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना व सपा सरकार में मंत्री रहे उज्ज्वल रमण सिंह की तस्वीर इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हुई तो कयासों का बाजार गर्म हो गया।

    जिले की दोनों सीटों पर भाजपा किसे उतार रही है? क्या यहां भी बड़े राजनीतिक लड़ैया पाला बदल सकते हैं? जैसे प्रश्न लोग पूछने लगे हैं।

    उज्जवल रमण सिंह का नाम भी चर्चा में

    लखनऊ में पूर्व डीजीपी व राज्यसभा सदस्य बृजलाल की पुस्तक का विमोचन कार्यक्रम हुआ। इसमें संसदीय कार्यमंत्री के साथ करछना विधानसभा से विधायक रहे पूर्व मंत्री रहे उज्ज्वल रमण सिंह मौजूद थे। सप्ताहभर पूर्व नेशनल पीजी कालेज लखनऊ में आयोजित समारोह में उज्ज्वल व उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक की तस्वीरें सामने आई थीं।

    राज्यसभा में जब सपा विधायक पूजा पाल सहित कुछ नेताओं ने क्रास वोटिंग की तो बड़े बदलाव की चर्चा होने लगी थी। राजनीति के जानकारों का कहना है कि सपा ने गठबंधन धर्म निभाते हुए इलाहाबाद संसदीय सीट कांग्रेस को दिया है। ऐसे में सपा से उज्ज्वल के चुनाव लड़ने की तमाम संभावनाओं को झटका लगा है।

    जानकारों का कहना है कि उज्ज्वल के पिता रेवती रमण सिंह आठ बार के विधायक व दो बार के सांसद रहे। यह घराना 1974 से राजनीति में है। अब यदि उनके चुनाव मैदान में उतरने के रास्ते बंद होंगे तो वह नया रास्ता जरूर तलाश करेंगे। हालांकि उज्ज्वल ने पूर्व में कांग्रेस और भाजपा के साथ जाने की संभावनाओं को नकार दिया था।

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