Allahabad High Court: बिकरू कांड के अभियुक्त की जमानत खारिज, बबलू उर्फ बल्लू मुस्लिम की दूसरी अर्जी भी नामंजूर
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कानपुर के बिकरू कांड के मुख्य अभियुक्त विकास दुबे के सहयोगी बबलू उर्फ बल्लू मुस्लिम की जमानत अर्जी खारिज कर दी है। न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने यह आदेश दिया। बबलू 2020 से जेल में है और उसके वकील ने तर्क दिया कि उसका विकास दुबे से सीधा संबंध नहीं है और अन्य आरोपियों को जमानत मिल चुकी है।

विधि संवाददाता, प्रयागराज। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कानपुर के चर्चित बिकरू कांड में मुख्य अभियुक्त विकास दुबे के सहयोगी बबलू उर्फ बल्लू मुस्लिम की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है।
बबलू की एक जमानत अर्जी बीते वर्ष भी नामंजूर की जा चुकी है। यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने बबलू की जमानत अर्जी पर दिया है।
याची के अधिवक्ता का कहना था कि याची 25 अगस्त 2020 से जेल में बंद है। ट्रायल की स्टेटस रिपोर्ट के अनुसार कुल 102 अभियोजन गवाहों में सिर्फ 16 की गवाही हुई है।
याची का घटना के मुख्य अभियुक्त विकास दुबे से कोई सीधा संबंध नहीं है। उसके तरह आरोप अन्य लोगों पर भी लगे थे। उन अभियुक्तों की जमानत हो चुकी है।
अपर शासकीय अधिवक्ता विकास सहाय ने जमानत अर्जी पर राज्य सरकार का पक्ष रखा। कहा कि घटना काफी गंभीर है। अभियुक्तों ने सीधे प्रशासन को चुनौती दी।
कहा गया कि आरोपितों ने आठ पुलिसकर्मियों की हत्या की। कईयों को घायल किया। आतंक कायम करने के इरादे से घटना को अंजाम दिया गया।
कोर्ट ने कहा कि घटना की प्रकृति को देखते हुए आरोपित की जेल निरुद्धि को लंबी अवधि नहीं कहा जा सकता है। जमानत देने का आधार नहीं है। यदि एक वर्ष बाद ट्रायल आगे नहीं बढ़ता है तो याची फिर से जमानत की मांग कर सकता है।

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