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    Bikaru Kand: गैंगस्टर विकास दुबे के करीबी को HC ने दी जमानत, पांच सालों से जेल में है बंद

    Updated: Mon, 10 Mar 2025 07:46 PM (IST)

    इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कानपुर के बहुचर्चित बिकरू कांड में मारे गए गैंग्सटर विकास दुबे के संपर्क वाले शिव तिवारी उर्फ आशुतोष त्रिपाठी की सशर्त जमानत मंजूर की। कोर्ट ने कहा कि अनुच्छेद-21 के तहत स्पीडी ट्रायल अभियुक्त का मूल अधिकार है। याची 21 अगस्त 2020 से जेल में बंद है जबकि पुलिस ने चार्जशीट दाखिल कर दी है और अभियोजन की अधिकांश गवाही हो चुकी है।

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    बिकरू कांड: मारे गए गैंग्सटर के संपर्क में रहने वाले को हाई कोर्ट से जमानत। (तस्वीर जागरण)

    विधि संवाददाता, प्रयागराज। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कानपुर के बहुचर्चित बिकरू कांड में मारे गए गैंग्सटर विकास दुबे के संपर्क वाले शिव तिवारी उर्फ आशुतोष त्रिपाठी की सशर्त जमानत मंजूर कर ली है। कोर्ट ने कहा कि अनुच्छेद-21 के अंतर्गत स्पीडी ट्रायल अभियुक्त का मूल अधिकार है।

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    प्रश्नगत मामले में ट्रायल के शीघ्र पूरा होने की उम्मीद नहीं है। याची 21 अगस्त 2020 से जेल में बंद है। जेलें कैदियों से भरी हैं। पुलिस चार्जशीट दाखिल हो चुकी है। अभियोजन की अधिकांश की गवाही हो चुकी है। कोर्ट ने गुण-दोष पर विचार किए बगैर उकसाने के आरोप को देखते हुए याची को जमानत पाने का हकदार माना और सशर्त जमानत मंजूर कर ली।

    जज सिद्धार्थ ने ये फैसला दिया

    यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ ने दिया है। जमानत अर्जी पर अधिवक्ता भूपेंद्र पाल ने बहस की। कहा कि 24 नवंबर 2023 को पहली जमानत अर्जी खारिज हो चुकी है, यह दूसरी अर्जी है। कोर्ट ने पहली अर्जी खारिज करते हुए ट्रायल एक साल में पूरा करने का आदेश दिया था।

    विकास दुबे गैंग ने आठ पुलिसकर्मियों की हत्या की थी

    एक गवाह के बयान में याची पर उकसाने का आरोप है। अभियोजन का कहना है कि दो जुलाई 2020 को विकास दुबे गैंग द्वारा आठ पुलिसकर्मियों की गोली मारकर हत्या करने की घटना में याची दूसरे के मोबाइल फोन से विकास दुबे के संपर्क में था।

    अभियोजन पक्ष ने कहा- याची जमानत पाने का हकदार नहीं

    धोखाधड़ी के आरोप में दर्ज मामले में पुलिस विवेचना में उसे अलग कर दिया गया है। इससे साबित होता है कि वह विकास दुबे के संपर्क में नहीं था। अभियोजन ने 100 गवाहों की सूची दी है। ट्रायल शीघ्र पूरा होने की उम्मीद नहीं है। सरकारी वकील ने कहा कि अभियोजन ने केवल 44 गवाहों का परीक्षण कराया है। अधिकांश परीक्षित हैं। शीघ्र ट्रायल पूरा होने की उम्मीद है, इसलिए याची जमानत पाने का हकदार नहीं है।

    क्या है पूरा मामला

    चौबेपुर क्षेत्र के बिकरू गांव में दो जुलाई 2020 को दबिश देने गई पुलिस टीम पर विकास दुबे गैंग ने फायरिंग कर दी थी। घटना में आठ पुलिस कर्मियों की मौत हो गई थी, जबकि कई लोग घायल हो गए थे। 5 सितंबर 2023 को गैंगस्टर मामले में कोर्ट ने 30 में से 23 आरोपितों को दोषसिद्ध किया था। सात आरोपितों के खिलाफ साक्ष्य न मिलने से आरोपमुक्त कर दिए गए थे। 

    इसे भी पढ़ें- Bikru Kand: 2020 के चर्चित बिकरू कांड में कोर्ट का अहम फैसला, 23 आरोपितों को सजा; 8 पुलिसवालों की हुई थी हत्या