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    Atul Subhash Case: अतुल सुभाष केस में पत्नी निकिता समेत 3 गिरफ्तार, अभी भी पुलिस की तलाश जारी; आखिर कौन है वो?

    Updated: Sun, 15 Dec 2024 12:04 PM (IST)

    Atul subhash case update अतुल सुभाष आत्महत्याकांड में बेंगलुरु पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए आरोपी निशा सिंघानिया और अनुराग सिंघानिया को प्रयागराज से गिरफ्तार कर लिया है। दोनों को अदालत में पेश किया गया और उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। वहीं इस केस में एक अन्य आरोपी निकिता सिंघानिया को हरियाणा के गुरुग्राम से गिरफ्तार किया गया है।

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    अपने परिवार के साथ अतुल सुभाष (फाइल फोटो)

    जागरण संवाददाता, जौनपुर(Atul subhash Case) एआइ इंजीनियर अतुल सुभाष आत्महत्या मामले में आरोपित पत्नी निकिता सिंघानिया को बेंगलुरु पुलिस ने गुरुग्राम से, उसकी मां निशा सिंघानिया व भाई अनुराग सिंघानिया को प्रयागराज से शनिवार की रात गिरफ्तार कर लिया है।

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    निकिता सिंघानिया (Nikita Singhania) का ट्रांजिट रिमांड गुरुग्राम कोर्ट से तथा मां व भाई का प्रयागराज कोर्ट से बनवाकर पुलिस बेंगलुरु ले जाएगी। वहां के कोर्ट में तीनों आरोपियों को पेश किया जाएगा। अभी एक आरोपित ताऊ सुशील सिंघानिया गिरफ्तार नहीं हो सका है। गिरफ्तारी की डीसीपी व्हाइट फील्ड डिवीजन बेंगलुरु कर्नाटक शिव कुमार ने की है। 

    अतुल के भाई ने दर्ज कराया था मुकदमा

    मृत इंजीनियर अतुल सुभाष के भाई विकास ने मराठाहल्ली पुलिस स्टेशन बेंगलुरु में 9 दिसंबर को एफआइआर दर्ज कराया था कि उसके भाई की मानसिक स्थिति बिल्कुल ठीक थी। वह शाम को उससे बात किया था, बाद में उसके आत्महत्या की सूचना मिली। भाई से पैसे ऐंठने की आड़ में निकिता सिंघानिया, निशा, अनुराग व सुशील पूरे परिवार को झूठे मुकदमे में फंसाए और अत्यधिक मानसिक को शारीरिक तनाव दिया।

    निकिता और उसके परिवार के सदस्यों ने हमारे खिलाफ कई झूठे मुकदमे दर्ज कराए और मामलों को बंद करने के लिए आरोपित तीन करोड़ रुपये की मांग कर रहे थे। मेरे भाई को अपने बच्चों को देखने और उससे मिलने के लिए 30 लाख रुपये की अतिरिक्त मांग की जा रही थी।

    पत्नी ने की थी तीन करोड़ रुपये की मांग

    अदालत के सुनवाई के दौरान भाई अतुल के बयानों का मजाक उड़ाकर उसे आत्महत्या के लिए उकसाया गया और कहा गया अतुल को उन्हें तीन करोड़ रुपये देना चाहिए या आत्महत्या कर लेना चाहिए। आत्महत्या करने से पहले भाई ने ऐसा कदम उठाने के अपने कारणों का उसने बताया है कि उसे चारों लोगों द्वारा मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा था और जबरन वसूली की जा रही थी।

    पुलिस ने चारों आरोपियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज किया। बेंगलुरु पुलिस तीन दिन पूर्व जौनपुर आई। आरोपितों के फरार होने पर उनके घर नोटिस चस्पा किया। दीवानी न्यायालय पहुंचकर अतुल से जुड़े सभी मुकदमों की दो दिन पक्की नकल लिया और अंततः पुलिस की दूसरी टीम आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।

    तहरीर से जज का नाम हटाया

    एएसआइ रंजीत कुमार ने बताया कि विकास मोदी ने जौनपुर के फैमिली कोर्ट की जज के खिलाफ भी तहरीर दी थी। उन्हें यह बताने पर कि न्यायालय तो किसी न किसी के पक्ष में निर्णय करेगा ही, उन्होंने तहरीर बदल दी थी। उन्होंने निकिता व उसके परिवार वालों के खिलाफ ही एफआइआर दर्ज कराई है।

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