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    प्रयाग स्टेशन के निकट रेल ट्रैक पर अराजकतत्वों ने लगाई आग, 25 मिनट खड़ी रही मालगाड़ी, लोको पायलट व गार्ड ने बुझाई आग

    By Jagran News Edited By: Brijesh Srivastava
    Updated: Sun, 21 Dec 2025 05:39 PM (IST)

    प्रयागराज स्टेशन के पास अराजक तत्वों ने रेल ट्रैक पर आग लगा दी, जिसके कारण एक मालगाड़ी को 25 मिनट तक रोकना पड़ा। लोको पायलट की सतर्कता से बड़ा हादसा ट ...और पढ़ें

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    प्रयागराज में प्रयाग स्टेशन के पास रेल पटरी पर अराजकतत्वों द्वारा लगाई गई आग बुझाई जा रही। साभार : सुधी पाठक

    जागरण संवाददाता, प्रयागराज। क्या रेलवे की सुरक्षा इतनी कमजोर हो गई है कि आरपीएफ पोस्ट के चंद कदम दूर ट्रैक पर किसी ने खुलेआम आग लगा दी और कोई रोकने वाला नहीं था? शनिवार शाम 5.50 बजे उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के प्रयाग स्टेशन के दक्षिणी हिस्से में ऐसी ही एक सनसनीखेज घटना हुई, जिसने रेलवे की लापरवाही और सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए।

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    लोको पायलट ने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन रोकी

    सीमेंट लदी मालगाड़ी प्रयागराज से रायबरेली की ओरजा रही थी। तभी लोको पायलट मदन सिंह की नजर ट्रैक पर धधकती आग पर पड़ी। लोको पायलट ने तुरंत इमरजेंसी ब्रेक लगा दिया। ट्रेन 25 मिनट तक पूरी तरह रुकी रही। लोको पायलट और गार्ड इमरान ने अग्निशमन यंत्र से आग बुझाई और कंट्रोल रूम को सूचना दी।

    आरपीएफ पोस्ट प्रभारी घटना से अनजान  

    अराजकतत्वों ने रेलवे ट्रैक पर बोरी, कूड़ा और अन्य सामान डालकर आग लगाई थी। हैरानी की बात यह है कि यह घटना आरपीएफ पोस्ट से चंद कदम की दूरी पर हुई। इतनी करीबी घटना होने के बावजूद आरपीएफ पोस्ट प्रभारी इंस्पेक्टर आरबी सिंह को इसका जरा भी पता नहीं था। जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने कहा, "हमें तो कुछ पता ही नहीं। फोटो-वीडियो दिखाओ तो देखते हैं कि क्या हुआ है।" गनीमत रही कि यह मालगाड़ी थी और लोको पायलट ने सही समय पर ब्रेक लगा दिया। अगर यात्री ट्रेन होती या मालगाड़ी तेज रफ्तार में होती तो बड़ा हादसा हो सकता था। सैकड़ों जानें खतरे में पड़ सकती थीं। 

    लोको पायलट व गार्ड ने मेमो लिखा

    घटना के बाद लोको पायलट और ट्रेन मैनेजर यानी गार्ड  ने मेमो लिखा और ट्रेन आगे बढ़ गई। वहीं आरपीएफ की इस खुली लापरवाही पर सवाल उठ रहा है कि इतने पास हुई घटना की सूचना कैसे नहीं मिली। माघ मेला सिर पर है, ऐसी लापरवाही बड़े हादसे का कारण बन सकती है। आश्चर्य है कि अराजक तत्व फरार हो गए, गिरफ्तारी तो दूर उनका कोई सुराग तक नहीं लगा है।

    क्या कहते हैं लखनऊ मंडल के सीनियर डीएससी  

    लखनऊ मंडल के सीनियर डीएससी देवांश शुक्ल का कहना है कि इस मामले की जांच करा रहे हैं। टोलीफोनिक वार्ता में अभी यह पता चला है कि ब्रेक बाइंडिंग से आग लगी थी। अभी कंट्रोल से इसकी पुष्टि करने का प्रयास किया जा रहा है।

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