Allahabad University में सुरक्षाकर्मियों से झड़प के बाद भड़के छात्र, मुख्य गेट पर घंटों किया प्रदर्शन, मांगों का सौंपा ज्ञापन
इलाहाबाद विश्वविद्यालय में एफसीआइ भवन में छात्रों और सुरक्षाकर्मियों के बीच झड़प हुई। सुरक्षाकर्मियों द्वारा छात्रों को कथित रूप से धमकाने के बाद छात्र आक्रोशित हो गए और विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर प्रदर्शन किया। छात्रों ने एफसीआई बिल्डिंग में बुनियादी सुविधाओं की कमी का विरोध किया और प्राक्टर कार्यालय में ज्ञापन सौंपा। छात्रों ने सुरक्षाकर्मियों पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाया।

इलाहाबाद विश्वविद्यालय में एफसीआइ भवन में सुरक्षाकर्मियों से नोकझोंक के बाद जुटे दिशा छात्र। जागरण
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। इलाहाबाद विश्वविद्यालय में एफसीआइ भवन में बैठे दिशा छात्र संगठन से जुड़े छात्रों को भगाने पहुंचे सुरक्षाकर्मियों से छात्रों की नोंकझोंक हो गई। इस झड़प से छात्र आक्रोशित हो गए। नारेबाजी करते हुए विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार तक पहुंच गए। काफी देर तक हंगामा चला और छात्रों को रोकने के लिए मुख्य द्वार बंद कर दिया गया। हालांकि बाद में चीफ प्राक्टर से हुई वार्ता के बाद छात्र मांगों का ज्ञापन देकर चले गए।
सुरक्षाकर्मियों ने धमकाने और मारपीट की कोशिश की
घटना की शुरुआत उस समय हुई जब दिशा छात्र संगठन से जुड़े कुछ छात्र एफसीआइ बिल्डिंग में बैठकर अध्ययन कर रहे थे। आरोप है कि इसी दौरान विश्वविद्यालय के सुरक्षाकर्मी वहां पहुंचे और छात्रों से कथित तौर पर बदसलूकी करते हुए उन्हें बाहर निकालने लगे। छात्रों ने इसका विरोध किया तो सुरक्षाकर्मियों ने धमकाने और मारपीट की कोशिश की, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया।
प्राक्टर कार्यालय पहुंचकर अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा
थोड़ी ही देर में बड़ी संख्या में छात्र एकत्र हो गए और एफसीआइ बिल्डिंग में सभा का आयोजन किया गया। कार्यकर्ताओं ने पैदल मार्च निकालते हुए विश्वविद्यालय के मुख्य गेट की ओर कूच किया। गेट बंद होने के कारण छात्र वहीं डटे रहे। बाद में प्राक्टोरियल बोर्ड के हस्तक्षेप पर छात्र प्रतिनिधि मंडल ने प्राक्टर कार्यालय पहुंचकर अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा।
छात्र बोले- आवाज को चुप कराने की कोशिश की जाती है
छात्र-छात्राओं ने सुरक्षाकर्मियों पर पकड़कर खींचने और बल प्रयोग का आरोप लगाया। चंद्र प्रकाश और अविनाश ने कहा कि एफसीआइ बिल्डिंग में सैकड़ों छात्र पढ़ते हैं, लेकिन न साफ पीने का पानी है और न शौचालय की व्यवस्था। कक्षाओं में माइक तक नहीं है। ऐसे हालात में जब छात्र अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाते हैं, तो उन्हें चुप कराने की कोशिश की जाती है। उत्कर्ष, अमन, प्रियांशु, पूजा, प्रशांत सहित बड़ी संख्या में छात्र शामिल रहे।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।