सरकारी वकील की प्राइवेट प्रैक्टिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट सख्त, डीजीसी से मांगा जवाब
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी (डीजीसी क्रिमिनल) आगरा बसंत कुमार गुप्ता से जवाब मांगा है। उन पर सरकारी वकील होने के बावजूद प्राइवेट प्रैक्टिस करने का आरोप है। याचिकाकर्ता गीतिका अग्रवाल ने कहा है कि डीजीसी ने उनके पति की ओर से उनके माता-पिता और भाई को कानूनी नोटिस भेजा है। हाईकोर्ट ने डीजीसी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

विधि संवाददाता, प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी (डीजीसी क्रिमिनल) आगरा बसंत कुमार गुप्ता से जवाब मांगा है। गीतिका अग्रवाल ने याचिका दायर कर सरकारी वकील होने के बावजूद उन पर प्राइवेट प्रैक्टिस करने का आरोप लगाया है। कहा है उन्होंने पति की तरफ से मेरे माता-पिता व भाई को कानूनी नोटिस भेजा है।
न्यायमूर्ति शेखर बी सराफ तथा न्यायमूर्ति विपिन चंद्र दिक्षित की खंडपीठ ने शासकीय अधिवक्ता को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। अगली सुनवाई के लिए आठ मई की तिथि नियत की है। याची गीतिका के अनुसार उनका विवाह सौरव अग्रवाल से हुआ था। पति सहित ससुराल पक्ष ने दहेज की मांग की।
जिला शासकीय अधिवक्ता ने भेजा नोटिस
आगरा के थाना जगदीशपुरा में दहेज उत्पीड़न की एफआइआर दर्ज कराया गई है। ससुराल पक्ष की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) ने नोटिस भेजा है, जबकि उन्हें प्राइवेट प्रैक्टिस करने का अधिकार नहीं है। साथ ही आइसीआइसीआइ बैंक के पैनल अधिवक्ता होने का भी आरोप लगाया। इस संबंध में उचित कार्रवाई के लिए अधिकारियों को प्रार्थना पत्र भेजा, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। इस पर यह याचिका दाखिल की है।
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