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    बिना आपत्ति सुने न जारी की जाए हिस्ट्रीशीट, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने यूपी के प्रमुख सचिव को दिया आदेश

    Updated: Wed, 22 Jan 2025 07:56 AM (IST)

    Allahabad High Court इलाहाबाद हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि हिस्ट्रीशीट तैयार करने से पहले आरोपित की आपत्ति पर विचार करना चाहिए। कोर्ट ने कहा है कि जब देश में लोकतंत्र नहीं था तब औपनिवेशिक शासकों ने भारतीयों के लिए हिस्ट्रीशीट खोलने के नियम बनाए थे। इसमें प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का अनुपालन करने की बाध्यता नहीं थी।

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    Allahabad High Court की तस्वीर (फोटो- जागरण)

    विधि संवाददाता, प्रयागराज। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से कहा है कि हिस्ट्रीशीट तैयार करने से पहले आरोपित की आपत्ति पर विचार करना चाहिए। इस आशय का दिशा-निर्देश जारी करने का निर्देश दिया है।

    कोर्ट ने कहा, जब देश में लोकतंत्र नहीं था तब औपनिवेशिक शासकों ने भारतीयों के लिए हिस्ट्रीशीट खोलने के नियम बनाए थे। इसमें प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का अनुपालन करने की बाध्यता नहीं थी। देश की आजादी के बाद गणतांत्रिक देश का संविधान लागू होने पर प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का पालन अनिवार्य किया गया है।

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    कोर्ट ने पुलिस उपायुक्त के आदेश को किया रद

    कोर्ट ने पुलिस उपायुक्त गौतमबुद्धनगर के उस आदेश को रद कर दिया जिसमें याची की हिस्ट्रीशीट जारी की गई थी। कोर्ट ने आदेश की प्रति प्रमुख सचिव (गृह) को प्रेषित करने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ तथा न्यायमूर्ति सुभाष चंद्र शर्मा की खंडपीठ ने फिरोज मलिक व तीन अन्य की याचिकाओं को स्वीकार करते हुए दिया है।

    गौतमबुद्ध नगर के ग्रेटर नोएडा निवासी याचियों के खिलाफ पुलिस उपायुक्त ने 16 जून 2021 को हिस्टीशीट खोलने का आदेश दिया था। इसे हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी। याची का कहना था कि 30 जुलाई 2020 को पहला मुकदमा आइपीसी की धारा 408 और धारा 386 में दर्ज किया गया था। उसके बाद गुंडा एक्ट की कार्रवाई की गई। इसके आधार पर बी श्रेणी की हिस्ट्रीशीट खोलने का आदेश जारी कर दिया गया, जबकि याची पेशेवर अपराधी नहीं हैं। ऐसे में हिस्ट्रीशीट खोलना अवैध है। इसे रद किया जाना चाहिए।

    समन तामीले में देरी के लिए जवाबदेही तय हो : हाई कोर्ट

    इलाहाबाद हाई कोर्ट ने समन आदेश को तामील करने में देरी करने वाले पुलिस अधिकारियों की जवाबदेही तय करने तथा न्यायिक अधिकारियों को समन आदेश तामील होने या न होने की स्थिति पत्रावली पर दर्ज करने का निर्देश दिया है। डीजीपी से कहा गया है कि समन को समय से तामील कराने के लिए परिपत्र जारी करने संबंधी आदेश की प्रति कोर्ट को भी दी जाए।

    मुख्यमंत्री पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले सपा नेता पर मुकदमा

    बडगोहना कला में सोमवार को बारा के सपा विधानसभा अध्यक्ष भागीरथी बिंद ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं भाजपा नेताओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इसका वीडियो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हो रहा था। हालांकि दैनिक जागरण प्रसारित वीडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं करता। प्रसारित वीडियो के आधार पर घनश्याम गुप्ता पुत्र सुकरू निवासी बडगोहना कला ने प्रभारी इंस्पेक्टर को तहरीर दी।

    कौंधियारा पुलिस ने मानहानि एवं जानबूझकर दंगा भड़काने के आरोप में भागीरथी बिंद के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। प्रभारी इंस्पेक्टर ने बताया कि मुकदमा दर्ज किया गया है। अधिकारियों के आदेश अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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