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    Praayagraj News: इलाहाबाद हाई कोर्ट का फैसला, कहा- नाबालिग को भी इच्छा के विरुद्ध संरक्षण गृह में नहीं रख सकते

    By Jagran NewsEdited By: Prabhapunj Mishra
    Updated: Fri, 08 Dec 2023 07:14 AM (IST)

    हाई कोर्ट ने दुष्कर्म के आरोप में दर्ज मुकदमा रद करते हुए पीड़िता की सिपुर्दगी पति को दी। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा है कि नाबालिग को उसकी इच्छा के विरुद्ध राजकीय बालिका संरक्षण गृह या किसी भी अन्य संरक्षण गृह में नहीं रखा जा सकता। न्यायमूर्ति नीरज तिवारी ने जालौन निवासी मनोज कुमार उर्फ मोनू कटारिया की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया।

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    Praayagraj News: इलाहाबाद हाई कोर्ट का फैसला

    विधि संवाददाता, प्रयागराज। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा है कि नाबालिग को उसकी इच्छा के विरुद्ध राजकीय बालिका संरक्षण गृह या किसी भी अन्य संरक्षण गृह में नहीं रखा जा सकता। कोर्ट ने राजकीय बालिका संरक्षण गृह में रखी गई पीड़िता को उसके पति के साथ जाने की अनुमति दे दी है। साथ ही उसके पति के खिलाफ दर्ज अपहरण और दुष्कर्म का मुकदमा रद कर दिया है।

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    न्यायमूर्ति नीरज तिवारी ने जालौन निवासी मनोज कुमार उर्फ मोनू कटारिया की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है।याची ने अपने खिलाफ उरई में दर्ज अपहरण, दुष्कर्म व पाक्सो एक्ट के तहत मुकदमे में दाखिल आरोपपत्र रद करने की मांग की थी। याची के अधिवक्ता का कहना था कि पीड़िता की मां ने उसके खिलाफ मुकदमा कराया है। वास्तविकता यह है कि पीड़िता से उसका प्रेम संबंध था और दोनों ने मर्जी से शादी कर ली।

    मेडिकल रिपोर्ट में पीड़िता की आयु 16 वर्ष बताने पर पीड़िता को राजकीय बालिका संरक्षण गृह भेज दिया गया और मोनू को जेल जाना पड़ा। हाई कोर्ट से बाद में उसकी जमानत हो गई थी। पीड़िता की मां ने उसकी कस्टडी लेने से इन्कार कर दिया, जिसकी वजह से उसे संरक्षण गृह भेजना पड़ा, जहां उसने एक बच्चे को जन्म भी दिया है।हाई कोर्ट ने कहा कि पीड़िता ने मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान में अपनी आयु 19 वर्ष बताई है।

    निर्णय का हवाला देते हुए कोर्ट ने कहा कि इस स्थिति में यदि पीड़िता नाबालिग भी है, तब भी उसे उसकी इच्छा के विरुद्ध संरक्षण गृह में नहीं रखा जा सकता। यह तय कानून है कि आयु निर्धारण के मामले में मेडिकल रिपोर्ट से दो वर्ष अधिक या कम माना जा सकता है। पीड़िता की आयु 18 वर्ष से अधिक है और उसने बच्चे को भी जन्म दिया है। मां और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं।

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