यतीमखाना मामले में आजम खां की याचिका पर सुनवाई नौ को, इस मांग को कोर्ट ने किया खारिज
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने यतीमखाना बेदखली मामले में सपा नेता आजम खां की याचिका पर सुनवाई के लिए नौ अक्तूबर 2025 की तिथि निर्धारित की है। याचिका में ट्रायल कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी गई है जिसमें अभियोजन पक्ष के साक्षियों को दोबारा बुलाने और घटनास्थल की वीडियोग्राफी को रिकॉर्ड में लाने की मांग खारिज कर दी गई थी।

विधि संवाददाता, जागरण, प्रयागराज। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने यतीमखाना बेदखली मामले में सपा नेता मोहम्मद आजम खां की याचिका पर सुनवाई के लिए नौ अक्तूबर 2025 की तिथि नियत की है। यह आदेश न्यायमूर्ति समीर जैन ने सह अभियुक्तों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एसएफए नकवी, अधिवक्ता सैयद अहमद फैजान, आजम खां व उनके सहयोगी वीरेन्द्र गोयल की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एनआई जाफरी, अधिवक्ता शाश्वत आनंद व शशांक तिवारी को सुन कर दिया है।
याचिका में ट्रायल कोर्ट के 30 मई 2025 के आदेश को चुनौती दी गई है। इसमें अभियोजन पक्ष के साक्षियों विशेषकर सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन ज़फर अहमद फारूकी को दोबारा बुलाने और घटनास्थल की वीडियोग्राफी को रिकार्ड में लाने की मांग खारिज कर दी गई थी।
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याचियों का कहना है कि यह वीडियोग्राफी उनकी घटनास्थल पर अनुपस्थिति साबित कर सकती है और निष्पक्ष सुनवाई के अधिकार के लिए आवश्यक है। यह मुकदमा 2019 में रामपुर के कोतवाली थाने में दर्ज 12 एफआइआर पर आधारित है, जिनमें डकैती, आपराधिक षड्यंत्र और घर में अनधिकृत प्रवेश जैसे आरोप शामिल हैं। सभी मामलों को आठ अगस्त 2024 को विशेष न्यायाधीश (एमपी/एमएलए) रामपुर ने एकल मुकदमे में जोड़ा था।
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