संभल में कब्रिस्तान की जमीन की पैमाइश पर रोक से हाई कोर्ट का इनकार, अदालत ने राजस्व टीम के सामने आपत्ति दर्ज कराने की दी छूट
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने संभल जिले के गांव कोट स्थित कब्रिस्तान की जमीन की पैमाइश और सर्वे पर रोक लगाने की याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि याच ...और पढ़ें

विधि संवाददाता, प्रयागराज। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने संभल जिले के गांव कोट (अंदर चुंगी) स्थित कब्रिस्तान की जमीन की पैमाइश और सर्वे पर रोक लगाने से इन्कार कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि याची राजस्व टीम के समक्ष पैमाइश के दौरान अपनी आपत्तियां और पक्ष रख सकते हैं। इस निर्देश के साथ ही न्यायमूर्ति राजीव मिश्रा और न्यायमूर्ति सत्यवीर सिंह की खंडपीठ ने असीम खान सहित 17 लोगों की याचिका निस्तारित कर दी है।
याचीगण ने संभल के उपजिलाधिकारी की ओर से दिसंबर 2025 में जारी उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें गाटा संख्या 32/2 के सर्वेक्षण और सीमांकन का निर्देश था। याचीगण का कहना था कि भूमि राजस्व अभिलेखों में कब्रिस्तान दर्ज है और इस पर किसी भी प्रकार की कार्रवाई सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व आदेशों के विरुद्ध है।
क्या थी राज्य सरकार की ओर से दलील
राज्य सरकार की ओर से मुख्य स्थायी अधिवक्ता ने दलील दी कि विवादित भूमि सरकारी रिकार्ड में कब्रिस्तान है और प्रशासन की ओर से केवल पैमाइश व सीमांकन कराया जा रहा है, इससे किसी के अधिकार प्रभावित नहीं होंगे।
याचीगण के अधिवक्ता ने आरोप लगाया कि सड़क बनाकर कब्रिस्तान का अवैध विभाजन किया गया है और पैमाइश की आड़ में विशेष समुदाय को बेदखल करने का प्रयास किया जा रहा है। पक्षों की दलीलें सुनने के बाद हाई कोर्ट ने कहा कि प्रथमदृष्टया आदेश केवल भूमि के मापन और सीमांकन से संबंधित है। ऐसे में कार्यवाही पर रोक का कोई आधार नहीं बनता।

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