संभल में मस्जिद और बारात घर गिराने के आदेश को चुनौती, अब हाई कोर्ट ने मांगे ये दस्तावेज
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने संभल में सरकारी जमीन और तालाब पर बनी मस्जिद-बारात घर के ध्वस्तीकरण के आदेश के खिलाफ याचिका पर कागजात पेश करने का निर्देश दिया है। न्यायमूर्ति दिनेश पाठक ने यह आदेश दिया। याचिका मसाजिद शरीफ गोसुलबारा रावां बुजुर्ग और मस्जिद के मुतवल्ली मिंजर द्वारा दायर की गई है। याचिका में मस्जिद बारात घर और अस्पताल के ध्वस्तीकरण पर रोक लगाने की मांग की गई है।

विधि संवाददाता, प्रयागराज । इलाहाबाद हाई कोर्ट ने संभल में सरकारी जमीन और तालाब पर बनी मस्जिद-बारात घर के ध्वस्तीकरण संबंधी आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर संबंधित कागजात पेश करने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति दिनेश पाठक ने दिया है। मामले में शनिवार को भी सुनवाई होगी।
दशहरा अवकाश के दौरान यह याचिका दाखिल कर अर्जेंट सुनवाई की मांग की गई। मसाजिद शरीफ गोसुलबारा रावां बुजुर्ग और मस्जिद के मुतवल्ली मिंजर ने याचिका दायर की है। याची की तरफ से अधिवक्ता अरविंद कुमार त्रिपाठी व शशांक श्री त्रिपाठी ने बहस की। याचिका में मस्जिद, बारात घर और अस्पताल के ध्वस्तीकरण संबंधी आदेश पर रोक लगाने की मांग की गई है।
हो सकता था बड़ा हादसा!
कहा गया है कि बारात घर को ध्वस्त कर दिया गया है। ध्वस्तीकरण के लिए दो अक्टूबर गांधी जयंती व दशहरे की छुट्टी का दिन चुना गया जबकि बुलडोजर कार्रवाई के दौरान भीड़ की वजह से कोई बड़ा हादसा या बवाल भी हो सकता था।
आरोप है कि बारात घर तालाब की जमीन पर बना हुआ है और मस्जिद का कुछ हिस्सा सरकारी जमीन पर बना हुआ है। शुक्रवार दोपहर एक बजे से करीब सवा घंटे हुई सुनवाई में मस्जिद पक्ष को कोई अंतरिम राहत नहीं मिली।
कोर्ट ने फिर से सुनवाई के लिए बोला
कोर्ट ने मस्जिद पक्ष को आवश्यक कागजात पेश करने का निर्देश देते हुए शनिवार सुबह 10 बजे मामले में पुनः सुनवाई करने को कहा है। याचिका में राज्य सरकार, डीएम व एसपी संभल, एडीएम, तहसीलदार और ग्राम सभा गोसुलबारा रावां बुजुर्ग को पक्षकार बनाया गया है।
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