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    लिव इन रिलेशनशिप में रह रहे परिवार की याचिका को लेकर HC का निर्देश, 'दंपती व अबोध को पुलिस सुरक्षा दें एसपी संभल'

    Updated: Fri, 11 Apr 2025 07:45 AM (IST)

    इलाहाबाद हाई कोर्ट ने चंदौसी संभल निवासी एक दंपती और उनकी अबोध बच्ची को पुलिस सुरक्षा प्रदान करने का निर्देश दिया है। दंपती विपरीत धर्म के हैं और लिव इन रिलेशनशिप में रह रहे हैं। बच्ची की मां के पूर्व ससुराल वाले उन्हें धमका रहे हैं और उनकी सुरक्षा को खतरा है। कोर्ट ने कहा कि वयस्क माता-पिता साथ रहने के हकदार हैं भले ही उन्होंने विवाह न किया हो।

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    इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक लिव इन रिलेशनशिप मामले की सुनवाई की। जागरण

     विधि संवाददाता, जागरण, प्रयागराज। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने चंदौसी, संभल निवासी उस दंपती व अबोध बच्ची को पुलिस सुरक्षा प्रदान करने का निर्देश दिया है जो विपरीत धर्म के हैं और लिव इन रिलेशनशिप में रह रहे हैं।

    एक साल चार माह की अबोध बच्ची की तरफ से याचिका दायर कर कहा गया था कि मां के पूर्व ससुराल वाले धमका रहे हैं और उनकी सुरक्षा को खतरा है । न्यायमूर्ति शेखर बी सराफ और न्यायमूर्ति विपिन चंद्र दीक्षित की खंडपीठ ने कहा, बच्ची के जैविक पिता-माता अलग-अलग धर्म के हैं और 2018 से एक साथ रह रहे हैं। बच्ची के माता-पिता कुछ खतरों से आशंकित हैं, जो बच्ची की मां के पूर्व ससुराल वालों की तरफ से है।

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    पति की मृत्यु के बाद, महिला बच्ची के जैविक पिता के साथ रह रही है। पीठ ने उच्चतम न्यायालय के विभिन्न निर्णयों का हवाला देते हुए कहा, ‘हमारे विचार में, संवैधानिक व्यवस्था के तहत वयस्क माता-पिता साथ रहने के हकदार हैं, भले ही उन्होंने विवाह न किया हो।’

    कोर्ट ने पुलिस को नियमानुसार सुरक्षा प्रदान करने का दिया निर्देश। जागरण


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    बताया गया कि पुलिस अधिकारी आरोपित विपक्षियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने को तैयार नहीं हैं और जब दंपती थाने में जाते हैं तो पुलिस अधिकारी बार-बार उन्हें अपमानित करते हैं।

    कोर्ट ने संभल के पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिया कि यदि माता-पिता संबंधित पुलिस थाने में जाते हैं तो एफआइआर दर्ज की जाए। एसपी इस पहलू पर गौर करें कि क्या कानून के अनुसार बच्चे और माता-पिता को कोई सुरक्षा प्रदान करने की आवश्यकता है, यदि है तो नियमानुसार सुरक्षा प्रदान करें।

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