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    Mini Kumbh: प्रयागराज से धीरे-धीरे रवाना होने लगे अखाड़े, ये नगरी होगी अगला पड़ाव; सजने वाला है मिनी कुंभ

    Updated: Thu, 06 Feb 2025 08:14 PM (IST)

    महाकुंभ में अखाड़ों की विदाई शुरू हो गई है। अमृत स्नान के बाद शैव अखाड़ों ने धर्मध्वजा उतारकर कढ़ी-पकौड़ी भंडारे की तैयारी की है। संत पहले काशी जाएंगे और महाशिवरात्रि तक वहां रुकेंगे। जूना अखाड़ा 7 फरवरी को भंडारा कर प्रस्थान करेगा जबकि वैरागी अखाड़ों की धर्मध्वजा अभी नहीं उतारी जाएगी। कुछ संत अयोध्या और वृंदावन जाएंगे जबकि आवाहन व अग्नि अखाड़ा के संत पहले कश्मीर रवाना होंगे।

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    गुप्त नवरात्रि का अनुष्ठान कराते स्वामी अवधेशानंद गिरि। सौ. शिविर प्रबंधन

    जागरण संवाददाता, महाकुंभ नगर। देश-विदेश के श्रद्धालुओं के प्रमुख आकर्षण अखाड़े धीरे-धीरे महाकुंभ मेला क्षेत्र से विदा (वापस) होने लगे हैं। सेक्टर-20 स्थित अखाड़ों के शिविर में धर्मध्वजा उतारकर नए गंतव्य की ओर संत रवाना हो रहे हैं। शुक्रवार को शैव (संन्यासी) अखाड़े धर्मध्वजा उतारकर कढ़ी-पकौड़ी का भंडारा करेंगे। उसका सेवन करने के बाद संत काशी जाएंगे। बड़ा उदासीन अखाड़ा की धर्मध्वजा भी शुक्रवार को उतारी जाएगी।

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    कुंभ-महाकुंभ में 13 अखाड़े मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या और वसंत पंचमी का अमृत (शाही) स्नान करते हैं। अभी कल्पवास 12 फरवरी माघी पूर्णिमा तक है, महाशिवरात्रि 26 फरवरी तक महाकुंभ चलेगा, लेकिन अमृत स्नान समाप्त होने के बाद अखाड़े मेला क्षेत्र छोड़ने लगे हैं।

    काशी होगा अगला पड़ाव

    निर्मल व बड़ा उदासीन अखाड़ा के प्रमुख संत चार फरवरी को मेला क्षेत्र छोड़ दिए हैं। शैव अखाड़े जूना, निरंजनी, महानिर्वाणी, अटल, आनंद, आवाहन व अग्नि के संत प्रयागराज से काशी जाएंगे। शुक्रवार को शिविर में स्थापित धर्मध्वजा उतारी जाएगी।

    गुरुवार को महाकुंभ में स्नान करने जाता श्रद्धालुओं का सैलाब। फोटो-कासिम खान

    वैरागी अखाड़े के संत भी धीरे-धीरे मेला क्षेत्र छोड़ रहे हैं, लेकिन उनकी धर्मध्वजा अभी नहीं उतारी जाएगी। अयोध्या में हनुमान गढ़ी से जुड़े श्रीपंच निर्वाणी अनी अखाड़े के महंत राजू दास ने कहा, अमृत स्नान के बाद संत अयोध्या और वृंदावन के लिए रवाना होने लगते हैं।

    जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीमहंत नारायण गिरि ने बताया, हमारा अखाड़ा सात फरवरी को ''''कढ़ी पकौड़ी'''' का भोज आयोजित करेगा, जिसके बाद संत ''''धर्म ध्वजा'''' की रस्सियां खोलकर काशी के लिए प्रस्थान करेंगे। बताया कि वे सबसे पहले काशी जाएंगे, जहां वे महाशिवरात्रि तक रहेंगे। वहां काशी विश्वनाथ का दर्शन करके मसाने की होली खेलेंगे। वहीं आवाहन और अग्नि अखाड़ा के संत पहले कश्मीर जाएंगे।

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