AK Bharti: ऑपरेशन सिंदूर के सूत्रधार एके भारती का यूपी कनेक्शन, निर्णय लेने की क्षमता ने ही साबित कर दी पहचान
एयर मार्शल एके भारती ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के सूत्रधार का प्रयागराज से गहरा नाता रहा है। वह अगस्त 2023 से सितंबर 2024 तक बमरौली में सेंट्रल एयर कमांड में तैनात थे। अपनी कार्यशैली शांत स्वभाव और निर्णय लेने की क्षमता के कारण वह अधिकारियों के चहेते थे। ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद प्रयागराज उनके नेतृत्व पर गर्व महसूस कर रहा है जहाँ रामचरितमानस की चौपाइयों का पाठ किया गया।

जागरण संवाददाता, प्रयागराज। श्रीरामचरितमानस की चौपाई पढ़कर युद्ध नीति को प्रदर्शित करने वाले, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के सूत्रधार व इसकी कमान संभालकर पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को मिट्टी मिलाने वाले एयर मार्शल एके भारती का प्रयागराज से भी गहरा नाता रहा है।
एक अगस्त 2023 से 30 सितंबर 2024 तक वह बमरौली में सेंट्रल एयर कमांड में सीनियर एयर स्टाफ आफिसर (एसएएसओ) के रूप में तैनात थे। बमरौली में अपने कार्यकाल के दौरान भारती ने कई महत्वपूर्ण सैन्य अभ्यासों में अहम भूमिका निभाई, जिससे वायुसेना की परिचालन क्षमता बढ़ी।
उनकी पारदर्शी और प्रेरणादायक कार्यशैली, शांतचित्त निर्णय लेने की क्षमता और सादगी ने उन्हें वरिष्ठ और कनिष्ठ अधिकारियों का चहेता बनाया था। वह सहयोगियों से संवाद रखते, सामाजिक आयोजनों में हिस्सा लेते और प्रयागराज के सांस्कृतिक जीवन से जुड़े रहे।
ऑपरेशन सिंदूर सफलता का ब्योरा देने के लिए तीनों सेनाओं की संयुक्त प्रेस कान्फ्रेंस में जब वह बतौर भारतीय वायुसेना के डीजीएओ के तौर पर टीवी स्क्रीन पर आए तो मध्य कमान समेत पूरा प्रयागराज अपने इस वीर सपूत पर गौरवान्वित हो उठा। उनके द्वारा रामचरित मानस की चौपाईयों को पढ़ने पर इसे प्रयागराज की आध्यात्मिक ऊर्जा का प्रवाह ही माना जा रहा है।
बमरौली में उनके कार्यकाल में वह वरिष्ठ और कनिष्ठ अधिकारियों के बीच बेहद लोकप्रिय रहे उनकी पारदर्शी और प्रेरणादायक कार्यशैली, शांतचित्त निर्णय लेने की क्षमता और अधीनस्थों को प्रोत्साहित करने का तरीका उन्हें सबसे अलग बनाता है।
स्थानीय वायुसेना कर्मियों के अनुसार, वह सादगी और अनुशासन का प्रतीक थे। वह नियमित रूप से अपने सहयोगियों से संवाद करते, उनकी समस्याओं का समाधान ढूंढते और सामाजिक आयोजनों में हिस्सा लेते थे।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “एयर मार्शल भारती की रणनीतिक सोच और नेतृत्व ने ऑपरेशन सिंदूर को ऐतिहासिक बनाया। प्रयागराज उनकी विरासत को हमेशा याद रखेगा।”
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