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    'भय बिन होई न प्रीति', एयर मार्शल एके भारती ने 'रामचरित मानस' से दिया पाकिस्तान को करारा जवाब

    Updated: Mon, 12 May 2025 06:44 PM (IST)

    एयर मार्शल ए.के. भारती ने ने कहा कि हमारी जवाबी प्रणाली और प्रशिक्षित वायु रक्षा ऑपरेटर पूरी तरह से सक्षम हैं। हमारे देश की स्वदेशी क्षमता ने अपनी प्रभावशीलता साबित कर दी है। हम उनसे मुकाबला करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। बहुत अधिक शब्दों की आवश्यकता नहीं है आपने अपनी आंखों से देखा है कि हमने क्या उन्हें कैसा जवाब दिया है।

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    एयर मार्शल ए.के. भारती ( Photo - PTI)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत-पाकिस्तान में हुए सीजफायर के बाद सोमवार को इंडियन आर्मी के तीनों प्रमुखों ने 'ऑपरेशन सिंदूर' और भारत-पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव पर प्रेस ब्रीफिंग की। इस दौरान भारतीय सेना ने पाकिस्तान पर की गई कार्रवाई का पूरा ब्यौरा दिया। इसी दौरान एयर मार्शल ए.के. भारती ने रामचरित मानस की एक चौपाई भी पढ़ी 'भय बिन होई न प्रीति' यानी बिना डर के प्रेम नहीं हो सकता है।

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    प्रेस ब्रीफिंग के दौरान एयर मार्शल ए.के. भारती ने सबका दिल जीत लिया। प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत में तीनों सेनाओं के प्रतिनिधियों ने अपने-अपने क्षेत्र से जुड़ी जानकारी साझा की। फिर सवाल-जवाब का सिलसिला शुरू हुआ। एक पत्रकार ने सवाल पूछा:

    प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले सेना ने जो वीडियो चलाया, उसमें राष्ट्रकवि रामधारी सिंह 'दिनकर' की पंक्तियां थीं। कल के वीडियो में 'शिव तांडव स्तोत्रम्' था। आप इन माध्यमों से दुश्मन को क्या संदेश देना चाहते हैं?

    इस सवाल पर वायुसेना के एयर मार्शल ए.के. भारती के चेहरे पर स्पष्ट संतोष झलकने लगी। उन्होंने पत्रकार का नाम और संस्थान पूछने के बाद कहा कि यह पंक्तियां विशेष रूप से 'भगवान कृष्ण की चेतावनी' से जुड़ी है।

    दुर्योधन वह भी दे ना सका,

    आशीष समाज की ले न सका,

    उलटे, हरि को बांधने चला,

    जो था असाध्य, साधने चला।

    जब नाश मनुज पर छाता है, पहले

    विवेक मर जाता है।

    हरि ने भीषण हुंकार किया, अपना

    स्वरूप विस्तार किया।

    डगमग-डगमग दिग्गज डोले, भगवान

    कुपित हो कर बोले।

    जंजीर बढ़ा अब साध मुझे, हां-हां दुर्योधन! बांध मुझे।

    इसके बाद एयर मार्शल भारती ने बिना इधर-उधर देखे सीधे रामचरितमानस की चौपाई पढ़ी:

    बिनय न मानत जलधि जड़

    गए तीनि दिन बीति।

    बोले राम सकोप तब

    भय बिनु होइ न प्रीति।

    यह वह प्रसंग है जब भगवान श्रीराम तीन दिनों तक समुद्र से मार्ग देने की विनती करते रहे, पर जब उत्तर नहीं मिला तो उन्होंने क्रोधपूर्वक धनुष उठाया। तभी समुद्र देव प्रकट हुए और मार्ग दिया।

    तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा हॉल

    आमतौर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकार न तो तालियां बजाते हैं और न ही भावनात्मक प्रतिक्रिया व्यक्त करते हैं। लेकिन जब उन्होंने यह चौपाई पढ़ी तो पूरा हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। बगल में बैठे नौसेना के वाइस एडमिरल ए.एन. प्रमोद तक मुस्कुराने लगे।

    प्रेस कॉन्फ्रेंस के खत्म होने पर उन्होंने संस्कृत के वैदिक मंत्र 'शं नो वरुणः' के साथ शुभकामना दी, जिसका अर्थ होता है वरुण देव (समुद्र के देवता) हमारे लिए कल्याणकारी हों।

    किराना हिल्स पर दिया ये जवाब

    जब उनसे पूछा गया कि क्या भारत ने किराना हिल्स पर हमला किया है, तो एयर मार्शल ए.के. भारती ने जवाब दिया कि हमें यह बताने के लिए धन्यवाद कि किराना हिल्स में कुछ परमाणु प्रतिष्ठान हैं, हमें इसके बारे में पता नहीं था। हमने किराना हिल्स पर हमला नहीं किया है।

    पहलगाम का बदला

    7 मई की सुबह भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया गया, जिसमें पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू और कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया। यह ऑपरेशन जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले का जवाब था, जिसमें एक नेपाली नागरिक सहित 26 नागरिक मारे गए थे।

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