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    Prayagraj News: लेटे हनुमान मंदिर की व्यवस्था संचालन पर प्रशासन व महंत आमने-सामने, कॉरिडोर बनने का है प्रस्‍ताव

    Bade Hanuman Mandir Prayagraj महाकुंभ के दृष्टिगत तीर्थराज में हनुमान मंदिर अक्षयवट व महर्षि भरद्वाज कारिडोर का निर्माण होना है। हनुमान मंदिर कारिडोर पर लगभग 45 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। बोर्ड की बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लग गई कि रक्षा मंत्रालय की शर्तों के आधार पर ही हनुमान मंदिर कॉरिडोर के लिए सेना से जमीन ली जाएगी।

    By Sharad Dwivedi Edited By: Vivek Shukla Updated: Sat, 20 Jul 2024 10:38 AM (IST)
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    प्रयागराज में संगम स्थित बड़े हनुमान मंदिर।-जागरण आर्काइव

    जागरण संवाददाता, प्रयागराज। विश्व विख्यात संगम क्षेत्र स्थित लेटे (बड़े) हनुमान मंदिर कारिडोर की व्यवस्था संचालन को लेकर प्रयागराज विकास प्राधिकरण (पीडीए) के प्रस्ताव को लेकर प्रशासन व मंदिर प्रबंधन आमने-सामने आ गए हैं। हालांकि मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत ने कहा है कि पीडीए बोर्ड की बैठक में कारिडोर बनाने का प्रस्ताव पास हुआ है।

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    मंदिर संचालन को लेकर अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है। उधर, श्री मठ बाघम्बरी गद्दी व लेटे हनुमान मंदिर के महंत बलवीर गिरि ने कहा है कि किसी भी तरह के प्रशासनिक हस्तक्षेप को स्वीकार नहीं किया जाएगा।

    पीडीए बोर्ड की शुक्रवार को हुई बैठक की कार्यसूची में चौथे नंबर पर यह प्रस्ताव था। कहा गया है कि मंदिर परिसर के संचालन के लिए प्रशासनिक ढांचा और व्यवस्था की जाएगी। इस संबंध में दैनिक जागरण ने पीडीए उपाध्यक्ष अरविंद चौहान से बात की तो उन्होंने प्रस्ताव पास होने की बात स्वीकारी।

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    कहा कि कारिडोर का काम पूरा होने के बाद मंदिर की व्यवस्था पीडीए के पास रहेगी। मंडलायुक्त की अध्यक्षता में हुई पीडीए बोर्ड की बैठक में इसकी मंजूरी मिल गई है। दूसरी तरफ जब मंडलायुक्त ने कहा कि अभी कारिडोर बनाने का प्रस्ताव पास हुआ है। मंदिर की व्यवस्था संचालन पर निर्णय बाद में लिया जाएगा। इसमें मौजूदा समय मंदिर का प्रबंधन देख रहे महंत से भी चर्चा की जाएगी।

    आपसी सहमति के बाद ही अंतिम निर्णय लिया जाएगा। महंत बलवीर गिरि का कहना है कि हमने हनुमान मंदिर का कारिडोर बनाने की सहमति दी है। व्यवस्था संभालने के लिए नहीं। मंदिर की व्यवस्था सरकार कैसे संभाल सकती है? यह अनुचित है। हम इस मनमाने निर्णय को स्वीकार नहीं करेंगे।

    बता दें कि कारिडोर के लिए ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया चल रही है। जनवरी-2025 में आरंभ होने वाले महाकुंभ से पहले कारिडोर बनाने का लक्ष्य है।

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    मौजूदा समय यह मंदिर, श्री मठ बाघम्बरी गद्दी संचालित करता है। मठ के महंत बलवीर गिरि व्यवस्था संभाल रहे हैं। मंदिर में प्रतिदिन 20 से 25 हजार लोग दर्शन करने आते हैं। मंगलवार-शनिवार को श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ जाती है।श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए कारिडोर बनाया जा रहा है।

    कारिडोर की जद में सेना की 11186 वर्ग मीटर जमीन आ रही है। इसके बदले पीडीए नेहरू पार्क के पास 19 हजार वर्ग मीटर से अधिक जमीन सेना को देगा। कारिडोर बनने के बाद मंदिर की व्यवस्था देखने के लिए बोर्ड का गठन होगा। इसमें मंडलायुक्त, पीडीए उपाध्यक्ष, नगर आयुक्त, महात्मा और कानून के जानकार सहित 10 से अधिक लोग शामिल किए जाएंगे।

    लगभग 45 करोड़ होंगे खर्च

    लेटे हनुमान मंदिर कारिडोर बनाने में लगभग 45 करोड़ रुपये खर्च होंगे। हनुमान मंदिर का गर्भगृह बड़ा किया जाएगा। परिक्रमा पथ, हवन कुंड, पार्किंग, प्रवेश द्वार, रैन बसेरा, दुकानें आदि निर्माण किया जाएगा।