Maha Kumbh 2025: ‘अमृतपान’ कराने अमेरिका से मां को व्हीलचेयर पर लाए योगेश, हाथों में गंगा जल लेकर कराया पुण्य स्नान
91 वर्षीय सुदर्शन भाटिया बलिदानी लेफ्टिनेंट कर्नल नितिन भाटिया की मां ने प्रयागराज के महाकुंभ में पुण्य की डुबकी लगाई। अमेरिका में रहने वाली सुदर्शन भाटिया ने अपने बेटे की स्मृति में लेफ्टिनेंट कर्नल नितिन भाटिया मेमोरियल ट्रस्ट की स्थापना की है और अपनी पूरी संपत्ति दान कर दी है। यह ट्रस्ट लोगों के आंखों की जांच मोतियाबिंद का ऑपरेशन और चश्मे का वितरण करता है।

राजेंद्र यादव, प्रयागराज। अमेरिका में बेटी संग रह रहीं बलिदानी लेफ्टिनेंट कर्नल नितिन भाटिया की 91 वर्षीया मां सुदर्शन भाटिया ने मकर संक्रांति पर महाकुंभ में पुण्य की डुबकी लगाई। कनाडा में रहने वाले बड़े बेटे योगेश कुमार भाटिया से महाकुंभ मेला शुरू होने से पहले जब यह कहा कि त्रिवेणी स्नान करवा दो तो योगेश मना नहीं कर सके।
पहले ही स्नान पर्व पर मां को व्हीलचेयर पर लेकर त्रिवेणी पहुंचे और अपने हाथों से अमृत सदृश्य पावन त्रिवेणी जल से स्नान कराया। गंगा-यमुना व अदृश्य सरस्वती के जल के अमृतपान ने सुदर्शन में नई चेतना भर दी। बेटे को जुग-जुग जीने का आशीष दिया।
1991 से सुदर्शन अमेरिका में रहती हैं
सुदर्शन भाटिया मूल रूप से अलीगढ़ की रहने वाली हैं। साल 1991 से वह अमेरिका में पति के साथ रहने लगीं। प्रयागराज में भी उनके कुछ करीबी रहते हैं। महाकुंभ मेले में स्नान उनके जीवन का अभिन्न हिस्सा था। बेटा योगेश कनाडा गया तो वहीं बस गया।
महाकुंभ लगा तो मां सुदर्शन ने अमृतपान की इच्छा जता दी। बेटे ने भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। पहले मां को लेकर हवाई जहाज से दिल्ली आए और यहां से कार द्वारा अलीगढ़ पहुंचे। यहां से सड़क मार्ग से ही महाकुंभ मेला के प्रथम स्नान पर्व पर लेकर यहां आए।
व्हीलचेयर के सहारे मां को लेकर किला घाट स्थित पक्का घाट पर पहुंचे। सुदर्शन व्हीलचेयर पर बैठी थीं और योगेश ने उन्हें स्नान कराया। बोले, मां को गंगा-यमुना व अदृश्य सरस्वती के जल के अमृतपान कराने से उनका जीवन धन्य हो गया। इसके बाद वह यहां से अपनी मां को लेकर वापस लौट गए।
बलिदानी बेटे की याद में समाजसेवा में लगी दी पूरी संपत्ति
सुदर्शन भाटिया के छोटे पुत्र लेफ्टिनेंट कर्नल नितिन भाटिया भारतीय सेना में थे। 2011 में सिक्किम में हेलीकॉप्टर दुर्घटना में वह बलिदान हो गए थे। इसके बाद सुदर्शन भाटिया ने बेटे की स्मृति में लेफ्टिनेंट कर्नल नितिन भाटिया मेमोरियल ट्रस्ट संचालित किया। इसके लिए अलीगढ़ की अपनी पूरी संपत्ति दे दी।
अमेरिका में भी उनके पास जो कुछ रुपये थे, वह भी इसमें लगा दिया। बड़े पुत्र योगेश से भी कमाई के रुपये इसमें लगाने को कहा और फिर यह ट्रस्ट शुरू हो गया। इसमें लोगों के आंखों की जांच, मोतियाबिंद का ऑपरेशन, चश्मे का वितरण किया जाता है।
पंजाब, अयोध्या, वाराणसी, अलीगढ़, लखीमपुर, वृंदावन, मथुरा समेत 14 जगहों पर निरंतर शिविर का संचालन भी होता है। सुदर्शन भाटिया कहतीं हैं कि उन्होंने बेटे नितिन की स्मृति में यह ट्रस्ट बिना किसी स्वार्थ के संचालित करवाया है। प्रयागराज में नेत्र महाकुंभ का ट्रस्ट भी हिस्सा बना। वह समय-समय पर अलीगढ़ आती हैं और ट्रस्ट के बारे में जानकारी लेती हैं। योगेश भाटिया ने बताया कि उनके बहनें निधि, हेम वास्देव, बिंदु चक्रवर्ती आदि भी इस मुहिम को आगे बढ़ा रहे हैं।
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