Maha Kumbh: किसी का परिवार से साथ छूटा, कोई गीले कपड़े में ही भटकता रहा; महाकुंभ में खो गए सैकड़ों लोग
मकर संक्रांति पर भारी भीड़ के कारण प्रयागराज में सैकड़ों श्रद्धालु खासकर महिलाएं बुजुर्ग और बच्चे अपने साथियों से बिछड़ गए। खोया-पाया केंद्र ने 200 से अधिक लोगों को उनके परिवार से मिलाने में मदद की। त्रिवेणी मार्ग पर भूली - भटकी महिलाओं और बच्चों के लिए शिविर ने भी 100 से अधिक लोगों को उनके परिजनों से मिलवाया ।

जागरण संवाददाता, महाकुंभनगर। मकर संक्रांति पर करोड़ों श्रद्धालुओं ने पुण्य की डुबकी लगाई। वहीं कई श्रद्धालुओं का अनुभव सुखद नहीं रहा। स्नान को उमड़ी भारी भीड़ के कारण सैकड़ों महिलाएं, बुजुर्ग और बच्चे खो गए।
स्नान के बाद सूखे कपड़े पहनने और अपने साथियों से मिलने की कोशिश में लोग इधर-उधर भटकते रहे। इस दौरान खोया-पाया केंद्र पर पहुंचने वाले लोगों की संख्या अन्य दिनों की अपेक्षा कई गुना अधिक रही। खोया-पाया केंद्र ने अथक प्रयासों के बाद 200 से अधिक लोगों को उनके परिवारों से मिलाने में मदद की।
साथियों से बिछड़ीं सोनभद्र से आईं नीलम देवी
सोनभद्र से आईं नीलम देवी स्नान के बाद सूखे कपड़े रखने की जगह नहीं खोज पाईं और अपने साथियों से भी बिछड़ गईं। उन्होंने खोया-पाया केंद्र पर पहुंचकर लाउडस्पीकर के जरिए घोषणा कराई, लेकिन दिनभर बाट जोहने के बाद भी उनका कोई साथी उन्हें लेने नहीं आया। नीलम ने निराश होकर कहा, "मैं खुद लौट जाऊंगी, लेकिन अब यहां से जाने नहीं दिया जा रहा है।"
बिहार की रामकली भी बिछड़ी
बिहार की रामकली, जो 10 लोगों के समूह के साथ आई थीं, भीड़ के कारण बिछड़ गईं। उन्होंने बताया कि उनके पास न पैसा है और न ही किसी का संपर्क नंबर। उन्होंने कहा, "मैं मुजफ्फरपुर की रहने वाली हूं, लेकिन अब घर कैसे जाऊंगी, यह नहीं पता।"
इसी तरह, बंगाल से आई कई महिलाओं को भी स्नान के दौरान अपने परिवार से बिछड़ने का सामना करना पड़ा। पुलिसकर्मियों ने उन्हें खोया-पाया केंद्र पहुंचाया, जहां वह अपने परिजनों के आने का इंतजार करती रहीं।
वहीं संगम तट के आसपास कई महिलाएं रोते हुए अपने परिजनों को खोजने में लगी रहीं। खोया-पाया केंद्र की ओर से लगातार श्रद्धालुओं से अपील की जाती रही कि वह संगम तट पर आते समय समूह से अलग न हों और बच्चों व बुजुर्गों पर विशेष ध्यान दें।
भूले भटकों को मिला रहा यह शिविर
त्रिवेणी मार्ग पर स्थित भूली भटकी महिलाओं तथा बच्चों का शिविर मेले में खोए लोगों को मिलवाने में बड़ी भूमिका निभा रहा है। शिविर संचालक संत प्रकाश पांडेय ने बताया कि रणजीत पंडित शिक्षा समिति और हेमवती नंदन बहुगुणा समिति द्वारा संचालित इस शिविर में पौष पूर्णिमा पर खोए 50 लोगों को परिवार से मिलाया गया और मकर संक्रांति पर भी 100 से अधिक महिलाओं और बच्चों को उनके परिवार से मिलाने का कार्य किया गया। स्वप्निल त्रिवेदी, लता सिंह, सीमा सिंह, सुनील दास, सुधाकांत मिश्र आदि उपस्थित रहे।
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