कड़ाके की ठंड में पशुओं के शरीर का तापमान हो रहा कम, प्रतापगढ़ के पशुपालन विभाग ने पशुपालकों को जारी की एडवाइजरी
प्रतापगढ़ में कड़ाके की ठंड से पशुओं का जीवन प्रभावित है। पशुपालन विभाग ने एडवाइजरी जारी कर पशुपालकों को सतर्क किया है। पशुओं में हाइपोथर्मिया का खतरा ...और पढ़ें

प्रतापगढ़ के पशुपालन विभाग ने ठंड से पशुओं को बचाने के लिए पशुपालकों को सलाह दी है।
संसू, जागरण, प्रतापगढ़। कड़ाके की ठंड में जनजीवन अस्त-व्यस्त है, वहीं मवेशी और गोवंश भी बेहाल हैं। ठंड से पशुओं का तापमान घटता जा रहा है। पशुओं को सर्दी से बचाने और उनके स्वास्थ्य की देखभाल सुनिश्चित करने के लिए पशुपालन विभाग सतर्क हो गया है। पर्याप्त दवाएं मंगा ली गई हैं।
ठंड से असर दिखाना शुरू कर दिया है। कोहरे और गलन से लोग बेहाल हैं। ठंड के चलते पशु-पक्षी और गोवंशों के बीमार होने का डर बना हुआ है। कई बीमारी की जद में आ भी गए हैं। ठंड से मवेशियों की मौत न होने पाए, इसके लिए विभाग सतर्क हो गया है। करीब आठ तरह की तीन लाख डोज दवा पहले से ही मंगा ली गई है।
ठंड में मवेशियों और गोवंश के बुखार, कपकपी, पोकनी जैसी समस्या हो जाती है। साथ ही पशु दूध भी देना कम कर देते हैं। भोजन में अरुचि के चलते भी दिक्कत आती है। इसमें किसी भी समस्या आने पर आक्सीट्रेटा साइकिन, मल्बटाल, मल्टी विटामिन इंजेक्शन, डायरिया बोतल, रुचाकेक्स, कांसी फ्लैक्स आदि प्रकार की दवाइयां मंगाई गई है।
पशुपालन विभाग पशुपालकों को जागरूक कर रहा है। कहा गया है कि सतर्क नहीं रहे तो मवेशियों का स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है। इसके साथ ही दुधारु पशुओं के दूध उत्पादन में भी कमी आ सकती है। अत्यधिक ठंड के कारण पशुओं के शरीर का तापमान कम हो जाता है, जिससे हाइपोथर्मिया जैसी गंभीर स्थिति उत्पन्न हो सकती है। इस दौरान पशुओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कमजोर हो जाती है।
मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. प्रदीप कुमार ने बताया कि ठंड को देखते हुए एडवाइजरी जारी कर दी गई है। चिकित्सक भी पशुपालकों को जागरूक कर रहे हैं। पर्याप्त दवाएं भी मंगा ली गई हैं। इसकी मानीटरिंग भी की जा रही है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।