प्रतापगढ़ की 102 वर्षीय दादी Internet की नई 'स्टार', जो जानती ही नहीं इंटरनेट क्या है, 15 मिलियन से अधिक हैं व्यूवर्स
पढ़कर आश्चर्य लगेगा लेकिन है सौ प्रतिशत सत्य। जी हां प्रतापगढ़ की रहने वाली 102 वर्ष की दादी की पाठशाला अनूठी है जहां अनुभव किताबें हैं और सादगी पाठ्यक्रम। दादी शांति देवी इंटरनेट की स्टार बन चुकी हैं। 15 मिलियन से अधिक इनके व्यूवर्स हैं। इंटरनेट मीडिया पर अब तक 1200 से ज्यादा वीडियो अपलोड हो चुके हैं।

राज नारायण शुक्ल, जागरण, प्रतापगढ़। उम्र महज एक संख्या है, ये कहावत अगर किसी पर सटीक बैठती है, तो वो हैं प्रतापगढ़ के बाबा बेलखरनाथ धाम के पास खूंझीकल गांव की दादी शांति देवी। उम्र है 102 साल, लेकिन ऊर्जा किसी किशोरी जैसी। कभी स्कूल का दरवाजा नहीं देखा, लेकिन आज इंटरनेट की दुनिया में उनके ‘अनुभव पाठशाला’ में लाखों लोग शामिल हो चुके हैं, बतौर विद्यार्थी, प्रशंसक और अनुयायी। उनकी आंखों ने इतिहास को जीते हुए देखा है।
देश को गुलामी से आजादी मिलते देखा, स्वतंत्रता दिवस की पहली सुबह की रोशनी को महसूस किया। अब वही आंखें मोबाइल कैमरे के सामने चमकती हैं, जब वो अपनी ठेठ अवधी में जीवन का सार बताती हैं। दादी की सुबह का रूटीन किसी योगी जैसा है। छह बजे उठकर नित्यक्रिया के बाद, मोरों को दाना डालना, आंवले के बाग में भ्रमण और फिर राम-नाम का जप। इस दिनचर्या में न कोई दिखावा है, न कोई छल, बस मिट्टी से जुड़ी एक सच्ची जिंदगी है।
लोगों को मानो जीवन की सादगी का मिल गया खजाना
इनके बात करने के ठेठ मौलिक अंदाज को देखकर पड़ोस के श्रीकांत तिवारी ने अगस्त 2024 में इनका एक वीडियो बनाकर इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट कर दिया। सीधी आवाज, सच्ची बात और अंदाज दिल को छू लेने वाला। लोगों को जैसे जीवन की सादगी का खजाना मिल गया। देखते ही देखते दादी के वीडियो वायरल हो गए, इंटरनेट मीडिया पर अब तक 1200 से ज्यादा वीडियो, 15 मिलियन से अधिक व्यूवर्स हैं। दादी की बोली में 'लोक' है, 'ज्ञान' है, और है समाज के लिए एक सीख। वो जब बोलती हैं। "हे बेटवा, हमका रुपइया-पइसा काहे का... सब तौ तोहरे सबकै दीन।" तो हर शब्द दिल पर उतरता है। कहती हैं 'हमका तौ कुछू पता न रहन इनही श्रीकांत मोबाइलवा से परदेश तक पहुंचाइ देहेन।'
हमसे मिलै बहुत मनई आवै लागेन
दैनिक जागरण से दादी से पूछा... जब यू ट्यूब वाले आपको पैसे देंगे तो उसका क्या करोगी...। इस पर दादी ने अपने ही अंदाज में कहा...'हे बेटवा हम का करब रुपिया-पइसा। अरे सब तोहरै सबकै दीन तौ खात-पहिरत अही। हमका कुछ न चाही। सब केहू खात कमात रहा बस' दादी को इंटरनेट मीडिया के बारे में जानकारी नहीं है, लेकिन वह इतना जरूर बताती हैं। बोलीं...हम आपन बतिया मोबइलिया मा सुनिथे...। अब हमसे मिलै शृंगवेरपुर, मुंबई, बनारस, चित्रकूट, लखनऊ, जौनपुर, सुलतानपुर, अमेठी पता नहीं कहां-कहां से लोग आवै लागेन। हमार हालचाल पूछि के हमसे बात करै आवत थें। मोदी के अहीं...इस सवाल पर दादी कहने लगीं...अरे ओनका के नाहीं जानत, ओ तौ दुनिया के मालिक अहीं...।
चर्चित दादी परिवार की दुलारी
इंटरनेट मीडिया पर सुर्खियां बटोर रहीं दादी शांति सिंह के अंदाज व दुलार को उनका परिवार भी खूब पसंद करता है। घर वाले अक्सर आने वाले यू-ट्यूबर्स का स्वागत करते हैं। दादी की सुविधाओं व जरूरतों का ठीक से ख्याल रखते हैं। उनकी देखरेख में बेटे अशोक सिंह, बहू सुधा, पौत्रवधू नेहा, पौत्र दिव्यांश, शिवांस लगे रहते हैं।
श्रीकांत तिवारी के वीडियो से दादी हुईं चर्चित
दादी के वीडियो बनाकर उनको चर्चा में लाने वाले श्रीकांत तिवारी को दादी बहुत स्नेह देती हैं। वह बताते हैं कि मेरी दादी बहुत पहले इस दुनिया से चली गई थीं। दादी की बातें अच्छी लगती हैं, इसलिए वीडियो बनाते हैं। अपनी बोली-भाषा भी इससे समृद्ध हो रही है। उनके बोलने का अंदाज और अपनापन मुझे बहुत अच्छा लगा। इसके बाद मुझे लगा कि दादी का यह मौलिक अंदाज अगर इंटरनेट मीडिया पर चला दिया जाए तो हो सकता है कि बात बन जाए, बस इसी से शुरुआत हुई।
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