पीलीभीत में अब स्मार्ट होगी वाहनों की RC, परिवहन विभाग ने शुरू की कवायद
पीलीभीत में परिवहन विभाग वाहनों की आरसी को स्मार्ट बनाने जा रहा है। अब आवेदकों को निर्धारित फीस देकर पेपर की जगह चिप वाले कार्ड के रूप में आरसी मिलेगी जिसमें वाहन का पूरा ब्योरा दर्ज होगा। इससे फर्जीवाड़े की शिकायतें रुकेंगी और आरसी के फटने का झंझट भी खत्म होगा। डीलर आरसी नंबर देंगे और स्मार्ट कार्ड आरसी सीधे वाहन मालिक के घर पहुंचेगी।

वैभव मिश्रा, पीलीभीत । परिवहन विभाग की ओर से नई कवायद की जा रही है। डीएल के बाद अब आरसी (रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट) भी स्मार्ट होगी। इसके लिए आवेदक को निर्धारित फीस देनी होगी। इसके बाद उन्हें पेपर के बजाय कार्ड के रूप में रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट दिया जाएगा, जिसमें लगी चिप में वाहन संबंधी पूरा ब्योरा होगा। इस व्यवस्था से खराब होने या फटने का झंझट तो दूर होगा ही, फर्जीवाड़े की शिकायतें भी रुकेंगी। विभाग की ओर से स्थानीय स्तर पर इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है।
एआरटीओ वीरेंद्र सिंह ने बताया कि स्मार्ट आरसी दो भागों में होगी। पहले भाग में वाहन एवं वाहन मालिक का ब्योरा होगा। दूसरा भाग कार्ड रीडर मशीन से पढ़ा जाने वाला भाग होगा। इसमें सारा ब्योरा दर्ज होगा। उन्होंने कहा कि स्मार्ट आरसी से वाहन मालिकों खासी सहूलियत मिलेगी।
वर्तमान में जो आरसी है उसे कॉपी किया जा सकता है लेकिन स्मार्ट आरसी कार्ड सुरक्षा की दृष्टि से अभेद्य होगी। स्मार्ट डीएल की तरह ही स्मार्ट आरसी में भी माइक्रोप्रोसेसर लगेगा।
इसमें वाहन मालिक की सभी जानकारियां होंगी। वाहन के रजिस्ट्रेशन नंबर से लेकर वाहन की फिटनेस, पॉल्यूशन, कलर, वाहन का प्रकार, चेसिस नंबर जैसे सभी जरूरी जानकारियां दर्ज होंगी।
डीलर देंगे आरसी नंबर और घर पहुंचेगा कार्ड
एआरटीओ ने बताया कि वाहनों के रजिस्ट्रेशन अभी तक शोरूम पर होते है। प्रमाणपत्र भी वहीं से जारी होते रहे हैं लेकिन अब वह पंजीयन पत्रावलियां अपने पास नहीं रखेंगे। नई व्यवस्था के तहत वाहनों के डीलर आरसी जारी नहीं करेंगे बल्कि वाहन मालिक को आरसी का नंबर देंगे। एआरटीओ कार्यालय की तरफ से वाहन मालिक के पते पर पोस्ट ऑफिस के जरिये स्मार्ट कार्ड आरसी उनके घर पहुंचेगी।
कार्ड पर चिप के साथ रहेगा क्यूआर कोड
स्मार्ट कार्ड में तब्दील होने वाली आरसी में माइक्रो चिप के साथ क्यूआर कोड भी रहेगा। इससे असली-नकली की पहचान आसानी से हो जाएगी। साथ ही कार्ड को मशीन में लगाते ही गाड़ी का इंजन नंबर, चेसिस, वाहन नंबर आ जाएगा।
यह कई बड़े लाभ मिलेंगे
- आरसी के गीले होने, कटने-फटने की समस्या समाप्त होगी।
- डुप्लीकेसी रोकने के लिए माइक्रो चिप में डेटा सुरक्षित रहेगा।
- उच्च गुणवत्ता वाली टिकाऊ आरसी मिलेगी, जिससे दीर्घकालिक उपयोग संभव होगा।
- पुलिस एवं परिवहन अधिकारियों के लिए जांच प्रक्रिया होगी आसान।
- डिजिटलाइजेशन से भ्रष्टाचार पर लगेगी रोक।
जिले में वाहन
1,10,000 दो पहिया वाहन
35,000 चार पहिया वाहन
6,000 तीन पहिया वाहन
जिले में करीब एक लाख 51 हजार वाहन पंजीकृत है, सभी के पास अभी पुरानी आरसी है। स्मार्ट कार्ड आधारित आरसी के लिए उन्हें अलग से आवेदन करना होगा। आवेदन के बाद कुछ दिनों में आरसी आपके पते पर पहुंच जाएगी। जबकि नए वाहनों को यह कार्ड पंजीकरण के समय ही जारी किया जाएगा। -वीरेंद्र सिंह, एआरटीओ।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।