पीटीआर देश में बाघों का सुरक्षित ठिकाना, बाघों की बढ़ती संख्या से बढ़ी उम्मीदें
पीलीभीत टाइगर रिजर्व देश में बाघों के लिए एक सुरक्षित स्थान के रूप में उभरा है। बाघों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है, जिससे उम्मीदें बढ़ गई हैं। 2026 में होने वाली बाघों की गणना के लिए पीलीभीत टाइगर रिजर्व के अधिकारियों को प्रशिक्षित किया जाएगा। 2022 में पीलीभीत टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या 79 थी।
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जागरण संवाददाता, पीलीभीत। टाइगर यानी बाघ... जंगल का बादशाह, जिसके शिकार करने का विशेष अंदाज शिकार को अंतिम पलों तक अपनी आमद का एहसास नहीं होने देता है। कहावत है कि जंगल और बाघ एकदूसरे को पूरक होते हैं, जो एकदूसरे के रक्षक भी होते हैं। देश भर के पीटीआर में बाघों की संख्या निरंतर बढ़ती जा रही है।
यही वजह है कि भारत भूमि विश्व के 75 प्रतिशत जंगली बाघों का सुरक्षित आवास बन गया है। जंगल के बादशाह की गणना प्रत्येक चार वर्ष में होती है, जो वर्ष 2026 में होगी। इसके लिए पीलीभीत टाइगर रिजर्व (पीटीआर) समेत चार राज्यों के टाइगर रिजर्व के प्रतिनिधियों को प्रशिक्षित किया जाएगा।
देश में बाघों की संख्या घटने पर वर्ष 1973 में सरकार की ओर से प्रोजेक्ट टाइगर की शुरुआत की गई थी। शुरुआती दौर में देश में केवल नौ टाइगर रिजर्व थी, जो अब बढ़कर 58 हो चुके हैं। इनमें ही पीटीआर भी शामिल है। पीटीआर बाघों का ऐसा प्राकृतिक आवास बन गया हैं, जहां पर बाघों की संख्या तेजी के साथ बढ़ रही है।
वर्ष 2006 में देश भर में बाघों की गणना की गई थी तो उस समय 1,411 बाघ थे, जबकि वर्ष 2022 में बढ़कर 3,682 पहुंच गई है। अब आगामी बाघ गणना 2026 में की जाएगी। इसके लिए उत्तराखंड के राजाजी टाइगर रिजर्व में बाघ गणना को लेकर उत्तर प्रदेश समेत चार राज्यों के टाइगर रिजर्व के अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
यह प्रशिक्षण 18 नवंबर से 20 नवंबर तक चलेगा। उम्मीद जताई जा रही है कि जनवरी में बाघों की गणना शुरू हो जाएगी, जबकि 29 जुलाई को मनाए जाने वाले बाघ दिवस पर बाघ गणना के आंकड़े जारी किये जा सकते हैं। पीलीभीत टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर एच राजामोहन, डीएफओ मनीष सिंह, वन विभाग के एसडीओ पूरनपुर रमेश चौहान, महोफ रेंज के रेंजर आफिसर सहेंद्र यादव और बायोलाजिस्ट आलोक कुमार शामिल होंगे।
प्रशिक्षण देने के वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट के नोडल अधिकारी और टाइगर एस्टीमेशन के वैज्ञानिक चारों राज्यों से आने वाले प्रतिनिधियों को प्रशिक्षण देंगे। प्रशिक्षक उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार और राजस्थान राज्याें के टाइगर रिजर्व के प्रतिनिधियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा कि बाघों की गणना में किन बिंदुओं पर विशेष केंद्रित करना है।
बाघों की गणना के लिए लगाए जाएंगे 1,124 कैमरे
पीलीभीत टाइगर रिजर्व में बाघों की गणना करने के लिए 1,124 कैमरे लगाए जाएंगे, जबकि वर्ष 2022 में बाघों की गणना करने के लिए 753 कैमरों को लगाया गया था। उस समय बाघों की संख्या 71 थी, लेकिन अब बढ़कर 79 हो चुकी है। पहले बाघों की गणना के लिए ग्रिड को दो गुणा दो के ग्रिड बनाए गए थे, जबकि इस बार ग्रिड को छोटा किया जाएगा। इससे बाघों की गणना की शुद्धता और बढ़ जाएगी।
| 1,411 | बाघ देश भर में वर्ष 2006 में हुई गणना में सामने आए थे |
| 3,682 | बाघ देश भर में वर्ष 2022 में हुई गणना में हो गए |
| 79 | बाघ पीलीभीत टाइगर रिजर्व में हैं, जो वर्ष 2022 में 71 थे |
वर्ष 2022 में बाघों की गणना की गई थी, जिसके चार वर्ष के बाद 2026 में बाघों की गणना की जानी है। इसके लिए चार राज्यों के टाइगर रिजर्व के प्रतिनिधियों को 18 से 20 नवंबर तक प्रशिक्षण दिया जाएगा।
- मनीष सिंह, डीएफओ पीलीभीत टाइगर रिजर्व

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