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    फाइलें रोकने, टालमटोल पर पीलीभीत EO पर गिरी गाज, नवंबर का वेतन रोका और स्पष्टीकरण मांगा गया

    Updated: Fri, 28 Nov 2025 10:25 PM (IST)

    पीलीभीत के ईओ (EO) की लापरवाही सामने आई है। फाइलों को रोकने और काम में टालमटोल करने के आरोप में उनका नवंबर का वेतन रोक दिया गया है। साथ ही, उन्हें इस मामले में स्पष्टीकरण देने का भी आदेश दिया गया है।

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    पीलीभीत नगर पलि‍का

    जागरण संवाददाता, पीलीभीत। पहले सभासदों के बीच की गुटबाजी से चर्चा में रहने वाली नगर पालिका अब ईओ की कार्यशैली पर चर्चा में आ गई है। कुछ दिन पहले पालिका में तैनात कर्मचारियों के स्थानांतरण निरस्त होने के बाद चेयरमैन सहित सभासद नाराज होने के साथ और बोर्ड खफा हो गया है। कार्यों में देरी, फाइलों को रोकना, जनसुनवाई में अनुपस्थिति और शासनादेशों का किनारे करने जैसे आरोप लगाते हुए चेयरपर्सन डा. आस्था अग्रवाल शासन को पत्र लिखा है। इसी के साथ बोर्ड की संस्तुति पर उनका नवंबर का वेतन रोक दिया गया।

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    नगरपालिका की ओर से निकाले गए टेंडर का वर्कआर्डर जारी न करने की वजह से कई निर्माण कार्य रुके हुए है। वहीं 15वें वित्त आयोग और जन्म-मृत्यु के प्रमाण पत्र में देरी होने से पालिका में शिकायत आने पर पालिकाध्यक्ष डा. आस्था अग्रवाल ने ईओ संजीव कुमार की कार्य में लापरवाही होने पर नोटिस जारी किया है।

    बताया कि 15वें वित्त आयोग (अनटाइड/टाइड ग्रांट) एवं अवस्थापना निधि से प्राप्त धनराशि के महत्वपूर्ण कार्यों को अधिकारी द्वारा लगातार टालमटोल और लापरवाही कर आगे नहीं बढ़ाया जा सका। डीएम की 25 सितंबर 2025 की स्वीकृति के बावजूद निविदा प्रकाशन में 15 दिन की देरी हुई, जबकि तकनीकी और वित्तीय बिड खोलने में भी देरी की गई।

    वहीं 27 नवंबर 2025 तक भी न्यूनतम निविदादाताओं को स्वीकृति और कार्यादेश जारी न होने से विकास कार्य प्रभावित हुआ। निर्माण विभाग के कर्मचारियों ने भी बताया कि अधिकारी फ़ाइलें अपने पास रोक लेते हैं, इससे कार्य आगे नहीं बढ़ पाते। टाइड ग्रांट के तहत कार्ययोजना तैयार करने में 60 दिनों की देरी, जन्म-मृत्यु पटल पर कार्यरत लिपिक के बारे में जारी निर्देशों का पालन नहीं किया।

    वहीं लोगों को प्रमाणपत्र में भी देरी हो रही है। इसी के साथ ब्रह्मचारी घाट के सौंदर्याकरण और रिटेंशन वाल निर्माण में 18 माह से चल रही देरी पर भी कोई पत्राचार या निरीक्षण नहीं होने का जिम्मेदार बताया है। इसी के साथ सफाई कर्मियों के स्थानांरण बिना अनुमोदन के खरिज कर दिया। इसके लिए कई बार चेतावनियों के बावजूद सुधार नहीं होने पर ईओ के नवंबर माह के वेतन पर रोक लगाई गई है।

     

    ईओ की कार्यशैली ठीक नहीं है, इसको लेकर शहर के विकास कार्य में देरी हो रही है। इसके लिए कई बार कहा गया, लेकिन वह नहीं ध्यान दे रहे है। इस संबंध में उन्हें नोटिस जारी करते हुए नवंबर माह का वेतन रोका गया है। साथ ही स्पष्टीकरण भी मांगा गया है।

    - डा. आस्था अग्रवाल, चेयरमैन पीलीभीत


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