Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    प्रतिबंधित नारकोटिक्स और कफ सिरप बेचने वाले मेडिकल स्टोर्स पर प्रशासन का सर्जिकल स्ट्राइक, होगी कड़ी कार्रवाई

    Updated: Mon, 01 Dec 2025 07:00 AM (IST)

    प्रशासन ने प्रतिबंधित नारकोटिक्स और कफ सिरप बेचने वाले मेडिकल स्टोर्स पर सर्जिकल स्ट्राइक की है। इस कार्रवाई का उद्देश्य अवैध दवाओं के कारोबार को रोकना है। नियमों का उल्लंघन करने वाले मेडिकल स्टोर्स के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, ताकि किसी भी तरह की लापरवाही को बर्दाश्त न किया जाए।

    Hero Image

    प्रतीकात्‍मक च‍ित्र

    जागरण संवाददाता, पीलीभीत। नेपाल और उत्तराखंड के बार्डर के आसपास के क्षेत्रों के अलावा जिले के अन्य भागों में भी नारकोटिक्स और प्रतिबंधित दवाओं की बिक्री की जा रही है। इन पर सरकार की ओर से प्रतिबंध लगाया जा चुका है। इसी कड़ी में स्वास्थ्य विभाग और पुलिस की संयुक्त टीमों ने शहर के मेडिकल स्टोरों पर छापेमारी कर एक दुकान से 186 कफ सीरप की बोतलें कब्जे में ली गईं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इसके अलावा पुरनपुर के एक मेडिकल स्टोर से नारकोटिक्स दवाओं के अलावा प्रतिबंधित दवाएं भी मिलीं। इनको परीक्षण के लिए लैब भेजा गया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए सीमावर्ती इलाके में निगरानी और चेकिंग की जा रही है। सीमावर्ती क्षेत्रों में कफ सिरप की अनियमित बिक्री और संभावित तस्करी पर लगाम कसने के लिए प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड में है।

    मध्य प्रदेश में संदिग्ध कफ सीरप पीने से बच्चों की मौत के बाद शासन की ओर से जारी सख्त निर्देशों के पालन में जिले में व्यापक अभियान शुरू किया गया है। मध्य प्रदेश में 14 बच्चों की मौत के बाद कोल्ड्रिफ कफ सिरप पर बैन लगा दिया गया है। इस सिरप की बिक्री तुरंत रोकने व स्टाक की जानकारी देने का निर्देश है। विभाग के अनुसार इस प्रकार के कफ सिरप में कोडीन की मात्रा अधिक होती है।

    करीब 48.6 प्रतिशत डायथिलीन ग्लाइकोल पाया जाता है, जिससे किडनी के फेल होने की संभावना बढ़ जाती है। विभाग की ओर से औचक निरीक्षण करने की रणनीति तैयार की गई है। कफ सिरप प्रतिबंधित होने के बावजूद भी नेपाल बार्डर के रास्ते सप्लाई की जा रही है, जोकि अवैध है। इसको लेकर शासन ने अलर्ट करते हुए चेकिंग करने के निर्देश दिए हैं।

    जिले की सीमा भी नेपाल बार्डर से लगी हुई है, जहां सीरप की बिक्री हो रही है। इसको लेकर औषधि विभाग की ओर से सघन चेकिंग चलाई जा रही है। बीते दिनों पूरनपुर के आशिक मेडिकल स्टोर पर छापेमारी की गई थी। छापेमारी के दौरान कफ सीरप के अलावा कई प्रतिबंधित नारकोटिक्स दवाएं भी मिली है, जिनकी बिक्री पर रोक है।

    मेडिकल स्टोर संचालक के पास तीन प्रतिबंधित सिरप और प्रतिबंधित दवाइयां भी मिलीं, जिनका सैंपल लेकर औषधि निरीक्षक नेहा वैश्य ने सील करते हुए परीक्षण को भेजी है। शहर के छतरी चौराहा के पास स्थित गोपाल मेडिकल एंड सर्जिकल स्टोर से 186 कफ सिरप जब्त किए गए हैं। सभी को मेडिकल परीक्षण को भेजा गया है।

    इन मेडिकल स्टोर को नोटिस जारी किया है। इसके अलावा नेपाल बार्डर पर बने मेडिकल स्टोर और अन्य स्थानों पर चेकिंग कराई जा रही है। उत्तराखंड बार्डर पर भी चेकिंग चल रही है। इसको लेकर टीमें बना दी गई है। टीमें प्रतिदिन क्षेत्र में भ्रमण कर चेकिंग कर रही है।

    बिना परामर्श के नहीं मिलेगा कफ सीरप

    बच्चों की मौत के बाद औषधि प्रशासन आयुक्त डा. रोशन जैकब ने आदेश जारी किया कि दवा और सिरप बनाने में प्रयोग होने वाले केमिकल की औषधि निरीक्षक जांच करेंगे। साथ ही नकली दवा मिलने पर प्राथमिकी भी दर्ज कराई जाएगी। इसके अलावा पांच वर्ष से कम आयु वाले बच्चों के लिए कफ सिरप नहीं दिया जाएगा। मेडिकल संचालक बिना डाक्टर के परामर्श पर्चे के सिरप बिक्री नहीं करेंगे। अगर ऐसा होता पाया गया तो संबधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

    मेडिकल स्टोर संचालक के माध्यम से पकड़ा जाएगा गैंग

    जिले में प्रतिबंधित सिरप की सप्लाई कहां आ रही हैं और नारकोटिक्स दवाओं को कौन बिक्री कर रहा है ? इस पर आगे भी शिकंजा कसा जा सकेगा। मेडिकल स्टोर संचालकों के माध्यम से पूरी चेन पकड़ी जाएगी। इन दवाओं से संबंधित बिल बाउचर भी देखे जाएंगे।

     

     

    कफ सीरप को लेकर नेपाल और उत्तराखंड बार्डर पर चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है। इसके लिए टीमें बना दी गई है। प्रतिदिन मानीटरिंग कराई जा रही है। कई दुकानों से प्रतिबंधित दवाएं भी बरामद हुई है, जिनको परीक्षण के लिए भेजा गया। मेडिकल संचालकों को हिदायत दी गई है कि बिना डाक्टर के पर्चे पर सीरप नहीं दिया जाएगा। साथ ही पांच वर्ष से कम आयु वालों के लिए सिरप पूर्णतया प्रतिबंध है।

    - नेहा वैश्य, औषधि निरीक्षक

     

     

    नारकोटिक्स और कोडीन सिरप को लेकर लगातार अभियान चलाया जा रहा है। इस तरह की दवाइयों की बिक्री को रोकने के लिए सैंपल लेकर जांच कराई जाती है। मंडल के सभी जिलों में अभियान चलाया जा रहा है। पीलीभीत में उत्तराखंड और नेपाल बार्डर के आसपास के क्षेत्रों में खास सख्ती बरती जा रही है।

    - संदीप कुमार, सहायक आयुक्त औषधि, बरेली मंडल


    यह भी पढ़ें- बड़ी खबर! पीलीभीत जिला अस्पताल में लगेगा ETP-STP प्लांट, गंदगी और बैक्टीरिया का होगा खात्मा