टाइगर रिजर्व में 'खुदाई' और सजा सिर्फ 10 हजार, पीलीभीत वन विभाग की दरियादिली या नियमों की अनदेखी!
पीलीभीत टाइगर रिजर्व में अवैध खुदाई का मामला सामने आया है, जिसमें वन विभाग ने केवल 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। सवाल उठ रहे हैं कि क्या यह वन व ...और पढ़ें

भूमिगत केबल बिछाने के लाया गया ट्रैक्टर
संवाद सूत्र, जागरण, माधोटांडा। पीलीभीत टाइगर रिजर्व (पीटीआर) की भूमि में 5जी की लाइन डालने के लिए खोदाई कर रहे ट्रैक्टरों को वन विभाग की टीम ने बीते दिनों पकड़ लिया था। वाहन चालक मौके से फरार हो गए थे। वन विभाग की टीम की ओर से पकड़े गए दोनों वाहनों पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाकर छोड़ दिया गया। साथ ही ठेकेदार को दोबारा ऐसा न करने की ताकीद दी गई।
पीटीआर वन क्षेत्र में भूमिगत केबल बिछाने के लिए मंत्रालय से अनुमति लेनी होती है, लेकिन अगर साहब मेहरबान हों तो बिना अनुमति खोदाई की जा सकती है। खासतौर पर पकड़े जाने पर मामूली जुर्माना देकर छोड़ दिया जाएगा। माधोटांडा क्षेत्र के अंतर्गत सीमावर्ती गांव बूदीभूड़ और सुंदर नगर में 5जी की भूमिगत केबल डालने के लिए कंपनी के कुछ ठेकेदारों ने रविवार को काम शुरू करा दिया था।
मामले की सूचना मिलने पर नौजल्हा वन चौकी की टीम के डिप्टी रेंजर वशिष्ठ कुमार और वन दरोगा शिवम् ने दोनों ट्रैक्टरों को पकड़कर चौकी पर खड़ा कर दिया था। इस मामले में केस भी दर्ज किया गया। इसके बाद जिला मुख्यालय से पहुंचे सर्वेयर ने वहां पर जांच की, जिसमें पाया कि खोदाई कार्य पीटीआर क्षेत्र में ही हो रहा था। दोष साबित होने के बाद उन दोनों वाहनों पर पांच-पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाकर छोड़ दिया गया। डीएफओ का कहना है कि वाहन चालकों को दोबारा इस तरह खोदाई कार्य न करने की चेतावनी भी दी गई।
पीलीभीत टाइगर रिजर्व के क्षेत्र में भूमिगत केबल डालने के लिए खोदाई करने के लिए अनुमति लेने के लिए आवेदन किया जा चुका है। जिन दो ट्रैक्टरों ने केबल बिछाने के लिए खोदाई की थी, उन पर पांच-पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया। साथ ही बिना अनुमति के खोदाई कार्य न करने के निर्देश दिए गए।
- मनीष सिंह, डीएफओ, पीलीभीत टाइगर रिजर्व
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