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    बाढ़ के बीच पैदा हुआ बेटा, पूरे गांव ने नाम रख द‍िया 'सैलाब'; म‍िलने लगी बधाईयां

    Updated: Thu, 04 Sep 2025 08:18 PM (IST)

    पीलीभीत के बडेपुरा धरमा गांव में बाढ़ के बीच गर्भवती प्रीति को प्रसव पीड़ा हुई। एसडीएम की मदद से उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया जहाँ उन्होंने एक बेटे को जन्म दिया। बाढ़ की स्थिति को देखते हुए पूरे गांव ने बच्चे का नाम सैलाब सिंह रखा। जिले के 40 गांवों के 55 हजार लोग इस बाढ़ से प्रभावित हैं।

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    बीसलपुर चिकित्सालय में शिशु को जन्म देने के बाद दुलार करती महिला।- जागरण

    जागरण संवाददाता, पीलीभीत। बाढ़ की विभाषिका से जूझ रहे बडेपुरा धरमा गांव की प्रीति प्रसव पीड़ा से छटपटाईं तो आसपास की चाची-ताई से लेकर प्रशासनिक अधिकारियों की टोली मददगार बन गई। एसडीएम ने उन्हें ट्रैक्टर-ट्रॉली से जलमग्न क्षेत्र से बाहर निकलवाकर अस्पताल पहुंचाया। वहां प्रीति ने जिस बेटे का जन्म दिया, उसे पूरे गांव ने नाम दिया...सैलाब सिंह।

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    जिले के 40 गांवों के 55 हजार लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। इन्हीं में बडेपुरा गांव भी शामिल है, जहां हरप्रसाद की तरह सभी ग्रामीण घरों में कैद रहने को मजबूर हैं। खेत हों या रास्ते, हर तरफ सिर्फ पानी है। हरप्रसाद बताते हैं कि गुरुवार सुबह गर्भवती पत्नी प्रीती को प्रसव पीड़ा होने लगी। परिवार के कुछ सदस्यों ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में फोन कर प्रकरण बताया तो वहां से जवाब मिला कि गर्भवती को किसी तरह गांव के बाहर तक लाना होगा।

    इस बीच एसडीएम नागेंद्र सिंह भी गांव पहुंच गए। वह जिस ट्रैक्टर-ट्रॉली से आए थे, उसी पर गर्भवती व स्वजन को गांव से बाहर भेजा गया। तीन किलोमीटर दूरी के बाद सड़क पर पानी नहीं था। वहां एंबुलेंस पहले से खड़ी मिली। बाद में उसी से प्रीति को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा गया। दोपहर को उन्होंने बेटे को जन्म दिया तो परिवार के सदस्यों के मुंह से अनायास निकला...'सैलाब सिंह आया है।' यह बात गांव तक पहुंची और नवजात को इसी प्रतीकात्मक नाम से पुकारा जाने लगा।

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