पीलीभीत में शीतलहर का कहर: कोहरे की सफेद चादर में ढकी तराई, पारा 9°C पर लुढ़का
पीलीभीत में शीतलहर का प्रकोप जारी है, जिससे तराई क्षेत्र घने कोहरे की चपेट में है। तापमान में गिरावट दर्ज की गई है और पारा 9 डिग्री सेल्सियस तक लुढ़क ...और पढ़ें

कोहरे की चादर में लिपटी तराई
जागरण संवाददाता, पीलीभीत। पहाड़ों पर हो रही लगातार बर्फबारी और उत्तर-पश्चिम से आ रही बर्फीली हवाओं के कारण पीलीभीत जिले में कड़ाके की ठंड ने लोगों का जीवन मुश्किल कर दिया है। बीते चौबीस घंटों में तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है, इसके चलते पूरे तराई क्षेत्र पर घने कोहरे की सफेद चादर छाई रही। इस स्थिति से गलन (शीतलहर) कई गुना बढ़ गई है और सामान्य जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है।
मौसम विभाग के अनुसार, मंगलवार को जिले में न्यूनतम तापमान गिरकर नौ डिग्री सेल्सियस के आसपास दर्ज किया गया। यह इस सीजन का सबसे कम तापमान रहा। सुबह से ही वातावरण में तीखी ठिठुरन महसूस की गई, इससे लोग घरों के अंदर दुबके रहने को मजबूर हो गए।मंगलवार को तड़के ही कोहरे की सफेद चादर ने समूची तराई को ढक दिया।
कोहरे की सघनता इतनी अधिक थी कि पूरे दिन सूर्य देवता दिखाई नहीं दिए। धूप न निकलने के कारण दिन भर गलन बरकरार रही। घने कोहरे के कारण सड़कों पर ओस की बौछार होती रही, जिससे सड़कों पर फिसलन बढ़ गई। दृश्यता अत्यंत कम होने के कारण वाहनों की रफ्तार थम गई। राष्ट्रीय राजमार्गों पर वाहन लाइटें जलाकर रेंगते हुए आगे बढ़ते दिखे, जिससे लंबी कतारें लग गईं।
स्कूलों में छुट्टियां न होने के कारण स्कूली बच्चे ठंड से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए। छोटे-छोटे बच्चे कई-कई कपड़े लादकर और सिर पर टोपी-मफलर बांधकर स्कूल पहुंचे। अभिभावकों ने जिला प्रशासन से स्कूलों का समय बदलने या शीतकालीन अवकाश घोषित करने की मांग की है। ठंड और कोहरे के कारण सरकारी और निजी कार्यालयों में भी अधिकारी और कर्मचारी देरी से पहुंचे।
काम-काज शुरू होने में विलंब हुआ, जिससे सरकारी कार्यों की गति भी प्रभावित हुई। लगातार गिरते तापमान और पाले जैसे कोहरे के कारण किसानों की चिंता बढ़ गई है। आलू, सरसों और दलहनी फसलों पर पाला पड़ने की आशंका है, इससे उत्पादन प्रभावित हो सकता है। किसानों ने प्रशासन से मौसम की स्थिति के अनुरूप कृषि परामर्श जारी करने की मांग की है।

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