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    एलोपैथ‍िक के बाद अब आयुर्वेदिक दवाओं में भी मिलावट, स्फटिक और टंकन भस्म समेत 5 दवाएं जांच में फेल

    Updated: Wed, 31 Dec 2025 05:44 PM (IST)

    पीलीभीत में एलोपैथिक दवाओं के बाद अब आयुर्वेदिक दवाओं की गुणवत्ता पर सवाल उठे हैं। राजकीय आयुर्वेदिक अस्पताल के लिए जेम पोर्टल से खरीदी गईं पांच दवाएं ...और पढ़ें

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    प्रतीकात्‍मक च‍ित्र

    जागरण संवाददाता, पीलीभीत। जनपद की स्वास्थ्य सेवाओं में दवाओं की गुणवत्ता को लेकर लापरवाही का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। राजकीय मेडिकल कालेज के अधीन जिला अस्पताल में एलोपैथिक दवाओं के नमूने फेल होने के प्रकरण के बाद अब आयुर्वेदिक चिकित्सा के भी नमूने फेल हुए है।

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    आयुर्वेदिक अस्पताल के लिए जेम पोर्टल के माध्यम से खरीदी गई पांच दवाओं को औषधि परीक्षण टीम ने अधोमानक करार देते हुए खारिज कर दिया है। आयुष मिशन और लोकल परचेज के माध्यम से आने वाली दवाओं की गुणवत्ता जांचना अनिवार्य है। राजकीय आयुर्वेदिक कालेज की अपनी फार्मेसी होने के बावजूद, आपसी खींचतान के कारण वहां से समय पर आपूर्ति नहीं मिल पा रही थी।

    ऐसे में एक माह पूर्व मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए स्फटिक भस्म, टंकन भस्म, श्वेता पार्पति, लशुनादि वटी, लवंगादि वटी दवाओं का टेंडर निकाला गया था। जब संबंधित फर्म ने दवाओं की सप्लाई दी, तो तीन सदस्यीय डाक्टरों की औषधि परीक्षण टीम ने जांच की। जांच टीम ने पाया कि दवाओं का रंग, गंध और उनका रासायनिक फार्मूला मानकों के अनुरूप नहीं है।

    इस पर दवाओं को अधोमानक घोषित कर दी गई। दवाओं के परीक्षण में सही साबित नहीं होने के बाद आयुर्वेदिक प्रशासन ने संबंधित फर्म के डीलर को निर्देशित किया गया है कि वह तत्काल अस्पताल से अपना स्टाक वापस उठा ले।

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    परीक्षण कमेटी ने पांच दवाओं के नमूने फेल पाए। नियमों के तहत इन दवाओं को संबंधित फर्म को वापस कर दिया गया है। फर्म को कड़ी चेतावनी दी गई है कि वे अगली बार पूरी तरह से गुणवत्तापरक और मानकों के अनुरूप ही दवाओं की सप्लाई सुनिश्चित करें। यदि दोबारा दवाओं की गुणवत्ता में कोई कमी पाई गई, तो संबंधित फर्म का टेंडर तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया जाएगा।

    - डा. गणेश कुमार, प्रभारी आयुर्वेदिक जिला अस्पताल


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