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Pilibhit News: फागिंग मशीन से निकले धुएं से नौ वर्षीय बालक की मृत्‍यु, चार दिन अस्‍पताल में तड़पता रहा अमान

Child death from smoke बीसलपुर के मुहल्ला ग्यासपुर में विगत 27 सितंबर को देर शाम नगर पालिका परिषद की गाड़ी भ्रमण करते हुए फागिंग कर रही थी। इसी दौरान मुहल्ले के ही इसरार का नौ वर्षीय पुत्र अमान अन्य बच्चों के साथ वहां खेल रहा था।

By Jagran NewsEdited By: Vivek BajpaiPublished: Mon, 03 Oct 2022 07:22 PM (IST)Updated: Mon, 03 Oct 2022 08:51 PM (IST)
Child death from smoke: मृतक अमान का फाइल फोटो। सौ. स्‍वजन

पीलीभीत, जागरण संवाददाता। Child death from smoke: मच्छरों से बचाने के लिए छोड़ा जाना वाला दवायुक्त धुआं ही खेल-खेल में जानलेवा बन गया। दरअसल, मुहल्ले में पहुंची फागिंग करने वाली गाड़ी को देखकर कुछ बच्चे उसके पीछे दौड़ने लगे। इस बीच उनमें से एक ने मुंह खोलकर गहरी सांस लेते हुए धुएं को पहले मुंह में भरा और फिर तुरंत ही बाहर निगल दिया। बताते हैं, इस दौरान धुएं का कुछ हिस्सा बालक के शरीर में चला गया, जिसके चलते दूसरे उसकी हालत बिगड़ गई। घटना से अनजान स्वजन आनन-फानन में उपचार के लिए बरेली के निजी मेडिकल कालेज में ले गए मगर, चार दिन तड़पने के बाद बच्चे की जान चली गई। हालांकि, पालिका के जिम्मेदार मृत्यु के लिए धुआं नहीं बल्कि बीमारी को जिम्मेदार बता रहे हैं।

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27 सितंबर को फागिंग के दौरान हुआ हादसा

बीसलपुर के मुहल्ला ग्यासपुर में 27 सितंबर को देर शाम नगर पालिका परिषद की गाड़ी फागिंग कर रही थी। इसरार का नौ वर्षीय पुत्र अमान अन्य बच्चों के साथ वहां खेल रहा था। ये सभी खेल-खेल में फागिंग करने वाली गाड़ी के पीछे पीछे दौड़ने लगे। इसी दौरान अमान ने अपना मुंह खोलकर गहरी सांस लेते हुए फागिंग का धुआं भर लिया और फिर सांस छोड़ते हुए बाहर निकाला। 

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गले से कुछ भी निगल नहीं पा रहा था बालक

बताते हैं कि खेल-खेल में बालक ने कई बार ऐसा किया। इस बीच फागिंग करने वाली गाड़ी वहां से चली गई। खेल रहे बच्चे भी अपने घरों में लौट गए। इसरार के अनुसार, रात में अमान सामान्य ढंग से सो गया लेकिन, 28 सितंबर को उसे गले में तकलीफ हुई। वह कुछ निगल नहीं पा रहा था। अचानक पैदा हुई स्थिति से सभी घबरा गए। बालक को लेकर नगर के निजी चिकित्सक के यहां पहुंचे। उन्होंने गले में टिटनेस होने की आशंका जाहिर की और पीलीभीत या बरेली ले जाने की सलाह दी।

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चार दिन बरेली में चला इलाज पर नहीं बची जान

 बरेली में पहले निजी अस्पताल में भर्ती कराया। वहां फायदा न होने पर 29 सितंबर को निजी मेडिकल कालेज ले गए। यहां चिकित्सक ने बताया कि बालक के शरीर में कोई जहरीली चीज चली गई है, जिससे हालत बिगड़ी। डाक्टर ठीक से मर्ज पकड़ पाते, एक अक्टूबर को अमान ने दम तोड़ दिया। इसरार के मुताबिक, जब उसका शव घर लेकर पहुंचे तो साथ खेलने वाले बच्चों ने पूरा सच बताया। 

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पालिकाध्‍यक्ष ने कहा, पहले कभी नहीं हुई ऐसी घटना

उधर, पालिकाध्यक्ष नूर अहमद अंसारी का कहना है कि गर्मी और बरसात में नियमित फागिंग होती है। अक्सर बच्चे धुएं के बीच दौड़ते हैं। कभी उससे कोई घटना नहीं हुई। पालिका की अधिशासी अधिकारी वंदना शर्मा बोलीं-हो सकता है कि बालक की मृत्यु किसी अन्य कारण से हुई हो।

क्‍या कहते हैं विशेषज्ञ 

जिला विज्ञान क्‍लब के पूर्व समन्‍वयक लक्ष्‍मीकांत शर्मा ने कहा कि मच्‍छरों को भगाने के लिए कराई जाने वाली फागिंग में मेलाथियान व पैथराडिक्स जैसे कीटनाशक का प्रयोग किया जाता है। सामान्य तौर पर यह मनुष्य पर कम प्रभाव डालती है, लेकिन अगर अधिक मात्रा में इसका धुआं शरीर के अंदर पहुंच जाए तो घातक हो सकता है।


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