पीलीभीत: बच्चों के कटे नाम, घरों में नहीं जली दिवाली: कौन जिम्मेदार? मानदेय न मिलने पर सफाईकर्मियों का विरोध
तीन महीने से वेतन न मिलने पर सफाईकर्मियों के घरों में दीपावाली नहीं मनाई गई। बच्चों के नाम स्कूल से काट दिए गए। पीलीभीत की नौगवां पकड़िया में कर्मचारियों ने हड़ताल कर EO का घेराव किया। पुलिस बुलानी पड़ी।
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प्रतीकात्मक चित्र
जागरण संवाददाता, पीलीभीत। नगर पंचायत नौगवां पकड़िया में पिछले तीन महीनों से मानदेय नहीं मिलने से परेशान सफाईकर्मियों ने शनिवार को हड़ताल कर नगर पंचायत में जमकर हंगामा किया। हालात इतने बिगड़ गए कि पुलिस को बुलाना पड़ा। वहीं ईओ के पहुंचने पर कर्मचारियों ने घेराव कर नोकझोंक हुई। ईओ ने मानदेय दिलाए जाने का आश्वासन देकर कर्मचारियों को शांत कराया।
शहर से सटी नगर पंचायत नौगवां पकड़िया में कस्बे की सफाई व्यवस्था से लेकर कार्यालय के अन्य कार्य तक के लिए आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की तैनाती की गई है। यहां करीब 88 कर्मचारी कार्यरत हैं, जिनमें 70 सफाईकर्मी हैं। यहां सरकारी कर्मचारी के रुप में सिर्फ लिपिक अर्जुन ही तैनात है। यह ठेका कई सालों से चल रहा था।
अक्टूबर माह में राजनीतिक समन्वय के चलते ठेका लखनऊ की एक फर्म को दे दिया गया। ठेका बदलने की जानकारी कर्मचारियों तक को नहीं हुई। वह अपना कार्य करते रहे। लेकिन दीपावली के त्योहार पर जब कर्मचारियों को मानदेय नहीं मिला। इस पर उन्होंने चेयरमैन से लेकर ईओ से शिकायत की। लेकिन समाधान नहीं हुआ।
जल्द ही मानदेय मिलने का आश्वासन मिलने के बाद शनिवार को कर्मचारियों ने हड़ताल कर दी। नगर पंचायत कार्यालय पहुंचकर प्रदर्शन किया। इतना ही नहीं वहां पहुंचे कर्मचारियों ने फर्जी तरीके से कर्मचारियों के भुगतान न करने का तक का आरोप लगाया। हंगामे की सूचना पर पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। लेकिन कर्मचारी जिद पर अड़े रहे। जानकारी होने पर ईओ हरिपाल गंगवार मौके पर पहुंचे।
इस पर कर्मचारियों ने ईओ का चैंबर में घेराव किया। कर्मचारियों का कहना था कि उन्हें तीन माह से मानदेय नहीं मिला। दिवाली के त्योहार पर लोगों के घरों में दीपक नहीं जल सके। अब हालात यह है कि कर्मचारियों के बच्चों का स्कूल वालों ने फीस न जमा होने पर नाम तक कट दिए हैं।
ईओ बोले... ठेकेदार गायब, जारी कर चुके नोटिस
नगर पंचायत के कर्मचारियों का तीन माह का मानदेय न मिलने के मामले ईओ हरिपाल गंगवार का तर्क है कि अक्टूबर माह में टेंडर लखनऊ की एबी फर्म को दिया गया था। उनके द्वारा कर्मचारियों का न बिल बाउचर दिए गए हैं और न ही ईपीएफ के अभिलेख जमा किए गए। अब वह काम करने में असमर्थ हैं। इसको लेकर उन्हें नोटिस जारी किया गया हैं। मगर उनके द्वारा कोई जवाब नहीं दिया। ऐसे में व्यवस्था चौपट न हो इसलिए नए सिरे से टेंडर किया जा रहा है। जिसकी प्रक्रिया शुरु कर दी गई है।
यह बात सही है कि ठेकेदार के द्वारा कर्मचारियों को मानदेय नहीं मिला है। इसको लेकर ठेकेदार को नोटिस जारी कर दिया गया हैं। ठेकेदार को भी कोई भुगतान नहीं किया गया है। अब नए सिरे से टेंडर प्रक्रिया कराई जाएगी।
- हरिपाल गंगवार, नगर पंचायत नौगवां पकड़िया
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