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    डंकी रूट से 32 लाख में पहुंचा अमेरिका, सालभर रहा जेल में बंद; छूटा तो इंडिया आकर उठाया चौंकाने वाला कदम

    Updated: Sun, 09 Mar 2025 08:09 PM (IST)

    अमेरिका में नौकरी दिलाने का झांसा देकर एजेंटों ने मंजीत से 32 लाख रुपये लिए और अवैध डंकी रूट से भेज दिया। मंजीत को नाव बस और पैदल रास्तों से सफर कर इक्वाडोर पनामा मैक्सीकली होते हुए अमेरिका भेजा गया जहां वह पकड़ा गया और एक साल जेल में रहा। 2022 में भारत लौटने पर आरोपितों से रुपये मांगे तो धमकी मिलने लगी।

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    डंकी रूट से 32 लाख में पहुंचा अमेरिका - प्रतीकात्मक तस्वीर।

    जागरण संवाददाता, पीलीभीत। मंजीत को नौकरी के लिए अमेरिका जाना था इसलिए 32 लाख रुपये दे दिए। इतनी धनराशि लेने के बावजूद एजेंट दो भाइयों ने अवैध रास्ते से भेज दिया। मंजीत को नाव से सफर करना पड़ा, कई किमी पैदल चले। विदेश में एजेंट रैकेट के सदस्य उन्हें मुसीबत में फंसाकर रुपये वसूलते रहे।

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    इसके बाद डंकी रूट से अमेरिका पहुंचे, वहां पकड़े गए। एक वर्ष जेल काटने के बाद वापस लौटते मंजीत ने आरोपित कुलविंदर सिंह और उसके भाई बलविंदर सिंह पर रविवार को प्राथमिकी कराई।

    अमेरिका में नौकरी का दिलाया था भरोसा

    हरदासपुर गांव निवासी मंजीत सिंह ने बताया कि कुलविंदर ने आश्वासन दिया था कि अमेरिका का वीजा, नौकरी आदि लगवा देगा।  आरोपितों ने उसे वर्ष 2019 में दिल्ली से लिंवा होते हुए इकवाडोर की फ्लाइट में बैठा दिया। इकवाडोर में उसे एक आदमी मिला, जिसने उसको एक कमरे में दो दिन तक बंद रखा।

    घर से दो लाख रुपये मंगाने की बात कही। उसने अपने पिता से फोन पर जब दो लाख रुपये मांगे तो उसके पिता ने बलविंदर से इसकी शिकायत की। बलविंदर ने दो लाख रुपये दे देने को कहा। जिसके बाद उसके पिता ने बलविंदर को दो लाख रुपये दे दिए।

    उसके बाद उक्त युवक ने उसको नाव, बस और पैदल रास्ते से कोलंबिया, मेडेलीन, निकौली, निकारगोवा होते हुए पनामा के जंगल से पैदल निकाला गया। जहां से उसको मैक्सीकली भेज दिया गया। वहां पर वह सात माह तक रहा। इसके बाद उसे फिर दो लाख रुपये लिए गए।

    दो लाख रुपये लेने के बाद उसके बार्डर पार कराकर अमेरिका भेजा गया। जहां उसको अमेरिका पुलिस ने पकड़कर उसको जेल भेज दिया। जेल में एक साल तक रहने के बाद वह अमेरिका से प्रमाणपत्र देकर उसे वर्ष 2022 में भारत वापस भेज दिया गया।

    काटनी पड़ी एक साल की सजा

    एक वर्ष सजा के बाद वर्ष 2022 में भारत वापस भेज दिया गया। आरोप है कि तभी से निरंतर बलविंदर से रुपये वापस मांग रहे, मगर उसने मना कर दिया। अब धमकी दे रहा। उसके विरुद्ध धोखाधड़ी, ठगी, फर्जीवाड़ा, धमकाने आदि धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की गई है।

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