Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    उत्तर प्रदेश पुलिस ने गिरफ्तार किया दिल्ली का युवक, तलाशी में मिले तीन आधार कार्ड

    Updated: Thu, 25 Sep 2025 03:45 PM (IST)

    पीलीभीत साइबर पुलिस ने डिजिटल अरेस्ट कर ठगी करने के मामले में फरार दिल्ली निवासी फैसल को गिरफ्तार किया है। उसके पास से मोबाइल फर्जी आधार कार्ड पासबुक चेकबुक एटीएम कार्ड और रुपये बरामद हुए हैं। पुलिस ने उसे मुखबिर की सूचना पर पोस्टमार्टम हाउस के पास से पकड़ा। फैसल और उसके साथियों पर जेल कर्मी से 57 लाख से अधिक की ठगी का आरोप है।

    Hero Image
    उत्तर प्रदेश पुलिस ने गिरफ्तार किया दिल्ली का युवक, तलाशी में मिले तीन आधार कार्ड

    जागरण संवाददाता, पीलीभीत। साइबर थाना पुलिस ने डिजिटल अरेस्ट कर ठगी करने के मामले में फरार चल रहे आरोपित दिल्ली निवासी फैसल को गिरफ्तार किया है। 

    आरोपित के पास से दो मोबाइल फोन, 50 हजार रुपये, तीन फर्जी आधार कार्ड, दो पासबुक, दो चेकबुक, तीन एटीएम कार्ड और सिम कार्ड बरामद हुए है। पुलिस ने आरोपित को पोस्टमार्टम हाउस के पास मुखबिर की सूचना पर दबोचा। इसके पांच साथियों को विगत पांच सितंबर को गिरफ्तार कर जेल भेजा चुका है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पुलिस अधीक्षक अभिषेक यादव ने बताया कि आरोपित फसल सिद्दीकी ने अपने साथियों के साथ दिसंबर 2024 में जेल कर्मी जगमोहन सैनी को डिजिटल अरेस्ट कर 57 लाख 89 हजार 776 की ठगी की थी। 

    पुलिस ने आरोपित के पांच साथियों को 5 सितंबर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। फैसल की तलाश की जा रही थी। मुखबिर की सूचना के आधार पर शहर के पोस्टमार्टम हाउस के पास से फैसल सिद्दीकी निवासी अब्दुल फजल निवासी एनक्लेव शाहीन बाग, साउथ दिल्ली को गिरफ्तार किया गया है।

    फैसल ने पूछताछ में पुलिस टीम को बताया कि वह अपने साथियों के साथ भोले-भाले आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्तियों से उनके चालू खाते की पासबुक, एटीएम कार्ड और चेक बुक लेकर बदले में तीन से चार प्रतिशत कमीशन देता था। 

    इन खातों का उपयोग साइबर धोखाधड़ी में प्राप्त धनराशि को स्थानांतरित करने के लिए करता है। साथ ही गरीब व्यक्तियों के वास्तविक आधार और पैन कार्ड से नए नंबर और फर्जी फर्म बनाकर विभिन्न बैंकों में करंट अकाउंट खुलवाता था, जिन्हें डिजिटल अरेस्ट, आनलाइन ठगी, निवेश धोखाधड़ी और अन्य साइबर अपराधों को अंजाम देते था। जिससे खाते में पड़े पैसे गिरोह के सरगना को स्थानांतरित किए जाते है।