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    यूपी की कानून-व्यवस्था पर राष्ट्रपति को रिपोर्ट देंगे : राम नाईक

    By Dharmendra PandeyEdited By:
    Updated: Mon, 27 Jun 2016 07:05 PM (IST)

    राज्यपाल ने कल जालौन में बताया कि दादरी, मथुरा, कैराना प्रकरण व लखनऊ में दिनदहाड़े लूट और हत्या की घटनाओं पर मुख्यमंत्री से रिपोर्ट मांगी है।

    लखनऊ (जेएनएन)। राज्यपाल राम नाईक एक बार फिर उत्तर प्रदेश की कानून-व्यवस्था को लेकर बेहद गंभीर हो गये हैं। राज्यपाल ने कल जालौन में बताया कि दादरी, मथुरा, कैराना प्रकरण व लखनऊ में दिनदहाड़े लूट और हत्या की घटनाओं पर मुख्यमंत्री से रिपोर्ट मांगी है। मुख्यमंत्री से इन प्रकरणों की जानकारी मिलने पर वह राष्ट्रपति को रिपोर्ट भेजेंगे, जिससे उन्हें प्रदेश की कानून व्यवस्था से अवगत कराया जा सके।

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    राष्ट्रधर्म मासिक पत्रिका व मिलाप चंद्र बेताला मेमोरियल ट्रस्ट भुवनेश्वर के के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित पद्मश्री पंडित वचनेश त्रिपाठी स्मृति व्याख्यानमाला समारोह में बतौर मुख्य अतिथि पहुचे राज्यपाल ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि राज्यपाल होने के नाते उनका दायित्व है कि प्रदेश की घटनाओं से राष्ट्रपति को अवगत कराया जाए, इस वजह से उन्होंने इन घटनाओं पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।

    समाजवादी पार्टी तथा कौमी एकता दल के विलय को लेकर मचे राजनीतिक उथलपुथल समेत अन्य राजनीतिक सवालों पर उन्होंने कोई भी उत्तर देने से मना कर दिया। इससे पहले समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अपनी कुर्सी बचाने के लिए लोकतंत्र की हत्या आपातकाल लगाकर की थी, लेकिन उस वक्त लोकतंत्र से प्रहरियों ने आपातकाल के खिलाफ संघर्ष किया और डेढ़ वर्ष में ही आपातकाल समाप्त हो गया। यह समयावधि लोकतंत्र के लिए काला कालखंड थी।

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    उस वक्त लोकतंत्र समर्थक स्वयं काम मांगते थे और देश में लोकतंत्र की बहाली के लिए काम कर रहे थे। जेलों में बंद लोगों के परिवारीजन की मौतें हुईं तो उन्हें पैरोल तक नहीं मिली। ऐसे ही लोगों के संघर्ष की वजह से लोकतंत्र की बहाली मात्र डेढ़ वर्ष में हो गई। इस मौके पर राज्यपाल राम नाईक ने छह मीसा बंदियों सम्मानित किया।