2009 आवासीय भूखंड योजना विवाद: यीडा को लगा झटका, HC ने रेरा के आदेश को सही ठहराया, अब SC जाने की है 'तैयारी'
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) की 2009 की आवासीय भूखंड योजना से जुड़े विवाद में रेरा के आदेश को सही ठहराया है। अदालत ने यीडा को आवंटियों को ब्याज सहित पैसा वापस करने का निर्देश दिया है। यीडा अब इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की तैयारी कर रहा है।

प्रतीकात्मक तस्वीर।
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। यमुना प्राधिकरण 2009 की आवासीय भूखंड योजना के आवंटियों की याचिका पर इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे सकता है। इसके लिए प्राधिकरण विधिक राय लेगा। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने आवासीय भूखंड योजना के आवंटियों की अपीलों का निस्तारण करते हुए बकाया रकम के साथ विलंब के लिए ब्याज देने के रेरा के आदेश को सही ठहराया था।
अतिरिक्त मुआवजा राशि का बोझा और थोप दिया
यीडा ने 2009 में पहली आवासीय भूखंड योजना में 21 हजार भूखंडों का आवंटन किया था। आवंटियों को 2013 में भूखंड पर कब्जा मिलना था, लेकिन किसानों के साथ कानूनी विवाद के कारण यीडा आवंटियों को समय से कब्जा नहीं दे पाया। इसके अलावा आवंटियों पर शासनादेश के तहत 64.7 प्रतिशत अतिरिक्त मुआवजा राशि का बोझा और थोप दिया।
2017 में रेरा के गठन के बाद आवंटियों ने अपील की। आवंटियों ने भूखंड पर कब्जा देने में देरी के लिए यमुना प्राधिकरण से मुआवजे की मांग की। यीडा ने तर्क दिया कि योजना से बाहर निकालने वाले आवंटियों को मूल राशि के साथ छह प्रतिशत ब्याज दिया गया है। इसके अतिरिक्त आवंटियों को 2013 से 2016 तक शून्य काल का लाभ भी दिया गया है।
संशोधित करते हुए यीडा को आदेश दिया
रेरा ने आवंटियों के पक्ष में फैसला देते हुए विलंबित कब्जे पर चार प्रतिशत वार्षिक ब्याज देने का आदेश दिया था, लेकिन सितंबर 2023 में अपीलीय अधिकरण ने इसे संशोधित करते हुए यीडा को आदेश दिया कि वह आवंटन की तारीख से चार साल बाद या कुल प्रीमियम के 75 प्रतिशत भुगतान के बाद (जो भी बाद में हो) से लेकर कब्जा, पूर्णता व अधिभोग प्रमाण पत्र जारी होने तक एमसीएलआर के साथ एक प्रतिशत ब्याज राशि का भुगतान करे।
ब्याज के आदेश को बरकरार रखा
कब्जा ले चुके खरीदारों का ब्याज उसी तिथि तक मान्य किया। हाई कोर्ट ने 15 अक्टूबर को फैसला सुनाते हुए कहा कि अपीलीय अधिकरण के पूर्व भुगतान के समायोजन और ब्याज की गणना के आदेश को बरकरार रखा।
इसके खिलाफ यीडा सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकता है। इससे पहले विधिक राय ली जाएगी। सेक्टर 18 में 9,865 और सेक्टर 20 में 10,541 भूखंड आवंटित किए गए थे। 16,562 भूखंडों की चेकलिस्ट जारी की जा चुकी है, लगभग 12,000 भूखंड की रजिस्ट्री हो चुकी है।

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