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    ग्रेटर नोएडा में 10 साल पहले हुए अखलाक हत्याकांड में कब-कब क्या हुआ? एक क्लिक में पढ़ें पूरी टाइमलाइन

    Updated: Tue, 23 Dec 2025 03:35 PM (IST)

    ग्रेटर नोएडा के बिसाहड़ा गांव में 2015 में गोमांस की अफवाह के चलते अखलाक की हत्या कर दी गई थी, जिसमें उसका बेटा दानिश गंभीर रूप से घायल हो गया था। इस ...और पढ़ें

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    ग्रेटर नोएडा का अखलाक हत्याकांड। जागरण

    डिजिटल डेस्क, ग्रेटर नोएडा। Greater Noida Akhlaq Murder Case करीब 10 साल पहले उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में हुए अखलाक हत्याकांड से पूरा देश दहल उठा था। क्योंकि ग्रेटर नोएडा में गोमांस के सेवन की अफवाह के बाद भीड़ ने गांव के अखलाक नाम के व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। इस घटना में उसका बेटा दानिश भी गंभीर रूप से घायल हो गया था।

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    घटना से गांव में फैल गया था तनाव

    ग्रेटर नोएडा के बिसाहड़ा गांव में हुई इस घटना से पूरे गांव में तनाव पैदा हो गया था। जिले की पुलिस ने इस मामले की गंभीरता को समझते हुए किसी तरह लोगों को समझाकर शांत किया था। वहीं, पीड़िता परिवार की ओर से शिकायत करके हत्यारोपियों की गिरफ्तारी और इंसाफ की मांग की गई थी।

    थाना जारचा क्षेत्र के बिसाहड़ा गांव में 28 सितंबर 2015 की रात को हुई अखलाख की हत्या के मामले में उनकी पत्नी इकरामन ने गांव के 10 लोगों के खिलाफ नामजद मामला दर्ज कराया था। पुलिस विवेचना में चश्मदीद गवाहों पत्नी इकरामन, मां असगरी, पुत्री शाहिस्ता और पुत्र दानिश के बयान दर्ज हुए थे।

    अब तक कब-कब क्या हुआ?

    2015 - घटना और शुरुआती सुनवाई

    28 सितंबर 2015

    बिसहड़ा गांव (दादरी, उत्तर प्रदेश) में भीड़ ने 52 वर्षीय मोहम्मद अखलाक पर शक के आधार पर हमला किया कि उसने गाय का बछड़ा मारकर उसका मांस रखा है। भीड़ ने लाठियों, ईंटों और चाकू से उन पर हमला किया।

    अखलाक की मौत हो गई, उनका बेटा दानिश गंभीर रूप से घायल हो गया।

    30 सितंबर – 1 अक्टूबर 2015

    पुलिस ने हत्या, दंगा, भेद्य हथियार के साथ दंगा आदि धाराओं में एफआईआर दर्ज की और कई आरोपियों को गिरफ्तार किया।

    23 दिसंबर 2015

    पुलिस ने 18 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। बड़े गवाहों के बयानों में आरोपियों के नाम बढ़ते गए थे।

    9 जुलाई 2016

    अदालत के निर्देश पर अखलाक और उसके परिवार के खिलाफ भी एफआईआर दाखिल कर दी गई, जिसमें मांस नमूने पर विवादित रिपोर्ट के असर को वजह बताया गया।

    2016–2024 - लंबित ट्रायल

    अकसर सुनवाई होती रही, बयान दर्ज होते रहे और मामला कोर्ट में लंबित रहा। कई आरोपियों ने जमानत ले रखी है, और एक आरोपी न्यायिक हिरासत में रहते हुए मर चुका है।

    2025 - मामला वापस लेने की कोशिश और मौजूदा अपडेट

    26 अगस्त 2025

    उत्तर प्रदेश सरकार ने केस वापस लेने का आधिकारिक निर्णय लिया।

    12 सितंबर 2025

    प्रॉसिक्यूशन ने अक्षय आदेश के बाद ट्रायल कोर्ट में मामला वापस लेने की कार्रवाई शुरू की।

    15 अक्टूबर 2025

    राज्य सरकार ने सीआरपीसी की धारा 321 के तहत ट्रायल कोर्ट में आधिकारिक केस वापस लेने की अर्जी दाखिल की।

    12 दिसंबर 2025

    फास्ट-ट्रैक कोर्ट में केस वापसी की अर्जी पर सुनवाई हुई। सरकार का कहना था कि सुनवाई लंबित है और सामाजिक सद्भाव बनाना उद्देश्य है। कोर्ट ने अगली तारीख तय की।

    18 दिसंबर 2025

    सुनवाई जारी रही। कोर्ट ने दोनों पक्षों को रिकॉर्ड करने के लिए और समय दिया। अगली सुनवाई 23 दिसंबर 2025 तय की गई।

    23 दिसंबर 2025 (लेटेस्ट)

    सेशन कोर्ट (नोएडा फ़ास्ट-ट्रैक) ने प्रॉसिक्यूशन की केस वापसी की अर्जी को खारिज कर दिया, इसे “महत्वहीन और आधारहीन” बताया

    यह है मामला

    28 सितंबर 2015 की रात थाना जारचा क्षेत्र के बिसाहड़ा गांव में गोमांस के सेवन की अफवाह के बाद भीड़ ने गांव निवासी अखलाक की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। उसका बेटा दानिश गंभीर रूप से घायल हुआ था। अखलाक की पत्नी इकरामन ने दस लोगों के खिलाफ नामजद मामला दर्ज कराया था। पुलिस विवेचना में चश्मदीद गवाहों पत्नी इकरामन, मां असगरी, पुत्री शाहिस्ता और पुत्र दानिश के बयान दर्ज हुए थे।

    यह भी पढ़ें- अखलाक हत्याकांड में केस वापस लेने की अर्जी खारिज, कोर्ट ने महत्वहीन और आधारहीन बताया

    वहीं, शुरुआती बयानों में 10 आरोपितों का नाम आया था। बाद के बयानों में गवाहों ने अन्य और 16 नाम जोड़े थे। अखलाक की पुत्री शाहिस्ता के 26 नवंबर 2015 के बयान में 16 आरोपियों का जिक्र किया गया था। 5 दिसंबर-2015 को दानिश ने 19 लोगों के नाम बताए थे। विवेचक ने 22 दिसंबर 2015 को अदालत में 18 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। वर्तमान में सभी आरोपित जमानत पर हैं।