SIR in UP: उर्दू में नाम और पता देख टेंशन में BLO, अधिकारियों को टारगेट पूरा करने का सता रहा डर
नोएडा में मतदाता सूची पुनरीक्षण में बीएलओ को उर्दू में दर्ज नामों के कारण सत्यापन में मुश्किल हो रही है। कई सेक्टरों में मतदाताओं के नाम उर्दू में होने से पते और पहचान में दिक्कत आ रही है। बीएलओ एप और दस्तावेजों से मदद ले रहे हैं, लेकिन अधूरे पते और फोन नंबर की कमी से परेशानी हो रही है। कई मतदाताओं को एपिक नंबर की जानकारी नहीं है, जिससे सत्यापन प्रक्रिया धीमी हो गई है।

स्वाति भाटिया, नोएडा। मतदाता सूची के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण अभियान में इस बार बीएलओ को नई चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। नोएडा में कई सेक्टरों में बड़ी संख्या में ऐसे मतदाता मिले हैं, जिनके नाम उर्दू में दर्ज हैं।
वहीं, नाम और पते को पढ़ने में आने वाली यह बाधा घर-घर सत्यापन प्रक्रिया को धीमा कर रही है। नतीजतन न तो संबंधित मतदाता मिल पा रहे हैं और न ही रिकॉर्ड का सही मिलान हो पा रहा है। बुधवार को दैनिक जागरण की पड़ताल में यह स्थिति कई सेक्टरों में देखने को मिली। बीएलओ मोबाइल एप, फोटो और दस्तावेजों की मदद से नाम समझने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन पते और फोन नंबर की कमी के कारण मतदाताओं को ढूंढ पाना मुश्किल हो रहा है।
सेक्टर-70: आधे फॉर्म भी नहीं हुए पूरे
सुबह 11:45 बजे सेक्टर-70 के ब्लॉक ए, बी, बीएच और बीएस में 2034 फार्म आवंटित हैं, जबकि ब्लॉक बी में कुल 850 घर हैं। यहां अब तक 50 प्रतिशत फॉर्म ही भरे जा सके हैं। ड्यूटी पर तैनात बीएलओ संजीव कुमार ने बताया कि बड़ी संख्या में फॉर्म ऐसे हैं जिनमें नाम उर्दू में दर्ज हैं और पते व फोन नंबर गायब हैं। ऐसे में न तो नाम पढ़ पाना आसान है और न ही मतदाता की पहचान करना।
आरडब्ल्यूए अध्यक्ष अमित चौहान मौके पर अपनी टीम के साथ मौजूद मिले। उन्होंने बताया कि सुबह 10 बजे से टीम लगातार काम कर रही है, मगर वर्किंग क्लास के लोग घर नहीं मिलते। कई लोगों के दो-दो वोट भी मिले हैं, जिन्हें हटाया जा रहा है।
सेक्टर-46: 60 प्रतिशत फॉर्म हुए पूरे, एपिक नंबर की जानकारी नहीं
दोपहर 12:30 बजे सेक्टर-46 के सी, ए, बी और के ब्लॉक में 3254 फॉर्म मिले, जिनमें से लगभग 60 प्रतिशत पूरे हो चुके हैं।बीएलओ ज्योति भट्ट और मीनाक्षी के साथ टीसी गौड़ मतदाताओं की तलाश में घूम रहे थे। उन्होंने बताया कि यहां अधिकांश लोगों को अपना एपिक नंबर तक नहीं पता। कई लोग बाहर निकलकर फॉर्म लेने को तैयार नहीं हैं। यहां भी कुछ फॉर्म उर्दू भाषा में पाए गए, जिनका सत्यापन कठिन हो गया है।
सेक्टर-50: गलत पता और बिना नंबर के फॉर्म बन रहे बाधा
दोपहर 1:15 बजे सेक्टर-50 के ए, के और सी ,डी ब्लॉक में बीएलओ सुमन ने बताया कि टीम में पांच लोग हैं, मगर समस्या यहां भी वही है- कई नाम उर्दू में लिखे हैं, पता अधूरा है और फोन नंबर मौजूद नहीं है। इस कारण मतदाताओं का पता लगाना लगभग असंभव हो रहा है।
मतदाताओं की परेशानी भी बढ़ी
अखिल कुमार यादव ने बताया कि उनका वोट सेक्टर-70 में था, लेकिन इस बार सूची में सेक्टर-78 दिखाया गया। इसके लिए उन्हें 78 जाकर बीएलओ को सूचना देनी पड़ी, तब जाकर त्रुटि सुधरी।
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अमित चौहान ने कहा कि कई लोग किराए पर रहते थे और अब यहां नहीं हैं, जिससे सत्यापन में दिक्कत हो रही है। कई व्यक्तियों के दो-तीन नाम दर्ज हैं, जिन्हें हटाया जा रहा है। साथ ही उर्दू में दर्ज नाम भी बड़ी चुनौती हैं।

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