सुपरटेक के 27 हजार फ्लैट्स खरीदारों के लिए खुशखबरी, इस प्रक्रिया के बाद मिलेगा अपना घर; SC ने दी मंजूरी
नोएडा में सुपरटेक ग्रुप के सुपरनोवा रेजिडेंशियल टावर्स के खरीदारों को बड़ी राहत मिली है। रिटायर्ड चीफ जस्टिस एमएम कुमार की अध्यक्षता वाली कमेटी प्रोजे ...और पढ़ें

नोएडा में सुपरटेक ग्रुप के सुपरनोवा रेजिडेंशियल टावर्स के खरीदारों को बड़ी राहत मिली है। फाइल फोटो
कुंदन तिवारी, नोएडा। सुपरटेक ग्रुप के सुपरनोवा रेजिडेंशियल टावर्स ईस्ट और वेस्ट के खरीदारों को बड़ी राहत मिली है। जम्मू-कश्मीर के रिटायर्ड चीफ जस्टिस एमएम कुमार की अध्यक्षता वाली एक कमेटी इस प्रोजेक्ट की देखरेख करेगी और सभी काम पूरे होने को सुनिश्चित करेगी। बिल्डर अब इस प्रोजेक्ट का हिस्सा नहीं रहेगा। इस आदेश से 18 सुपरटेक प्रोजेक्ट्स के 27,000 खरीदारों में उम्मीद जगी है, क्योंकि उन्हें उम्मीद है कि यह आदेश दूसरे प्रोजेक्ट्स पर भी लागू हो सकता है।
कमेटी में जम्मू-कश्मीर के रिटायर्ड चीफ जस्टिस, SCLT के एक अधिकारी और NBCC के पूर्व चेयरमैन शामिल हैं। अथॉरिटी अब बकाया रकम के कारण खरीदारों की प्रॉपर्टी का रजिस्ट्रेशन नहीं रोक सकती। सुपरटेक सुपरनोवा ईस्ट और वेस्ट के खरीदारों ने सबसे पहले NCLAT में बिल्डर के खिलाफ याचिका दायर की थी। वहां से उनके पक्ष में आदेश मिलने के बाद, उन्होंने सोसाइटी का कंट्रोल ले लिया।
इसके बाद उन्होंने रजिस्ट्रेशन में देरी को लेकर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि खरीदारों के रजिस्ट्रेशन को प्राथमिकता दी जाए। प्रोजेक्ट से मिलने वाला पैसा सबसे पहले कंस्ट्रक्शन के काम में इस्तेमाल किया जाएगा, उसके बाद बैंक लोन चुकाए जाएंगे। ये काम पूरे होने के बाद, अगर कोई फंड बचता है, तो अथॉरिटी का बकाया चुकाया जाएगा। अथॉरिटी का बकाया रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में बाधा नहीं बनेगा। AOA के सुरेश नंदवानी ने कहा कि यह AOA और निवासियों के लिए एक बड़ी जीत है।
ग्रुप चेयरमैन की ED गिरफ्तारी के कारण रुके प्रोजेक्ट्स
निवासियों का कहना है कि सुपरटेक ग्रुप के चेयरमैन आरके अरोड़ा की प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा गिरफ्तारी के कारण 18 प्रोजेक्ट्स रुक गए हैं, जिससे 27,000 फ्लैट खरीदार अपने सपनों के घरों को लेकर अनिश्चितता में हैं। ग्रुप को इन प्रोजेक्ट्स में फ्लैट्स के निर्माण के लिए ओकट्री फाइनेंशियल से 1600 करोड़ रुपये जुटाने की अनुमति मिली थी। उन्होंने 20,000 फ्लैट खरीदारों को दो साल के भीतर घर देने का वादा किया था। 11 मई को सुप्रीम कोर्ट ने जून 2022 के नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) के आदेश में दखल न देने का फैसला किया।
मैनेजमेंट ने कहा कि सुपरटेक ने ओकट्री फाइनेंशियल से प्रायोरिटी फंडिंग हासिल की है। इस प्रायोरिटी फंडिंग की मदद से, यह अगले दो सालों में अपने सभी प्रोजेक्ट्स पूरे करेगा और फ्लैट खरीदारों, बैंकरों, कर्ज देने वाली संस्थाओं और अथॉरिटी के प्रति अपनी सभी प्रतिबद्धताओं को पूरा करेगा। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का स्वागत करते हुए कहा कि यह सभी स्टेकहोल्डर्स – घर खरीदारों, अधिकारियों, कर्ज देने वालों और अन्य फाइनेंशियल लेनदारों के पक्ष में एक ऐतिहासिक फैसला है।
| सोसाइटी | फ्लैट्स की संख्या |
|---|---|
| केपटाउन | 1037 |
| नॉर्थ आई | 2393 |
| इको विलेज वन | 2913 |
| दून स्क्वायर | 489 |
| इको सिटी | 92 |
| इको विलेज थर्ड | 2830 |
| रोमानो | 1862 |
| सीजर | 830 |
| ग्रीन विलेज | 1123 |
| हिल टाउन | 3509 |
| मेरठ स्पोर्ट्स सिटी | 1256 |
| मिकासा | 120 |
| रिवर क्रिसेंट | 764 |
| स्पोर्ट विलेज | 3416 |
| अपकंट्री | 4842 |

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