नोएडा में गैंग्स्टर में दोषी सुंदर भाटी समेत 10 लाेगों को नौ-नौ वर्ष का कठोर कारावास
ग्रेटर नोएडा जिला न्यायालय ने गैंग्स्टर सुंदर भाटी समेत 10 लोगों को कासना कोतवाली में दर्ज मामले में दोषी करार देते हुए नौ-नौ वर्ष की सजा सुनाई। सुंदर ...और पढ़ें

गैंग्स्टर सुंदर भाटी समेत 10 लाेगों को दोषी करार देते हुए नौ-नौ वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई।
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। जिला न्यायालय ने गैंग्स्टर सुंदर भाटी समेत 10 लाेगों को कासना कोतवाली में दर्ज एक मामले में दोषी करार देते हुए नौ-नौ वर्ष के कठोर कारावास और 20-20 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है। दोषियों में सुंदर भाटी, सिंहराज, विकास पंडित, योगेश, ऋषिपाल, बाबी उर्फ शेरसिंह, सोनू, यतेंद्र चौधरी, अनूप भाटी और दिनेश भाटी शामिल हैं।
फिलहाल सिंहराज और ऋषिपाल को छोड़कर बाकी आठ दोषी अपनी घोषित सजा से अधिक अवधि जेल में बिताने के कारण रिहा कर दिए गए हैं। जबकि सिंहराज और ऋषिपाल को शेष सजा पूरी करने के जेल भेजा गया है।
कासना कोतवाली क्षेत्र के नियाना गांव में आठ फरवरी 2015 में घटना हुई थी। शादी समारोह से लौटते समय दादूपुर के ग्राम प्रधान और सपा नेता हरेंद्र नागर, उनके सरकारी गनर भूदेव शर्मा पर नियाना गांव में जानलेवा हमला हुआ था। दोनों की मौके पर ही मौत हो गई थी। हमलावर बदमाशों में से एक जतिन खत्री भी मारा गया था।
आरोप था कि हरेंद्र नागर और सुंदर भाटी के बीच सरिया चोरी, स्क्रैप और पानी सप्लाई को लेकर रंजिश थी। इसी के चलते हरेंद्र की सुपारी देकर हत्या कराई गई थी। पीड़ित स्वजन की तहरीर पर पुलिस ने सुंदर भाटी समेत 13 आरोपितों के खिलाफ मामला दर्ज कर जेल भेज दिया था। पुलिस ने विवेचना पूरी कर चार्जशीट अदालत में दाखिल की थी।
मामले की सुनवाई पूरी होने पर अदालत ने अप्रैल 2021 में इसी हत्याकांड में सुंदर भाटी सहित 12 को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। अक्टूबर 2024 में सुंदर भाटी को इलाहाबाद हाई कोर्ट से जमानत मिली थी, इसके बाद दिल्ली में रहने लगा। सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की अदालत के सामने दलीलें रखी। अभियोजन पक्ष ने कहा कि आरोपित संगठित गिरोह बनाकर आर्थिक और भौतिक लाभ के लिए दिन दहाड़े हत्याएं करते रहे हैं।
इसलिए अधिकतम सजा देनी जरूरी है। बचाव पक्ष ने कहा अधिकांश आरोपित पहले ही अधिकतम सजा काट चुके हैं, इसलिए उन्हें रिहा किया जाए। अदालत ने साक्ष्यों के आधार पर सुंदर भाटी समेत 10 लोगों को दोषी करार देते हुए जेल और अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड की धनराशि जमा नहीं करने पर दोषियों को दो-दो माह की अतिरिक्त जेल की सजा काटनी होगी।
दिल्ली एनसीआर और पश्चिमी यूपी में सुंदरभाटी के नाम का रहा खौफ
दिल्ली-एनसीआर और पश्चिमी यूपी में सुंदर भाटी के नाम का 30 वर्ष खौफ रहा है। पहले वह बुलंदशहर का एक ट्रांसपोर्ट ठेकेदार रहा। इसके बाद सुपारी किलिंग, रंगदारी आदि अपराधों से नाम जुड़ा। 2015 में गौतमबुद्धनगर जेल में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटरों के साथ पुरस्कार वितरण का फोटो व वीडियो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित होने से उसकी राजनीति और अपराध जगत में उसकी पैठ का प्रमाण माना गया। वह राजनीति में भी कदम रखने का इच्छुक था। आरोप लगा था कि सत्ता की राह में आए साथी नरेश भाटी (जिला पंचायत चेयरमैन) की भी उसने हत्या कराई थी।
अतीक अहमद हत्याकांड में भी सुंदर भाटी के नाम की रही थी चर्चा
प्रयागराज में पुलिस अभिरक्षा में अतीक अहमद और अशरफ की हत्या में भी सुंदर भाटी के नाम की चर्चा रही थी। कयास लगाए जा रहे थे कि हथियार उसी ने पहुंचवाए थे, लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हो सकी। यूपी पुलिस की 65 माफियाओं की सूची में भी सुंदर भाटी का नाम शामिल है। इसमें सिंहराज भाटी, अमित कसाना, अनिल भाटी, रणदीप भाटी, मनोज भी शामिल हैं। गाजियाबाद के कुख्यात अनिल दुजाना को एसटीएफ 2023 में मुठभेड़ में मार चुकी है। फिलहाल अभी गौतमबुद्धनगर के छह सक्रिय माफिया सूची में हैं।
नोएडा में स्क्रैप और सरिया कारोबार पर कब्जा की जंग सुर्खियों में रही
नोएडा में स्क्रैप और सरिया के कारोबार पर कब्जे की जंग सुर्खियों में रहती है। 2023 में प्रतिद्वंदी माफिया अनिल दुजाना के मारे जाने के बाद सुंदर भाटी का इलाके में प्रभाव बढ़ने के कयास लगाए जा रहे थे। इसी दौरान सपा नेता हरेंद्र नागर के भाई रवि काना को पुलिस ने जेल भेजा और उसकी संपत्तियों को भी जब्त किया था। पुलिस सुंदर भाटी गिरोह की गतिविधियों पर नजर रखे थे। इसके बावजूद उसे कई शादी समारोहों में देखा गया। फिलहाल कोई आपराधिक गतिविधि में शामिल होने की भूमिका नहीं मिली थी।

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